देहरादून: वर्षों से गैर पड़े गैरसैंण को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं. गैरसैंण का मुद्दा एक बार फिर उत्तराखंड की सियासत में गुंजने लगा है. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि वो गैरसैंण के पक्ष में हैं और इसलिए वहां विकास कार्य किया जाना है.
जब भी उत्तराखंड विधानसभा का सत्र शुरू होता है तो गैरसैंण का मुद्दा गर्म हो जाता है. सोमवार से उत्तराखंड विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र शुरू होने जा रहा है. ऐसे में एक बार फिर सवाल किया गया कि ये सत्र कहां कराया जाएगा देहरादून या फिर गैरसैंण में. गैरसैंण में सत्र होना या नहीं होना दोनों ही उत्तराखंड की सियासत में चर्चा का विषय है. हालांकि सोमवार से शुरू होने वाला दो दिवसीय विशेष सत्र इस बार देहरादून में ही कराया जा रहा है.
शनिवार को इस पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल का भी बयान आया है. उन्होंने कहा है कि वे पूरी तरह से गैरसैंण के पक्ष में हैं. वे चाहते हैं कि गैरसैंण में सत्र हो. क्योंकि गैरसैंण उत्तराखंड के केंद्र के साथ-साथ आंदोलनकारियों और राज्यवासियों की भावना से भी जुड़ा है.
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विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि गैरसैंण का विधान भवन पूरी तरह से तैयार है. वहां किसी भी समय जाकर सत्र करवाया जा सकता है. गैरसैंण के भराड़ीसैण में मौजूद विधानभवन के समीप एक अंतरराष्ट्रीय सत्र का राजनीतिक शोध संस्थान बनवाया जा रहा है. जिसमें कोशिश की जा रही है कि देश भर के जनप्रतिनिधि गैरसैंण की वादियों में आएं और उसका फायदा वहां की आर्थिकी को हो.