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2020 तक प्लास्टिक मुक्त होंगे राजधानी समेत ये 5 शहर, मुख्य सचिव ने जाना प्लास्टिक बैन का हाल - देहरादून

2020 तक प्रदेश के 5 शहरों को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए शहरी विकास विभाग ने कार्य योजना की जानकारी मुख्य सचिव उत्पल कुमार को दी. देहरादून, ऋषिकेश, मसूरी, नैनीताल और हल्द्वानी प्लास्टिक मुक्त करने के लिए लगातार काम किया जा रहा है.

मुख्य सचिव ने जाना प्लास्टिक बैन का हाल.
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Published : Nov 19, 2019, 7:21 AM IST

देहरादून: प्रदेश के 5 शहरों को साल 2020 तक प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए शहरी विकास विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है. देहरादून, ऋषिकेश, मसूरी, नैनीताल और हल्द्वानी को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए शहरी विकास विभाग ने कार्य योजना की जानकारी मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह को जानकारी दी गई.

शहरी विकास विभाग ने बताया कि 50 माइक्रोन से कम मोटाई के प्लास्टिक थैलों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के लिए सख्ती से कार्रवाई की जा रही है. साथ ही बताया गया कि व्यापार मंडल, स्कूली छात्र, समाचार पत्रों आदि के जरिए लगातार प्रचार-प्रसार किया जा रहा है.

पढ़ें: फीस बढ़ोत्तरी मामला: धन सिंह रावत ने झाड़ा-पल्ला, केंद्रीय मंत्री को ठहराया जिम्मेदार

शहरी विकास विभाग की जानकारी के तहत उत्तराखंड कूड़ा फेंकना एवं थूकना प्रतिषेध अधिनियम 2016 के तहत 30-11-2016 से अब तक 1,560 चालान किए गये, जिससे 7.57 लाख का जुर्माना वसूला गया. साथ ही पहले चरण में प्रदेश के पांच शहरों (देहरादून, ऋषिकेश, मसूरी, नैनीताल और हल्द्वानी) में निर्धारित प्रावधान के तहत 4,947 लोगों से का चालान अक्टूबर 2019 तक 58.13 लाख की वसूली की गई.

उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नियमावली व प्रतिबंधित प्लास्टिक के प्रकार की सूची बनाई जा रही है. 11 सितंबर से 27 अक्टूबर, 2019 तक प्रदेश में चलाये गए ‘‘स्वच्छता ही सेवा‘‘ अभियान के तहत 35.76 मीट्रिक टन प्लास्टिक एकत्रित की गई. वहीं, 13.88 मीट्रिक टन प्लास्टिक को रिसाइकिल किया गया. प्रदेश के 5 शहरों में प्लास्टिक कॉम्पेक्टर के लइए धनराशि जारी कर दी गई है. वहीं, नैनीताल से संग्रहित प्लास्टिक के रिसाइक्लिंग का काम हल्द्वानी में किया जायेगा.

देहरादून: प्रदेश के 5 शहरों को साल 2020 तक प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए शहरी विकास विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है. देहरादून, ऋषिकेश, मसूरी, नैनीताल और हल्द्वानी को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए शहरी विकास विभाग ने कार्य योजना की जानकारी मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह को जानकारी दी गई.

शहरी विकास विभाग ने बताया कि 50 माइक्रोन से कम मोटाई के प्लास्टिक थैलों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के लिए सख्ती से कार्रवाई की जा रही है. साथ ही बताया गया कि व्यापार मंडल, स्कूली छात्र, समाचार पत्रों आदि के जरिए लगातार प्रचार-प्रसार किया जा रहा है.

