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बिजली की कीमतें बढ़ाने के प्रस्ताव में कोई बदलाव नहीं, आयोग को 7.72% बढ़ोत्तरी पर ही लेना है निर्णय

उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने बिजली की दरें सरचार्ज के साथ बढ़ाने के प्रस्ताव पर कुछ सुधार किया है. यूपीसीएल ने सरचार्ज हटाकर 7.72 फीसदी की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव नियामक आयोग को भेजा है. आयोग इस प्रस्ताव पर मंजूरी देता है तो मार्च 2023 से बिजली की दरें बढ़ जाएंगी. यूपीसीएल को फिलहाल, 10 हजार 400 करोड़ रुपए का राजस्व चाहिए, जिसमें 8, 800 करोड़ ही मिल पा रहा है. अगर आयोग 7.72% बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को पास करता है तो 750 करोड़ रुपए राजस्व यूपीसीएल को मिलेगा.

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Published : Dec 28, 2022, 1:50 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में बिजली महंगी करने से जुड़े प्रस्ताव को लेकर कुछ नए तथ्य सामने आ रहे हैं. दरअसल यूपीसीएल (Uttarakhand Power Corporation Limited) ने नए प्रस्ताव के बाद भी बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव 7.72% का ही होने की बात कही है. मौजूदा समय में लिए जा रहे सरचार्ज को हटाकर यूपीसीएल 7.72% की बढ़ोत्तरी की डिमांड कर रहा है.

उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने एक बार फिर नियामक आयोग को बिजली के बढ़े हुए दामों के लिए प्रस्ताव भेजा है. हालांकि, प्रस्ताव को लेकर कुछ असमंजस की स्थिति दिखाई दे रही थी. क्योंकि सरचार्ज जोड़कर 7.72% की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव भेजे जाने की बात सामने आई थी. लेकिन अब नए प्रस्ताव में सरचार्ज यानी 6.6% की अतिरिक्त बढ़ोत्तरी को हटाकर नया प्रस्ताव भेजा गया है. जिसमें बताया जा रहा है कि सरचार्ज हटाने के बावजूद भी बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव 7.72% बढ़ोत्तरी का ही रहेगा.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में फिर बिजली की दरें बढ़ाने की तैयारी, कांग्रेस बोली- जनता का शोषण कर रही सरकार

जाहिर है कि बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को लेकर असमंजस की स्थिति दूर होने के बाद लोगों को कुछ राहत मिलेगी. हालांकि इसके बावजूद भी नए वित्तीय वर्ष से बिजली के दामों में 7.72% की बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव के सापेक्ष लोगों की जेब पर कुछ वित्तीय भार पड़ने की पूरी उम्मीद है. वैसे राज्य में अभी डिमांड के सापेक्ष आपूर्ति पूरी नहीं हो पा रही है. लिहाजा, ऐसे में यूपीसीएल के सामने बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी का ही विकल्प दिखाई दे रहा है. हालांकि, अभी बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी के इस प्रस्ताव पर सुनवाई होनी है. एक लंबे प्रोसेस के बाद इस पर अंतिम फैसला लिया जाना है.

आयोग करेगा अध्ययनः उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (Uttarakhand Electricity Regulatory Commission) प्रस्ताव आने के बाद इसका अध्ययन करता है. जिसके बाद जन सुनवाई की जाती है. जिसमें लोगों द्वारा बिजली के दाम ना बढ़ाए जाने पर भी चर्चा होती है. साथ ही तमाम लोगों के सुझाव भी इस दौरान लिए जाते हैं. इसमें लोगों पर महंगी बिजली का बोझ कम से कम पड़े इसका भी ख्याल रखा जाता है. सितंबर 2022 से 31 मार्च 2023 तक यूपीसीएल सरचार्ज के जरिए जनता से बिजली के दामों में कुछ बढ़ोत्तरी के साथ कमाई कर रहा है. लेकिन यूपीसीएल ने जो महंगी बिजली खरीद के चलते घाटा बताया है, वह बेहद बड़ा है और इसलिए एक बार फिर बढ़ोत्तरी की मांग की जा रही है.

देहरादूनः उत्तराखंड में बिजली महंगी करने से जुड़े प्रस्ताव को लेकर कुछ नए तथ्य सामने आ रहे हैं. दरअसल यूपीसीएल (Uttarakhand Power Corporation Limited) ने नए प्रस्ताव के बाद भी बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव 7.72% का ही होने की बात कही है. मौजूदा समय में लिए जा रहे सरचार्ज को हटाकर यूपीसीएल 7.72% की बढ़ोत्तरी की डिमांड कर रहा है.

उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने एक बार फिर नियामक आयोग को बिजली के बढ़े हुए दामों के लिए प्रस्ताव भेजा है. हालांकि, प्रस्ताव को लेकर कुछ असमंजस की स्थिति दिखाई दे रही थी. क्योंकि सरचार्ज जोड़कर 7.72% की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव भेजे जाने की बात सामने आई थी. लेकिन अब नए प्रस्ताव में सरचार्ज यानी 6.6% की अतिरिक्त बढ़ोत्तरी को हटाकर नया प्रस्ताव भेजा गया है. जिसमें बताया जा रहा है कि सरचार्ज हटाने के बावजूद भी बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव 7.72% बढ़ोत्तरी का ही रहेगा.
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जाहिर है कि बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को लेकर असमंजस की स्थिति दूर होने के बाद लोगों को कुछ राहत मिलेगी. हालांकि इसके बावजूद भी नए वित्तीय वर्ष से बिजली के दामों में 7.72% की बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव के सापेक्ष लोगों की जेब पर कुछ वित्तीय भार पड़ने की पूरी उम्मीद है. वैसे राज्य में अभी डिमांड के सापेक्ष आपूर्ति पूरी नहीं हो पा रही है. लिहाजा, ऐसे में यूपीसीएल के सामने बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी का ही विकल्प दिखाई दे रहा है. हालांकि, अभी बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी के इस प्रस्ताव पर सुनवाई होनी है. एक लंबे प्रोसेस के बाद इस पर अंतिम फैसला लिया जाना है.

आयोग करेगा अध्ययनः उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (Uttarakhand Electricity Regulatory Commission) प्रस्ताव आने के बाद इसका अध्ययन करता है. जिसके बाद जन सुनवाई की जाती है. जिसमें लोगों द्वारा बिजली के दाम ना बढ़ाए जाने पर भी चर्चा होती है. साथ ही तमाम लोगों के सुझाव भी इस दौरान लिए जाते हैं. इसमें लोगों पर महंगी बिजली का बोझ कम से कम पड़े इसका भी ख्याल रखा जाता है. सितंबर 2022 से 31 मार्च 2023 तक यूपीसीएल सरचार्ज के जरिए जनता से बिजली के दामों में कुछ बढ़ोत्तरी के साथ कमाई कर रहा है. लेकिन यूपीसीएल ने जो महंगी बिजली खरीद के चलते घाटा बताया है, वह बेहद बड़ा है और इसलिए एक बार फिर बढ़ोत्तरी की मांग की जा रही है.

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