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बारिश-बर्फबारी ने डाला प्रचार में खलल, अवैध खनन मामले पर कांग्रेस फिर आक्रामक, जानें दिनभर की चुनावी हलचल - uttarakhand chunav dinbhar

उत्तराखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. सभी दलों के कई प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार को धार दे रहे हैं. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 से जुड़ी दिनभर की खबरों पर एक नजर...

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चुनाव दिनभर
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Published : Feb 3, 2022, 8:20 PM IST

देहरादून: 'क्या बतां भैजी, देरादूंण मां तक इतरी ठंड छै आज कि खुट भैर नी निकालणा गद्दा बिटीं, यन कंपकंपी छुटनी छै कि कैक चुनाव, यख त जाण बचौंण मुश्किल होंणी च...' जी, ऐसे ही कुछ हालात रहे आज पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड के. आज गुरुवार 3 फरवरी 2022 का दिन उत्तराखंड में मौसम तो बेहद ठंडा रहा ही, प्रदेश में बारिश की वजह से नेता प्रचार के लिए ज्यादा इधर-उधर नहीं जा पाए. जनता भी ठंड के कारण घरों में कैद रही. सुबह से उत्तराखंड में लगातार बारिश और बर्फबारी का सिलसिला जो शुरू हुआ वो देर शाम तक भी जारी रहा. विधानसभा चुनावों के शोर-शराबे के बीच आज का दिन उत्तराखंड में कैसा रहा और किन बयान से हलचल रही, आइए जानते हैं...

जसपुर में सीएम धामी ने किया चुनाव प्रचार: ऐसे में बारिश ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यक्रम में रोड़ा डाल दिया. दरअसल, आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सुबह हवाई मार्ग से खटीमा पहुंचना था, लेकिन बारिश की वजह से उनका प्रोग्राम कैंसिल हो गया, लेकिन मुख्यमंत्री धामी सड़क मार्ग से ही खटीमा के लिए निकल पड़े. बारिश के बीच ही धामी रुड़की-हरिद्वार होते हुए खटीमा के लिए रवाना हुए, जहां उन्होंने अपनी विधानसभा में लोगों के साथ मुलाकात की. साथ ही उन्होंने प्रचार अभियान तेज किया. इसके बाद जसपुर में सीएम धामी ने बीजेपी प्रत्याशी डॉ शैलेंद्र मोहन सिंघल के लिए जनता से वोट मांगे.

खराब मौसम के कारण जेपी नड्डा का दौरा रद्द: बारिश की वजह से आज बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यक्रम भी खटाई में पड़ गया. जेपी नड्डा को आज उत्तरकाशी दौरे पर पहुंचना था. उन्हें गंगोत्री विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी सुरेश चौहान के पक्ष में जनसभा को संबोधन के बाद डोर-टू-डोर प्रचार भी करना था, लेकिन सुबह से हो रही बारिश ने उन्हें दिल्ली से उत्तराखंड आने ही नहीं दिया. आलम ये रहा कि आखिरकार बीजेपी को उनका कार्यक्रम रद्द करना पड़ा.

अब नड्डा के गंगोत्री दौरे के लिए बीजेपी को मौसम साफ होने तक का इंतजार करना होगा. बता दें कि गंगोत्री वही विधानसभा सीट है जिसके साथ सालों पुराना मिथक जुड़ा है. बताया जाता है कि गंगोत्री सीट पर जिस पार्टी का भी प्रत्याशी जीतता है, प्रदेश में सरकार भी उसी पार्टी की बनती है. ये मिथक उत्तर प्रदेश शासनकाल से अभी तक टूटा नहीं है. इसलिए ये सीट सभी पार्टियों की टॉप लिस्ट में शामिल रहती है.

