मसूरी: कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने अपने आप को पार्टी नेता बनाने को लेकर गाना निकाला है. पहले उन्होंने पार्टी से उनको नेता बनाने की मांग की, जब पार्टी ने सामूहिक नेतृत्व की बात की तो वह अपने आप नेता बनाए जाने को लेकर नये नये हथकंडे अपना रहे है, लेकिन हरीश रावत का समय समाप्त हो चुका है. कांग्रेस एक डूबता हुआ जहाज है और डूबते हुए जहाज में सवार होने से अच्छा है कि कही शांत जगह पर जाकर अपना बुढ़ापा बेहतर तरीके से बिताए.
वहीं, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल एक कार्यक्रम में शिरकत करने मसूरी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार की उपलब्धियों को गिनाया. उन्होंने कहा कि पिछले 4 सालों में हमारी सरकार ने कृषि क्षेत्र में 100 से ज्यादा बदलाव किए हैं. कृषि और बागवानी को धरातल पर लाकर सरकार ने किसानों की आय को बढ़ाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सबसे ज्यादा समस्या कृषि उत्पादों की मार्केटिंग की है. उत्पादों की वैल्यू एडिशन किस तरीके से किया जाए इसके लिए पर्वतीय क्षेत्र का पहला प्रोसेसिंग क्लस्टर कैम्पटी क्षेत्र में तैयार किया जा रहा हैं, जहां उत्पादों की मार्केटिंग की जाएगी. पूरे प्रदेश में 1300 आउटलेट बनाए जा रहे हैं. जहां से उत्तराखंड के ऑर्गेनिक उत्पादों को दुनिया में पहुंचाने का लक्ष्य है.
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कृषि मंत्री ने कहा कि मसूरी में इंडोर फार्म की बहुत ज्यादा संभावना है, जिस पर विभाग काम करेगा. उत्तराखंड के कृषि मंत्रालय का आई एम विलेज एक बहुत महत्वाकांक्षी योजना है. इसके तहत कई क्षेत्रों में काम किया जा रहा है. शहद और मशरूम को लेकर भी प्रदेश के 20 हजार लोगों को जोड़ने का काम किया जा रहा है. मुख्यमंत्री मशरूम विकास योजना को लॉन्च किया जा रहा है. इसके साथ ही शहद को ऑर्गेनिक ब्रांड के रूप में स्थापित करने के लिए हर जनपद में एक शहद पंचायत घोषित किया जा रहा है. मसूरी एरोमेटिक हर्बल फार्मिंग और चाय की खेती पर काम किया जा रहा है. चाय की खेती को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड में 4 नई फैक्ट्रियां लगाने का काम किया जा रहा है.
सुबोध उनियाल ने किसान आंदोलन को लेकर कहा कि किसानों का शोषण करने वाले जो बड़े किसान और बिचौलिया है. उन्होंने उत्पाद कम पैसों में खरीद कर बड़े-बड़े एक्सपोर्ट एंपायर खड़े कर लिए हैं. कृषि कानूनों से किसान को वन नेशन वन मार्केट दे दिया गया है. बड़े किसान किसानों को भ्रमित करके आंदोलन कर सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे. जिनके पास मोदी के खिलाफ कोई भी मुद्दा नहीं है. वह किसानों को बरगला कर सरकार के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा जिन लोगों ने लाल किला पर जाकर हंगामा किया, उससे साफ है कि यह लोग किसान नहीं थे. वह वह बड़े बड़े कॉरपोरेट घराने से बुलाए हुए किराए के लोग थे. जो किसान आंदोलन के माध्यम से सरकार को घेरने का काम कर रहे हैं, जिसमें कांग्रेस के लोग भी शामिल हैं.