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लावारिस नवजात को देखने दून अस्पताल पहुंची बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष

शुक्रवार को जिस नवजात का हालचाल जानने नेगी दून अस्पताल गई थी वो नवजात चुक्कूवाला इलाके में एक नाले के पास पड़ा हुआ मिला था. जिसे पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से दून अस्पताल में भर्ती कराया था.

बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष
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Published : Jul 5, 2019, 6:33 PM IST

देहरादून: बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी शुक्रवार को दून अस्पताल में पहुंची, जहां उन्होंने अस्पताल में भर्ती नवजात का हालचाल जाना. बीते गुरुवार को चक्खुवाला इलाके में नवाजात लावारिस हालत में मिली थी. जिसे स्थानीय लोगों ने दून मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था. ऊषा नेगी ने नवाजात का इलाज कर रहे डॉक्टरों से उसके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली.

पढ़ें- देहरादून में दो समुदाय आपस में भिड़े, मारपीट तक पहुंचा मामला

इस दौरान ऊषा नेगी ने कहा कि यह समाज के लिए बहुत गंभीर और दुखदायी विषय है. हमें यह सोचना चाहिए कि समाज आज किस दिशा में जा रहा है. आज विज्ञापनों के माध्यम से समाज के सामने जो परोसा जा रहा है, उससे भी समाज में विकृत मानसिकता पैदा हो रही है.

दून अस्पताल पहुंची उषा नेगी.

जिन इलाके में ये नवजात मिल रहे हैं, उस इलाके में कहीं न कहीं सीसीटीवी कैमरे जरूर लगे होंगे. ऐसे में समाज की भी जिम्मेदारी बनती है कि उन सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने का काम करें, ताकि ऐसे लोगों की पहचान हो सके.

पढ़ें- देहरादून में 42 गिरासू भवन दे रहे हादसों को न्योता, अब नगर निगम करेगा कार्रवाई

पुलिस को भी इस तरह के मामलों को गंभीरता से लेना चाहिए और इस तरह के मामलों की जांच कैसे की जाए उस पर फोकस करना चाहिए. उसके बाद ही नवजात के बारे में कोई जानकारी मिल पाएगी और दोषियों को सजा दी जा सकेगी.

बता दें कि शुक्रवार को जिस नवजात का हालचाल जानने ऊषा नेगी दून अस्पताल गई थी. वो नवजात चुक्खुवाला इलाके में एक नाले के पास पड़ी हुई मिली था. जिसे पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से दून अस्पताल में भर्ती कराया था.

देहरादून: बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी शुक्रवार को दून अस्पताल में पहुंची, जहां उन्होंने अस्पताल में भर्ती नवजात का हालचाल जाना. बीते गुरुवार को चक्खुवाला इलाके में नवाजात लावारिस हालत में मिली थी. जिसे स्थानीय लोगों ने दून मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था. ऊषा नेगी ने नवाजात का इलाज कर रहे डॉक्टरों से उसके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली.

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इस दौरान ऊषा नेगी ने कहा कि यह समाज के लिए बहुत गंभीर और दुखदायी विषय है. हमें यह सोचना चाहिए कि समाज आज किस दिशा में जा रहा है. आज विज्ञापनों के माध्यम से समाज के सामने जो परोसा जा रहा है, उससे भी समाज में विकृत मानसिकता पैदा हो रही है.

दून अस्पताल पहुंची उषा नेगी.

जिन इलाके में ये नवजात मिल रहे हैं, उस इलाके में कहीं न कहीं सीसीटीवी कैमरे जरूर लगे होंगे. ऐसे में समाज की भी जिम्मेदारी बनती है कि उन सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने का काम करें, ताकि ऐसे लोगों की पहचान हो सके.

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पुलिस को भी इस तरह के मामलों को गंभीरता से लेना चाहिए और इस तरह के मामलों की जांच कैसे की जाए उस पर फोकस करना चाहिए. उसके बाद ही नवजात के बारे में कोई जानकारी मिल पाएगी और दोषियों को सजा दी जा सकेगी.

बता दें कि शुक्रवार को जिस नवजात का हालचाल जानने ऊषा नेगी दून अस्पताल गई थी. वो नवजात चुक्खुवाला इलाके में एक नाले के पास पड़ी हुई मिली था. जिसे पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से दून अस्पताल में भर्ती कराया था.

Intro:देहरादून के चक्खुवाला स्थित काली मंदिर के पास बीते बृहस्पतिवार की शाम एक नवजात कपड़े में लिपटा हुआ पाया गया। नवजात को दून मेडिकल कॉलेज मे भर्ती कराया गया है, वहां मौजूद चिकित्सकों की निगरानी में उसका उपचार किया जा रहा है। आज बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा उषा नेगी दून अस्पताल पहुँची और नवजात का हालचाल जाना।
summary- बीते रोज़ चक्खुवाला स्थित काली मंदिर के पास कपड़े में लिपटे नवजात का हालचाल जानने दून महिला अस्पताल पहुंची, इस दौरान उन्होंने संबंधित चिकित्सकों से नवजात के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी हासिल की और इस घटना की घोर निंदा की।


Body:बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर विषय है और समाज के लिए दुखदायी भी है। यह भी चिंतन का विषय है कि समाज आज किस दिशा की ओर जा रहा है। आज संस्कारों की आवश्यकता होने के साथ ही जिस प्रकार से विज्ञापनों के माध्यम से समाज को जो चीजें परोसी जा रही है उससे भी समाज में विकृत मानसिकता पैदा हो रही है। जिधर भी ऐसे नवजात पाए जा रहे हैं उसके आसपास कहीं ना कहीं सीसीटीवी कैमरे जरूर लगे होंगे, ऐसे में समाज की भी जिम्मेवारी बनती है कि उन सीसीटीवी कैमरों की जानकारी हासिल करके उन्हें खंगालने का काम करें। उषा नेगी ने कहा कि पुलिस को भी मामले की गंभीरता को देखते हुए इस मामले की जांच कैसे की जाए उस पर फोकस करना चाहिए, उसके पश्चात ही नवजात के बारे में कोई सबूत मिल पाएंगे। घटनाक्रम के अनुसार नवजात चुक्कूवाला स्थित एक नाले में मिला है ऐसे में जहां नवजात पाया गया है उसके आसपास सीसीटीवी कैमरे भी लगे होंगे, पुलिस को मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए, इसके अलावा शहर के निजी नर्सिंग होमों में भी भी पुलिस को पूछताछ करनी चाहिए, साथ ही आशा वर्करों से भी पूछताछ की जानी चाहिए। इस मामले में अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज
की जा रही है और आयोग चाहता है कि वो अपराधी भी सामने आए इसके लिए बच्चे कोई मायने नहीं रखते हैं और जब बच्चों के प्रति सेंसेटिव नहीं हैं।

बाईट- उषा नेगी, अध्यक्षा ,बाल संरक्षण आयोग


Conclusion: ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो उसके लिए आयोग की अध्यक्ष आशा नेगी का कहना है कि जो लोग नवजात ओं को नाले खालो में फेंक देते हैं उनके लिए बाल निकेतन के बाहर एक पाल ना लगाया गया है जहां कुछ लोग बच्चों को पालने में रख कर चले जाते हैं। ऐसे ही कुछ पालने चिन्हित स्थानों पर लगाए जाएंगे ताकि कोई नवजात मासूमों को नाले खाले मे ना फेंक सके।

नोट- नवजात का विजुअल और फोटो मेल द्वारा भेजे जा रहे हैं कृपया मेल से उठाने का कष्ट करें
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