पढ़ें: फीस बढ़ोत्तरी मामला: धन सिंह रावत ने झाड़ा-पल्ला, केंद्रीय मंत्री को ठहराया जिम्मेदार

शहरी विकास विभाग की जानकारी के तहत उत्तराखंड कूड़ा फेंकना एवं थूकना प्रतिषेध अधिनियम 2016 के तहत 30-11-2016 से अब तक 1,560 चालान किए गये, जिससे 7.57 लाख का जुर्माना वसूला गया. साथ ही पहले चरण में प्रदेश के पांच शहरों (देहरादून, ऋषिकेश, मसूरी, नैनीताल और हल्द्वानी) में निर्धारित प्रावधान के तहत 4,947 लोगों से का चालान अक्टूबर 2019 तक 58.13 लाख की वसूली की गई.

उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नियमावली व प्रतिबंधित प्लास्टिक के प्रकार की सूची बनाई जा रही है. 11 सितंबर से 27 अक्टूबर, 2019 तक प्रदेश में चलाये गए ‘‘स्वच्छता ही सेवा‘‘ अभियान के तहत 35.76 मीट्रिक टन प्लास्टिक एकत्रित की गई. वहीं, 13.88 मीट्रिक टन प्लास्टिक को रिसाइकिल किया गया. प्रदेश के 5 शहरों में प्लास्टिक कॉम्पेक्टर के लइए धनराशि जारी कर दी गई है. वहीं, नैनीताल से संग्रहित प्लास्टिक के रिसाइक्लिंग का काम हल्द्वानी में किया जायेगा.

Intro:एंकर- सचिवालय में आज सोमवार को मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के सामने प्रदेश के पांच शहरों देहरादून, ऋषिकेश, मसूरी, नैनीताल और हल्द्वानी को वर्ष 2020 तक प्लास्टिक मुक्त करने को लेकर कार्य योजना का प्रजेंटेशन शहरी विकास विभाग द्वारा किया गया जिसमे इन शहरों को प्लास्टिक बनाने को लेकर किये जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी गयी।

Body:मुख्य सचिव को दिए गए प्रस्तुतीकरण के दौरान शहरी विकास विभाग द्वारा बताया गया कि 50 माईक्रोन से कम मोटाई के प्लास्टिक थैलों को पूरी तरह से प्रतिबन्धित करने का शासनादेश के अनुपालन में सख्ती से कार्रवाई की जा रही है और सिंगल यूज प्लास्टिक के विषय मेंं व्यापार मण्डल, स्कूली छात्र, समाचार पत्रों आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार लगातार किया जा रहा है।

इसके अलावा बताया गया कि उत्तराखण्ड कूड़ा फेंकना एवं थूकना प्रतिषेध अधिनियम 2016 दिनांक 30-11-2016 के अंतर्गत अब तक 1560 चालान कर रू0 7.57 लाख का अर्थ दण्ड दोषियों से वसूला गया है। उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नियमावली व प्रतिबंधित प्लास्टिक के प्रकार की सूची बनाई जा रही है।

प्रथम चरण में प्रदेश के पांच शहरों देहरादून, ऋषिकेश, मसूरी, नैनीताल एवं हल्द्वानी में निर्धारित प्राविधान के तहत 4947 लोगों से चालान द्वारा अक्टूबर 2019 तक रू 58.13 लाख की वसूली की गई और 11 सितम्बर से 27 अक्टूबर, 2019 तक प्रदेश में चलाये गए ‘‘स्वच्छता ही सेवा‘‘ अभियान के अंतर्गत 35.76 मी0टन प्लास्टिक संग्रहण किया गया तथा 13.88 मी0टन प्लास्टिक रिसाईकिल किया गया। प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि देहरादून, ऋषिकेश, हल्द्वानी में प्लास्टिक काम्पेक्टर के लिए धनराशि जारी कर दी गई है तथा मसूरी में प्लास्टिक काम्पेक्टर उपलब्ध है एवं नैनीताल से संग्रहित प्लास्टिक का रिसाईक्लिंग कार्य हल्द्वानी में किया जायेगा।प्रस्तुतीकरण में यह भी बताया गया कि प्लास्टिक से ईंधन बनाने की योजना हरिद्वार में प्रस्तावित है, जिसके लिए शीघ्र ही आर0एफ0पी0 प्रकाशित की जा रही है।
Conclusion:
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