ऋषिकेश: अब जल्द ही कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने वाली दवा का उत्पादन तीर्थनगरी ऋषिकेश की इंडियन ड्रग्स प्राइवेट लिमिटेड (आईडीपीएल) में हो सकता है. कोरोना संकट को देखते हुए केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने आइडीपीएल के जीएम रामप्रसाद अग्रहरि से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा का उत्पादन करने के लिए फोन पर बातचीत की है.
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा का नाम सामने आया है. हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का सबसे बड़ा उत्पादन करने वाला देश भारत ही है. जिसको देखते हुए विश्वस्तरीय कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए भारत से अमेरिका सहित कई देश हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा की डिमांड कर रहे हैं. ऐसे में जरूरत है कि दवा का उत्पादन अधिक से अधिक हो. ताकि कोरोना महामारी से लड़ा जा सके.
ऋषिकेश में 1961 में स्थापित हुई आइडीपीएल फैक्ट्री में कुछ सालों पहले यह दवाई बनाई गई थी. जिसको देखते हुए केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने प्रतिनिधि के रूप में श्यामपुर के जिला पंचायत संजीव चौहान को आइडीपीएल फैक्ट्री के मैनेजर से फोन पर वार्ता के लिए भेजा गया. विश्वस्तरीय महामारी के समय सबसे पुरानी एवं भारत की सबसे बड़ी दवा उत्पादन करने वाली फैक्ट्री में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का उत्पादन होता है तो महामारी के इस दौर में काफी राहत मिलेगी, साथ ही उत्तराखंड के ऋषिकेश का राष्ट्रीय स्तर पर नाम होगा.
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श्यामपुर जिला पंचायत सदस्य संजीव चौहान ने बताया कि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री द्वारा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के उत्पादन शुरू करने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं. जिसके लिये आइडीपीएल फैक्ट्री के मैनेजर के साथ वार्ता हुई है एवं ज्ञापन भी दिया गया है. जल्द ही सरकार से मंजूरी के बाद उत्पाद शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया कि इस दवा को बनाने के लिए जो भी अड़चने आ रही है उसके बारे में जानकारी मंत्रालय में भेजने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि इससे संबंधित स्वास्थ्य मंत्रालय से भी वार्ता की जाएगी.
आइडीपीएल के जीएम रामप्रसाद अग्रहरि ने बताया कि फैक्ट्री हर तरीके से दवा बनाने के लिए तैयार है. फैक्ट्री की सभी मशीने दवा बनाने के लिए सुचारू है. सरकार द्वारा निर्देश मिलते ही हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा का उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा.