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मसूरी नगर पालिका में अनियमितता की जांच शुरू, ये हैं आरोप - मसूरी पालिका में घोटाले

आखिरकार मसूरी नगर पालिका में अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच शहरी विकास विभाग ने शुरू कर दी है. शहरी विकास निदेशालय के अपर निदेशक अशोक पांडे खुद टीम के साथ मसूरी पहुंचकर दस्तावेज खंगाल रहे हैं. उनका कहना है पत्रावलियों की विस्तृत जांच के बाद स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा. दरअसल, मसूरी नगर पालिका पर ई-टेंडर में घोटाले का आरोप है.

Officers Started Investigation of Corruption
मसूरी नगर पालिका में अनियमितता की जांच शुरू
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Published : Mar 29, 2023, 10:20 PM IST

मसूरी नगर पालिका में अनियमितता की जांच शुरू.

मसूरीः नगर पालिका मसूरी में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की शिकायत पर जांच शुरू हो गई है. मामले की जांच शहरी विकास विभाग की ओर से किया जा रहा है. इसी कड़ी में शहरी विकास के अपर निदेशक अशोक पांडे पांच सदस्य टीम के साथ नगर पालिका कार्यालय पहुंचे. जहां टीम ने शासन स्तर पर किए गए शिकायतों का संज्ञान लेकर जांच शुरू की. जिससे मसूरी नगर पालिका में हड़कंप मचा रहा.

बता दें कि शिकायतकर्ता शेखर पांडे ने मसूरी नगर पालिका के ई-टेंडर में घोटाले का आरोप लगाया है. जिसमें उन्होंने रेंजर झूले की स्थापना एवं संचालन, लाइब्रेरी कार पार्किंग, कंपनी गार्डन, कैफेटेरिया एवं म्यूजियम के साथ अन्य निर्माण कार्यों में निविदाओं को लेकर घोटाले की बात कही है. इसके अलावा उन्होंने कंप्यूटर, फोटो स्टेट मशीन और प्रिंटर कार्टेज खरीद में भी घोटाले का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि पालिका की ओर से ₹600 से ₹1200 तक मिलने वाली कंप्यूटर कार्टेज को ₹4800 से लेकर ₹9000 तक की खरीद की जा रही है.

शिकायतकर्ता शेखर पांडे का आरोप है कि नगर पालिका मसूरी की ओर से मनमाने तरीके से निविदाओं की शर्त तय किया जा रहा है. साथ ही शासन के स्वीकृत प्रस्ताव के विपरीत कार्य किया जा रहा है. जिससे मसूरी नगर पालिका को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा रहा है. कई सामानों की खरीद में भी कमीशनखोरी के लिए राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा रहा है. लिहाजा, अनियमितता मामले में जांच की मांग की गई है.
ये भी पढ़ेंः मसूरी नगर पालिका सभासदों ने पालिकाध्यक्ष पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

वहीं, अन्य शिकायतकर्ताओं का भी आरोप है कि मसूरी नगर पालिका की ओर से कई भ्रष्टाचार और अनियमितता की गई है. जिसकी वो लगातार जांच की मांग कर कार्रवाई करने की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन जांच के बाद भी आरोपियों को सजा न मिलने दुर्भाग्यपूर्ण है. उनका कहना है कि कई मामलों में पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता और पालिका प्रशासन में बैठे अधिकारियों के खिलाफ जांच हो रही है. इससे स्पष्ट है कि उनकी ओर से भ्रष्टाचार और अनियमितता की गई है.

मामले में शहरी विकास निदेशालय के अपर निदेशक अशोक पांडे ने बताया कि नगर पालिका मसूरी में अनियमितताओं की कई शिकायतें उनके पास पहुंची हैं. जिस पर उच्चाधिकारियों की ओर से जांच के आदेश किए गए हैं. अभी नगर पालिका में दस्तावेजों की जांच जा रही है. उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से ईको बैरियर, रोपवे, मसूरी झील, पार्किंग और कंपनी बाग टेंडर में अनियमितताओं की जांच शामिल हैं.

वहीं, अपर निदेशक अशोक पांडे ने बताया कि पत्रावलियों की विस्तृत जांच के बाद स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट शहरी विकास निदेशक को सौंपी जाएगी. जिसके बाद भ्रष्टाचार और अनियमितता मिलने पर कार्रवाई शासन स्तर पर की जाएगी.

मसूरी नगर पालिका में अनियमितता की जांच शुरू.

मसूरीः नगर पालिका मसूरी में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की शिकायत पर जांच शुरू हो गई है. मामले की जांच शहरी विकास विभाग की ओर से किया जा रहा है. इसी कड़ी में शहरी विकास के अपर निदेशक अशोक पांडे पांच सदस्य टीम के साथ नगर पालिका कार्यालय पहुंचे. जहां टीम ने शासन स्तर पर किए गए शिकायतों का संज्ञान लेकर जांच शुरू की. जिससे मसूरी नगर पालिका में हड़कंप मचा रहा.

बता दें कि शिकायतकर्ता शेखर पांडे ने मसूरी नगर पालिका के ई-टेंडर में घोटाले का आरोप लगाया है. जिसमें उन्होंने रेंजर झूले की स्थापना एवं संचालन, लाइब्रेरी कार पार्किंग, कंपनी गार्डन, कैफेटेरिया एवं म्यूजियम के साथ अन्य निर्माण कार्यों में निविदाओं को लेकर घोटाले की बात कही है. इसके अलावा उन्होंने कंप्यूटर, फोटो स्टेट मशीन और प्रिंटर कार्टेज खरीद में भी घोटाले का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि पालिका की ओर से ₹600 से ₹1200 तक मिलने वाली कंप्यूटर कार्टेज को ₹4800 से लेकर ₹9000 तक की खरीद की जा रही है.

शिकायतकर्ता शेखर पांडे का आरोप है कि नगर पालिका मसूरी की ओर से मनमाने तरीके से निविदाओं की शर्त तय किया जा रहा है. साथ ही शासन के स्वीकृत प्रस्ताव के विपरीत कार्य किया जा रहा है. जिससे मसूरी नगर पालिका को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा रहा है. कई सामानों की खरीद में भी कमीशनखोरी के लिए राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा रहा है. लिहाजा, अनियमितता मामले में जांच की मांग की गई है.
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वहीं, अन्य शिकायतकर्ताओं का भी आरोप है कि मसूरी नगर पालिका की ओर से कई भ्रष्टाचार और अनियमितता की गई है. जिसकी वो लगातार जांच की मांग कर कार्रवाई करने की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन जांच के बाद भी आरोपियों को सजा न मिलने दुर्भाग्यपूर्ण है. उनका कहना है कि कई मामलों में पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता और पालिका प्रशासन में बैठे अधिकारियों के खिलाफ जांच हो रही है. इससे स्पष्ट है कि उनकी ओर से भ्रष्टाचार और अनियमितता की गई है.

मामले में शहरी विकास निदेशालय के अपर निदेशक अशोक पांडे ने बताया कि नगर पालिका मसूरी में अनियमितताओं की कई शिकायतें उनके पास पहुंची हैं. जिस पर उच्चाधिकारियों की ओर से जांच के आदेश किए गए हैं. अभी नगर पालिका में दस्तावेजों की जांच जा रही है. उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से ईको बैरियर, रोपवे, मसूरी झील, पार्किंग और कंपनी बाग टेंडर में अनियमितताओं की जांच शामिल हैं.

वहीं, अपर निदेशक अशोक पांडे ने बताया कि पत्रावलियों की विस्तृत जांच के बाद स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट शहरी विकास निदेशक को सौंपी जाएगी. जिसके बाद भ्रष्टाचार और अनियमितता मिलने पर कार्रवाई शासन स्तर पर की जाएगी.

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