देहरादून: समाजवादी पार्टी उत्तराखंड में अपने राजनीतिक जमीन की तलाश में जुटी हुई है. इसके लिए पार्टी अब नए सिर से संगठन को खड़ा करने की तैयारी में है. समाजवादी पार्टी अपने सभी पुराने दिग्गजों को एकजुट कर संगठन को फिर से मजबूत करने की कवायद में लगी हुई है.
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गुरुवार को उत्तर प्रदेश सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने देहरादून में पार्टी के नेताओं के साथ बैठक की. बैठक में सभी नेताओं से सुझाव लिए गए, ताकि पार्टी को मजबूती मिल सके.
बैठक के बाद नरेश उत्तम ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है, बावजूद देश का दुर्भाग्य है कि बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है. बेरोजगारी के कारण देश में गरीबी बढ़ती जा रही है. समाजवादी का हमेशा एजेंडा रहा कि इस देश से बेरोजगारी खत्म हो और लोगों को काम मिले. आज सबसे ज़्यादा दुखी किसान हैं. उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर लोग कृषि से जुड़े हुए हैं, लेकिन वहां भी किसानों का शोषण हो रहा है. किसान को उसकी फसल का मूल्य नहीं मिल रहा है. सरकार वादा कर रही है कि 2022 तक सभी किसानों की आय दोगुनी कर देंगे, लेकिन उन्होंने 2014 में जो वादे किए थे आजतक उन्हें पूरा नहीं किया.
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उत्तराखंड में सपा की हालत
राज्य गठन के बाद उत्तराखंड में सपा पूरी तरह से हाशिए पर चली गई थी. उत्तर प्रदेश से अलग होने से पहले उत्तराखंड के कई हिस्सों में सपा का एक अच्छा खास जनाधार था. राज्य गठन के बाद 2004 के लोकसभा चुनाव में हरिद्वार सीट से सपा के प्रत्याशी राजेंद्र बॉडी संसद पहुंचे थे. अब तक सपा का कोई भी नेता उत्तराखंड विधानसभा की दहलीज तक नहीं पहुंच पाया है. इसके अलावा किसी भी चुनाव में पार्टी का कोई भी प्रत्याशी जीत हासिल नहीं कर पाया. 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा को गठबंधन के तहत पौड़ी की सीट मिली थी, लेकिन पार्टी यहां अपना उम्मीदवार ही नहीं उतार सकी.