पढ़ें-CM धामी कर रहे ताबड़तोड़ रैलियां, जसपुर में बीजेपी प्रत्याशी के लिए मांगे वोट

बर्फबारी के बीच कर्नल कोठियाल ने किया प्रचार: बारिश-बर्फबारी पार्टी और प्रत्याशियों की खूब परीक्षा ले रही है. कोरोना काल और इस कड़ाके की ठंड के बीच किसी तरह नेता लोग ये परीक्षा दे भी रहे हैं, क्योंकि इस परीक्षा का असर अगले 5 सालों तक रहेगा. ये परीक्षा ही कई नेताओं का राजनीतिक भविष्य भी तय करेगी. यही सोचकर विषम परिस्थितियों में भी नेतागण कैंपेनिंग में लगे हुए हैं. इन मुश्किलों को पार कर डोर टू डोर प्रचार के लिए पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. आम आदमी पार्टी के सीएम कैंडिडेट और गंगोत्री से प्रत्याशी अजय कोठियाल ने भी ऐसी दुश्वारियों के बीच उत्तरकाशी जनपद की गाजणा पट्टी के गांव में डोर टू डोर जनसंपर्क किया. ये नजारा देख कर्नल कोठियाल को केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण की यादें ताजा हो आईं.

फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हरीश रावत: अब बात कर लेते हैं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की. हरीश रावत उत्तराखंड की लालकुआं सीट से इस बार चुनावी मैदान में हैं. 2017 में दो सीटों से चुनाव हार चुके हरीश रावत अब फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं. हरीश रावत का कहना है कि वो इस बार लोकतांत्रिक महाभारत में हरीश रावत भाजपा के चक्रव्यूह में अभिमन्यु की तरह नहीं बल्कि अर्जुन की तरह लड़ेंगे और पांडवों को विजय दिलवाएंगे.

पढ़ें- बीजेपी के चक्रव्यूह में अभिमन्यु की तरह नहीं अर्जुन की तरह लड़ूंगा, पांडव जीतेंगे- हरीश रावत

अवैध खनन मामले में कांग्रेस ने सरकार को घेरा: अब बात कर लेते हैं कांग्रेस और बीजेपी के बीच हो रही जबरदस्त बयानबाजी की. चुनाव हैं तो आरोप लगना-लगाना चलता रहेगा. चल भी रहा है. आज कांग्रेस के तंज की बारी थी. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने देहरादून में खनन के मुद्दे को जोरों शोरों से उठाया. वल्लभ ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वामी यतीश्वरानंद पर कई तरह के आरोप लगाए और कहा कि, सरकार खनन प्रेमियों के साथ हैं, और खुद अवैध खनन में लिप्त है. गौरव वल्लभ ने एक वीडियो भी जारी किया. जिसमें कथित तौर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खनन को शांति से चलाने की बात कर रहे हैं. वल्लभ ने कहा कि कांग्रेस सरकार आने के बाद अवैध खनन करने वालों को जेल भेजा जाएगा. अगर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी अवैध खनन में आरोपी हुए तो उन्हें भी जेल जाना पड़ेगा.

पढ़ें- कांग्रेस ने अवैध खनन के लिए सीएम धामी और यतीश्वरानंद को लिया आड़े हाथ, पढ़िए किसको भेजेंगे जेल

रोचक हुई हरिद्वार ग्रामीण विस. सीट की जंग: उधर, विधानसभा सीटों के लिहाज से प्रदेश के सबसे बड़े जिले हरिद्वार में मुकाबला अनोखा हो गया है. सबसे रोचक समीकरण हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र में बन गया है. दरअसल, हुआ ये है कि बहुजन समाज पार्टी ने रातों रात यहां से अपना प्रत्याशी बदलकर दर्शन शर्मा के स्थान पर यूनुस अंसारी को टिकट दे दिया है. बसपा के इस कदम से पहले इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय था जो अब चतुष्कोणीय होता दिखाई दे रहा है.

पहले से यहां एक ओर हरीश रावत को हार का स्वाद चखाने वाले बीजेपी के कद्दावर नेता स्वामी यतीश्वरानंद की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. वहीं, हरीश रावत की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए चुनाव मैदान में डटीं उनकी बेटी अनुपमा रावत भी दौड़ में हैं. आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी नरेश शर्मा भी जहां अपनी जीत को लेकर आशावान हैं तो बसपा की ओर से यूनुस अंसारी ने गणित बदल दिया है.

