देहरादून: प्रदेश के 5 शहरों को साल 2020 तक प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए शहरी विकास विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है. देहरादून, ऋषिकेश, मसूरी, नैनीताल और हल्द्वानी को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए शहरी विकास विभाग ने कार्य योजना की जानकारी मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह को जानकारी दी गई.
शहरी विकास विभाग ने बताया कि 50 माइक्रोन से कम मोटाई के प्लास्टिक थैलों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के लिए सख्ती से कार्रवाई की जा रही है. साथ ही बताया गया कि व्यापार मंडल, स्कूली छात्र, समाचार पत्रों आदि के जरिए लगातार प्रचार-प्रसार किया जा रहा है.
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शहरी विकास विभाग की जानकारी के तहत उत्तराखंड कूड़ा फेंकना एवं थूकना प्रतिषेध अधिनियम 2016 के तहत 30-11-2016 से अब तक 1,560 चालान किए गये, जिससे 7.57 लाख का जुर्माना वसूला गया. साथ ही पहले चरण में प्रदेश के पांच शहरों (देहरादून, ऋषिकेश, मसूरी, नैनीताल और हल्द्वानी) में निर्धारित प्रावधान के तहत 4,947 लोगों से का चालान अक्टूबर 2019 तक 58.13 लाख की वसूली की गई.
उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नियमावली व प्रतिबंधित प्लास्टिक के प्रकार की सूची बनाई जा रही है. 11 सितंबर से 27 अक्टूबर, 2019 तक प्रदेश में चलाये गए ‘‘स्वच्छता ही सेवा‘‘ अभियान के तहत 35.76 मीट्रिक टन प्लास्टिक एकत्रित की गई. वहीं, 13.88 मीट्रिक टन प्लास्टिक को रिसाइकिल किया गया. प्रदेश के 5 शहरों में प्लास्टिक कॉम्पेक्टर के लइए धनराशि जारी कर दी गई है. वहीं, नैनीताल से संग्रहित प्लास्टिक के रिसाइक्लिंग का काम हल्द्वानी में किया जायेगा.