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देहरादून: संकर नस्ल के दुधारू पशुओं की डिमांड बढ़ी, 15% का इजाफा

उत्तराखंड पशुपालन विभाग की तरफ से 20 वीं पशुधन गणना की रिपोर्ट जारी कर दी गई है. जिसमें साल 2019 की पशुधन गणना रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में दुधारू पशुओं की संख्या में 7% तक की गिरावट देखने को मिली है. वहीं महेशवंशियों (भैंस) की संख्या में भी 12% की कमी आई है.

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15% का हुआ इजाफा
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Published : Jan 14, 2021, 3:48 PM IST

Updated : Jan 14, 2021, 8:08 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड पशुपालन विभाग की तरफ से साल 2019 में की गई 20वीं पशुधन गणना की रिपोर्ट सामने आ चुकी है. रिपोर्ट के तहत प्रदेश में बीते सात सालों में देशी नस्ल के दुधारू पशुओं की तुलना में प्रदेशवासियों ने संकर नस्ल के पशुओं को पालने में ज्यादा रुचि दिखाई है. साल 2019 की पशुधन गणना रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में दुधारु पशुओं की संख्या में 7% तक की गिरावट देखने को मिली है. वहीं महेशवंशियों (भैंस) की संख्या में भी 12% की कमी आई है.

संकर नस्ल के दुधारू पशुओं की डिमांड बढ़ी.
ईटीवी भारत से बात करते हुए उत्तराखंड पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. केके जोशी ने बताया कि साल 2019 में की गई पशुधन गणना के आधार पर दुधारू पशुओं की संख्या में कुछ कमी जरूर सामने आई है, लेकिन लोगों ने बीते कुछ सालों में संकर नस्ल के दुधारू पशुओं को पालने में ज्यादा रुचि दिखाई है. इससे प्रदेश में दूध उत्पादन 494 एमएल तक पहुंच चुका है, जो पहले 400 एमएल से भी कम था.

ये भी पढ़ें : 10वीं और 12वीं के छात्रों से वसूली जाएगी पूरी फीस, शिक्षा सचिव ने जारी किए निर्देश

गौरतलब है कि साल 2019 से पहले साल 2012 में पशुधन गणना की गई थी. इस दौरान प्रदेश में दुधारू पशुओं की संख्या कुल 20 लाख थी, लेकिन 7 साल के अंतराल के बाद जब साल 2019 में पशु गणना हुई. इसमें प्रदेश में दुधारू पशुओं की संख्या घटकर 18 लाख 52 हज़ार हो गई. इस तरह साल 2019 की पशु गणना के आधार पर प्रदेश में दुधारू पशुओं की संख्या में 1, 47,877 की गिरावट साफ देखी जा सकती है.

देहरादून: उत्तराखंड पशुपालन विभाग की तरफ से साल 2019 में की गई 20वीं पशुधन गणना की रिपोर्ट सामने आ चुकी है. रिपोर्ट के तहत प्रदेश में बीते सात सालों में देशी नस्ल के दुधारू पशुओं की तुलना में प्रदेशवासियों ने संकर नस्ल के पशुओं को पालने में ज्यादा रुचि दिखाई है. साल 2019 की पशुधन गणना रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में दुधारु पशुओं की संख्या में 7% तक की गिरावट देखने को मिली है. वहीं महेशवंशियों (भैंस) की संख्या में भी 12% की कमी आई है.

संकर नस्ल के दुधारू पशुओं की डिमांड बढ़ी.
ईटीवी भारत से बात करते हुए उत्तराखंड पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. केके जोशी ने बताया कि साल 2019 में की गई पशुधन गणना के आधार पर दुधारू पशुओं की संख्या में कुछ कमी जरूर सामने आई है, लेकिन लोगों ने बीते कुछ सालों में संकर नस्ल के दुधारू पशुओं को पालने में ज्यादा रुचि दिखाई है. इससे प्रदेश में दूध उत्पादन 494 एमएल तक पहुंच चुका है, जो पहले 400 एमएल से भी कम था.

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गौरतलब है कि साल 2019 से पहले साल 2012 में पशुधन गणना की गई थी. इस दौरान प्रदेश में दुधारू पशुओं की संख्या कुल 20 लाख थी, लेकिन 7 साल के अंतराल के बाद जब साल 2019 में पशु गणना हुई. इसमें प्रदेश में दुधारू पशुओं की संख्या घटकर 18 लाख 52 हज़ार हो गई. इस तरह साल 2019 की पशु गणना के आधार पर प्रदेश में दुधारू पशुओं की संख्या में 1, 47,877 की गिरावट साफ देखी जा सकती है.

Last Updated : Jan 14, 2021, 8:08 PM IST
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