पढ़ें- हरिद्वार ग्रामीण सीट: BSP ने यूनुस अंसारी को रातों रात बनाया प्रत्याशी तो भड़के हरीश रावत

क्या है हरिद्वार ग्रामीण विस सीट का गणित: आइए बताते हैं कि ये गणित आखिर बदला कैसे? पहले यहां का गणित समझ लेते हैं. हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र में सबसे अधिक दलित मतदाता 35-40 फीसदी हैं, जिनमें ओबीसी भी शामिल हैं. ठाकुर 22 फीसदी और ब्राह्मण वोट 7 फीसदी हैं. मुस्लिम समाज के वोट 20 फीसदी और पर्वतीय वोट 10 फीसदी है. आंकड़ें जोड़े जाएं तो करीब-करीब 50 हजार मुस्लिम समाज और 28 हजार दलित समाज का वोट है. उस हिसाब से हरिद्वार ग्रामीण सीट पर कुल एक लाख 27 हजार वोट हैं. क्षेत्र में एससी और ओबीसी के मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक होने के चलते ये वोट जिधर जाएगा, उस पार्टी का प्रत्याशी जीतने की संभावना प्रबल रहेगी.

अब बसपा का कैंडिडेट बदलने का सीधा-सीधा मतलब मुस्लिम वोट अपने खाते में करना है. अबतक कांग्रेस मुस्लिम वोटों पर अपना वर्चस्व समझ रही थी लेकिन बसपा के कैंडिडेट बदलने से मुस्लिम वोट यहां जरूर कटेगा. पूर्व सीएम हरीश रावत ने तो यहां तक कह दिया है कि बसपा का लक्ष्य कांग्रेस नहीं बल्कि बीजेपी को हराना होना चाहिए. हरीश रावत ने तो बसपा को सुपारी किलर बता डाला है. साफ है, हरीश रावत को ये डर सता रहा है कि कहीं उनकी बेटी की हालत भी उनकी तरह न हो जाए. खैर वो तो राजनीति के दिग्गज हैं लेकिन कहीं उनकी बेटी के लिए ये चुनाव आखिरी न साबित हो जाए.

मसूरी में सर्द मौसम में चढ़ा सियासी पारा: ऊंट खुद किस करवट बैठेगा ये तो जल्द पता चल ही जाएगा, लेकिन इससे पहले इस ऊंट को अपने हिसाब से बैठाने की तैयारी चल रही है. इसके लिए जो बन पड़ रहा है नेता लोग वो सब कर रहे हैं, फिर चाहे वो झगड़ा-लड़ाई हो, गाली-गलौच हो या मारपीट हो. बस खुद को दूसरे से बेहतर साबित करने के लिए फिलहाल नेता कुछ भी करेंगे.

यही मसूरी में देखने को मिला. यहां सर्द मौसम में सियासी पारा बेहद बढ़ा हुआ रहा. यहां मुख्य मुकाबला कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और कांग्रेस प्रत्याशी गोदावरी थापली के बीच है. आज प्रचार के दौरान झूलाघर में दोनों के कार्यकर्ता आमने-सामने भी आ रहे हैं. आमने सामने की जुबानी जंग में दोनों ओर से आरोप लगते रहे, नारेबाजी होती रही. काफी देर तक ये सब सड़क के बीचों बीच चला. हालांकि, बाद में बीजेपी के समर्थक रोपवे के जरिए नीचे उतरे, जिसके बाद मामला ठंडा हुआ.

पढ़ें- चुनाव का जोश बर्फबारी में भी नहीं पड़ा ठंडा, धन सिंह रावत ने किया कैंपेन, देखें वीडियो

उत्तराखंड में मौसम का मिजाज भले ही बर्फबारी और बारिश के बाद ठंडा पड़ गया हो, लेकिन उत्तराखंड चुनाव ने राजनीतिक पार्टियों का मिजाज जरूर गर्म कर रखा है. ये गर्मी जरूरी भी बहुत है क्योंकि यही वो वक्त है जब देहरादून में 'बड़ी ठंड च भई, भैर नी निकली जांदू, हथ कंपणा छन' बोलने वाले महानुभावों को पहाड़ों की असल परेशानियों खुद पर झेलनी पड़ रही हैं और वो झेल भी रहे हैं, क्योंकि ऐसे थोड़ी न जनता जर्नादन खुश होती है. वैसे अब जनता खुश तो खैर इनके हाथ जोड़ने पर भी नहीं होती क्योंकि ये हाथ जोड़ने की याद भी तो केवल वोट मांगने के वक्त आती है.

