देहरादून: इन दिनों उत्तराखंड बिजली की किल्लत से जूझ रहा है. जिसका बड़ा कारण देश में हो रही कोल और गैस की कमी है. वहीं, उत्तराखंड में लगातार बिजली की डिमांड बढ़ रही है. प्रदेश में बिजली की डिमांड 45 मिलियन यूनिट तक पहुंच गई है, लेकिन राज्य को 30 से 32 मिलियन यूनिट ही बिजली मिल रही है.
यूपीसीएल एमडी अनिल यादव ने कहा जिसमें यूपीसीएल को हर दिन 14 से 15 मिलियन यूनिट बिजली यूपीसीएल को बाजार से खरीदनी पड़ रही है. ऐसे में प्रतिदिन यूपीसीएल 15 करोड़ रुपये तक की बिजली बाजार से खरीद रहा है. यही वजह है कि इंडस्ट्रियल एरिया में 5 से 6 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में भी 3 से 4 घंटे की बिजली कटौती की जा रही है.
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प्रदेश में बिजली संकट को लेकर यूपीसीएल एमडी ने कहा नदियों में जलस्तर कम होने की वजह से भी जल विद्युत निगम ज्यादा बिजली पैदा नहीं कर पा रहा है. वहीं, गैस के दाम बहुत अधिक बढ़ जाने की वजह से बिजली उत्पादन करने वाले गैस प्लांट भी पूरी तरह से बंद हैं. गैस की क्राइसिस के कारण भी पर्याप्त बिजली नहीं बन पा रही है. बावजूद इसके हम लोग राज्य को पर्याप्त बिजली पहुंचाने में निरंतर प्रयासरत है.
अनिल यादव ने कहा हमने केंद्र सरकार से भी दरकार की है, जिसमें हमको कहीं ना कहीं सफलता भी मिली है. असम के गोगोई से हमने 36 एमवी यूनिट बिजली प्राप्त की है. एक सप्ताह के अंदर बिजली की किल्लत कुछ कम हो जाएगी. चारधाम यात्रा के दौरान बिजली की आपूर्ति सही रहेगी, उसकी उम्मीद जताई जा रही है. मॉनसून आने के बाद स्थिति बेहतर हो जाएगी. यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार यादव ने कहा हमारी पूरी कोशिश है कि उपभोक्ताओं को बिजली मिले. ऐसे में बिजली किल्लत जल्द दूर करने के प्रयास किये जा रहे हैं.