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उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्याल की 30 नर्सों को महीनों से नहीं मिला वेतन, कांग्रेस उपाध्यक्ष ने CM को लिखा खुला पत्र

कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नाम एक खुला पत्र जारी किया है. जिसमें उन्होंने उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में तैनात स्टाफ नर्सों की समस्याओं को उठाया है.

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आयुर्वेदिक विश्वविद्याल की 30 नर्सों को महीनों से नहीं मिला वेतन
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Published : Jun 21, 2020, 8:57 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में 30 आयुर्वेदिक उपचारिकाओं को वेतन नहीं मिलने से कांग्रेस नाराज है. आज कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नाम खुला पत्र जारी किया है. जिसमें उन्होंने इस मामले के निस्तारण की बात कही है.

सूर्यकांत धस्माना ने इस पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का ध्यान उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में तैनात 30 आयुर्वेदिक उपचारिकाओं की ओर खींचा है. उन्होंने बताया है कि उपचारिकाओं को वेतन नहीं मिला है. धस्माना ने कहा उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में लंबे समय तक ताला लटका रहा. जिस कारण स्टाफ नर्सों ने आमरण अनशन तक किया. धस्माना ने कहा कि उस दौरान वे स्वयं जाकर विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव से बात कर उनका आमरण अनशन समाप्त करवाया था.

पढ़ें- रुद्रप्रयाग: व्यापारियों को अभी तक नहीं मिला मुआवजा, उठने लगे विरोध के स्वर

इसके बाद इन 30 उपचारिकाओं को 3 दिसंबर 2019 को नियुक्ति पत्र व 1 जनवरी 2020 को सेवा में योगदान करने का अवसर प्राप्त हुआ. धस्माना ने कहा उन्होंने इस संबंध में उत्तराखंड के सीएम को अनेक पत्र व ज्ञापन विभिन्न माध्यमों से भिजवाये, मगर छह महीने की सेवा के बाद भी आज तक इन स्टाफ नर्सों को विश्वविद्यालय की ओर से वेतन नहीं मिला है.

पढ़ें- VIDEO: पहाड़ी दरकने से बंद हुआ देहरादून-मसूरी मार्ग

कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम कर रही स्टाफ नर्सें क्वारंटाइन सेंटर से लेकर अस्पतालों में कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों और कोरोना के संदिग्ध मरीजों की सेवा में तत्पर हैं. ऐसे में यदि एक सप्ताह के भीतर उनके वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है तो उन्हें मजबूर होकर आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय परिसर में धरने पर बैठने के लिए विवश होना पड़ेगा.

देहरादून: उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में 30 आयुर्वेदिक उपचारिकाओं को वेतन नहीं मिलने से कांग्रेस नाराज है. आज कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नाम खुला पत्र जारी किया है. जिसमें उन्होंने इस मामले के निस्तारण की बात कही है.

सूर्यकांत धस्माना ने इस पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का ध्यान उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में तैनात 30 आयुर्वेदिक उपचारिकाओं की ओर खींचा है. उन्होंने बताया है कि उपचारिकाओं को वेतन नहीं मिला है. धस्माना ने कहा उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में लंबे समय तक ताला लटका रहा. जिस कारण स्टाफ नर्सों ने आमरण अनशन तक किया. धस्माना ने कहा कि उस दौरान वे स्वयं जाकर विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव से बात कर उनका आमरण अनशन समाप्त करवाया था.

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इसके बाद इन 30 उपचारिकाओं को 3 दिसंबर 2019 को नियुक्ति पत्र व 1 जनवरी 2020 को सेवा में योगदान करने का अवसर प्राप्त हुआ. धस्माना ने कहा उन्होंने इस संबंध में उत्तराखंड के सीएम को अनेक पत्र व ज्ञापन विभिन्न माध्यमों से भिजवाये, मगर छह महीने की सेवा के बाद भी आज तक इन स्टाफ नर्सों को विश्वविद्यालय की ओर से वेतन नहीं मिला है.

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कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम कर रही स्टाफ नर्सें क्वारंटाइन सेंटर से लेकर अस्पतालों में कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों और कोरोना के संदिग्ध मरीजों की सेवा में तत्पर हैं. ऐसे में यदि एक सप्ताह के भीतर उनके वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है तो उन्हें मजबूर होकर आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय परिसर में धरने पर बैठने के लिए विवश होना पड़ेगा.

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