देहरादून: 'क्या बतां भैजी, देरादूंण मां तक इतरी ठंड छै आज कि खुट भैर नी निकालणा गद्दा बिटीं, यन कंपकंपी छुटनी छै कि कैक चुनाव, यख त जाण बचौंण मुश्किल होंणी च...' जी, ऐसे ही कुछ हालात रहे आज पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड के. आज गुरुवार 3 फरवरी 2022 का दिन उत्तराखंड में मौसम तो बेहद ठंडा रहा ही, प्रदेश में बारिश की वजह से नेता प्रचार के लिए ज्यादा इधर-उधर नहीं जा पाए. जनता भी ठंड के कारण घरों में कैद रही. सुबह से उत्तराखंड में लगातार बारिश और बर्फबारी का सिलसिला जो शुरू हुआ वो देर शाम तक भी जारी रहा. विधानसभा चुनावों के शोर-शराबे के बीच आज का दिन उत्तराखंड में कैसा रहा और किन बयान से हलचल रही, आइए जानते हैं...

जसपुर में सीएम धामी ने किया चुनाव प्रचार: ऐसे में बारिश ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यक्रम में रोड़ा डाल दिया. दरअसल, आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सुबह हवाई मार्ग से खटीमा पहुंचना था, लेकिन बारिश की वजह से उनका प्रोग्राम कैंसिल हो गया, लेकिन मुख्यमंत्री धामी सड़क मार्ग से ही खटीमा के लिए निकल पड़े. बारिश के बीच ही धामी रुड़की-हरिद्वार होते हुए खटीमा के लिए रवाना हुए, जहां उन्होंने अपनी विधानसभा में लोगों के साथ मुलाकात की. साथ ही उन्होंने प्रचार अभियान तेज किया. इसके बाद जसपुर में सीएम धामी ने बीजेपी प्रत्याशी डॉ शैलेंद्र मोहन सिंघल के लिए जनता से वोट मांगे.

खराब मौसम के कारण जेपी नड्डा का दौरा रद्द: बारिश की वजह से आज बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यक्रम भी खटाई में पड़ गया. जेपी नड्डा को आज उत्तरकाशी दौरे पर पहुंचना था. उन्हें गंगोत्री विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी सुरेश चौहान के पक्ष में जनसभा को संबोधन के बाद डोर-टू-डोर प्रचार भी करना था, लेकिन सुबह से हो रही बारिश ने उन्हें दिल्ली से उत्तराखंड आने ही नहीं दिया. आलम ये रहा कि आखिरकार बीजेपी को उनका कार्यक्रम रद्द करना पड़ा.

अब नड्डा के गंगोत्री दौरे के लिए बीजेपी को मौसम साफ होने तक का इंतजार करना होगा. बता दें कि गंगोत्री वही विधानसभा सीट है जिसके साथ सालों पुराना मिथक जुड़ा है. बताया जाता है कि गंगोत्री सीट पर जिस पार्टी का भी प्रत्याशी जीतता है, प्रदेश में सरकार भी उसी पार्टी की बनती है. ये मिथक उत्तर प्रदेश शासनकाल से अभी तक टूटा नहीं है. इसलिए ये सीट सभी पार्टियों की टॉप लिस्ट में शामिल रहती है.

पढ़ें-CM धामी कर रहे ताबड़तोड़ रैलियां, जसपुर में बीजेपी प्रत्याशी के लिए मांगे वोट

बर्फबारी के बीच कर्नल कोठियाल ने किया प्रचार: बारिश-बर्फबारी पार्टी और प्रत्याशियों की खूब परीक्षा ले रही है. कोरोना काल और इस कड़ाके की ठंड के बीच किसी तरह नेता लोग ये परीक्षा दे भी रहे हैं, क्योंकि इस परीक्षा का असर अगले 5 सालों तक रहेगा. ये परीक्षा ही कई नेताओं का राजनीतिक भविष्य भी तय करेगी. यही सोचकर विषम परिस्थितियों में भी नेतागण कैंपेनिंग में लगे हुए हैं. इन मुश्किलों को पार कर डोर टू डोर प्रचार के लिए पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. आम आदमी पार्टी के सीएम कैंडिडेट और गंगोत्री से प्रत्याशी अजय कोठियाल ने भी ऐसी दुश्वारियों के बीच उत्तरकाशी जनपद की गाजणा पट्टी के गांव में डोर टू डोर जनसंपर्क किया. ये नजारा देख कर्नल कोठियाल को केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण की यादें ताजा हो आईं.

फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हरीश रावत: अब बात कर लेते हैं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की. हरीश रावत उत्तराखंड की लालकुआं सीट से इस बार चुनावी मैदान में हैं. 2017 में दो सीटों से चुनाव हार चुके हरीश रावत अब फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं. हरीश रावत का कहना है कि वो इस बार लोकतांत्रिक महाभारत में हरीश रावत भाजपा के चक्रव्यूह में अभिमन्यु की तरह नहीं बल्कि अर्जुन की तरह लड़ेंगे और पांडवों को विजय दिलवाएंगे.

पढ़ें- बीजेपी के चक्रव्यूह में अभिमन्यु की तरह नहीं अर्जुन की तरह लड़ूंगा, पांडव जीतेंगे- हरीश रावत

अवैध खनन मामले में कांग्रेस ने सरकार को घेरा: अब बात कर लेते हैं कांग्रेस और बीजेपी के बीच हो रही जबरदस्त बयानबाजी की. चुनाव हैं तो आरोप लगना-लगाना चलता रहेगा. चल भी रहा है. आज कांग्रेस के तंज की बारी थी. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने देहरादून में खनन के मुद्दे को जोरों शोरों से उठाया. वल्लभ ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वामी यतीश्वरानंद पर कई तरह के आरोप लगाए और कहा कि, सरकार खनन प्रेमियों के साथ हैं, और खुद अवैध खनन में लिप्त है. गौरव वल्लभ ने एक वीडियो भी जारी किया. जिसमें कथित तौर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खनन को शांति से चलाने की बात कर रहे हैं. वल्लभ ने कहा कि कांग्रेस सरकार आने के बाद अवैध खनन करने वालों को जेल भेजा जाएगा. अगर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी अवैध खनन में आरोपी हुए तो उन्हें भी जेल जाना पड़ेगा.

पढ़ें- कांग्रेस ने अवैध खनन के लिए सीएम धामी और यतीश्वरानंद को लिया आड़े हाथ, पढ़िए किसको भेजेंगे जेल

रोचक हुई हरिद्वार ग्रामीण विस. सीट की जंग: उधर, विधानसभा सीटों के लिहाज से प्रदेश के सबसे बड़े जिले हरिद्वार में मुकाबला अनोखा हो गया है. सबसे रोचक समीकरण हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र में बन गया है. दरअसल, हुआ ये है कि बहुजन समाज पार्टी ने रातों रात यहां से अपना प्रत्याशी बदलकर दर्शन शर्मा के स्थान पर यूनुस अंसारी को टिकट दे दिया है. बसपा के इस कदम से पहले इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय था जो अब चतुष्कोणीय होता दिखाई दे रहा है.

पहले से यहां एक ओर हरीश रावत को हार का स्वाद चखाने वाले बीजेपी के कद्दावर नेता स्वामी यतीश्वरानंद की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. वहीं, हरीश रावत की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए चुनाव मैदान में डटीं उनकी बेटी अनुपमा रावत भी दौड़ में हैं. आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी नरेश शर्मा भी जहां अपनी जीत को लेकर आशावान हैं तो बसपा की ओर से यूनुस अंसारी ने गणित बदल दिया है.

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क्या है हरिद्वार ग्रामीण विस सीट का गणित: आइए बताते हैं कि ये गणित आखिर बदला कैसे? पहले यहां का गणित समझ लेते हैं. हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र में सबसे अधिक दलित मतदाता 35-40 फीसदी हैं, जिनमें ओबीसी भी शामिल हैं. ठाकुर 22 फीसदी और ब्राह्मण वोट 7 फीसदी हैं. मुस्लिम समाज के वोट 20 फीसदी और पर्वतीय वोट 10 फीसदी है. आंकड़ें जोड़े जाएं तो करीब-करीब 50 हजार मुस्लिम समाज और 28 हजार दलित समाज का वोट है. उस हिसाब से हरिद्वार ग्रामीण सीट पर कुल एक लाख 27 हजार वोट हैं. क्षेत्र में एससी और ओबीसी के मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक होने के चलते ये वोट जिधर जाएगा, उस पार्टी का प्रत्याशी जीतने की संभावना प्रबल रहेगी.

अब बसपा का कैंडिडेट बदलने का सीधा-सीधा मतलब मुस्लिम वोट अपने खाते में करना है. अबतक कांग्रेस मुस्लिम वोटों पर अपना वर्चस्व समझ रही थी लेकिन बसपा के कैंडिडेट बदलने से मुस्लिम वोट यहां जरूर कटेगा. पूर्व सीएम हरीश रावत ने तो यहां तक कह दिया है कि बसपा का लक्ष्य कांग्रेस नहीं बल्कि बीजेपी को हराना होना चाहिए. हरीश रावत ने तो बसपा को सुपारी किलर बता डाला है. साफ है, हरीश रावत को ये डर सता रहा है कि कहीं उनकी बेटी की हालत भी उनकी तरह न हो जाए. खैर वो तो राजनीति के दिग्गज हैं लेकिन कहीं उनकी बेटी के लिए ये चुनाव आखिरी न साबित हो जाए.

मसूरी में सर्द मौसम में चढ़ा सियासी पारा: ऊंट खुद किस करवट बैठेगा ये तो जल्द पता चल ही जाएगा, लेकिन इससे पहले इस ऊंट को अपने हिसाब से बैठाने की तैयारी चल रही है. इसके लिए जो बन पड़ रहा है नेता लोग वो सब कर रहे हैं, फिर चाहे वो झगड़ा-लड़ाई हो, गाली-गलौच हो या मारपीट हो. बस खुद को दूसरे से बेहतर साबित करने के लिए फिलहाल नेता कुछ भी करेंगे.

यही मसूरी में देखने को मिला. यहां सर्द मौसम में सियासी पारा बेहद बढ़ा हुआ रहा. यहां मुख्य मुकाबला कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और कांग्रेस प्रत्याशी गोदावरी थापली के बीच है. आज प्रचार के दौरान झूलाघर में दोनों के कार्यकर्ता आमने-सामने भी आ रहे हैं. आमने सामने की जुबानी जंग में दोनों ओर से आरोप लगते रहे, नारेबाजी होती रही. काफी देर तक ये सब सड़क के बीचों बीच चला. हालांकि, बाद में बीजेपी के समर्थक रोपवे के जरिए नीचे उतरे, जिसके बाद मामला ठंडा हुआ.

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उत्तराखंड में मौसम का मिजाज भले ही बर्फबारी और बारिश के बाद ठंडा पड़ गया हो, लेकिन उत्तराखंड चुनाव ने राजनीतिक पार्टियों का मिजाज जरूर गर्म कर रखा है. ये गर्मी जरूरी भी बहुत है क्योंकि यही वो वक्त है जब देहरादून में 'बड़ी ठंड च भई, भैर नी निकली जांदू, हथ कंपणा छन' बोलने वाले महानुभावों को पहाड़ों की असल परेशानियों खुद पर झेलनी पड़ रही हैं और वो झेल भी रहे हैं, क्योंकि ऐसे थोड़ी न जनता जर्नादन खुश होती है. वैसे अब जनता खुश तो खैर इनके हाथ जोड़ने पर भी नहीं होती क्योंकि ये हाथ जोड़ने की याद भी तो केवल वोट मांगने के वक्त आती है.

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