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Manaskhand Tableau Won First Prize: CM धामी के निर्देश पर तय हुई थी थीम, केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने दिया पुरस्कार - Manaskhand Tableau Wins First Prize

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर नई दिल्ली में उत्तराखंड की झांकी मानसखंड (Manaskhand) निकाली गई थी, जिसे देश में प्रथम स्थान मिला है. केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने यह पुरस्कर उत्तराखंड सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के महानिदेशक और संयुक्त निदेशक को दिया है.

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Published : Jan 31, 2023, 7:39 PM IST

Updated : Jan 31, 2023, 8:17 PM IST

देहरादून: गणतंत्र दिवस पर नई दिल्ली में विभिन्न राज्यों की झांकियों में उत्तराखंड की 'मानसखंड' झांकी को प्रथम स्थान मिला है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में यह पहला अवसर है, जब उत्तराखंड की झांकी को प्रथम पुरस्कार मिला है. नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने यह पुरस्कार प्रदान किया. उत्तराखंड सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी और संयुक्त निदेशक एवं झांकी के टीम लीडर केएस चौहान ने उत्तराखंड की ओर से यह पुरस्कार प्राप्त किया.

मानसखंड को प्रथम पुरस्कार मिलने पर सीएम पुष्कर धामी ने प्रसन्नता जाहिर की है. उन्होंने कहा देश-विदेश के लोग मानसखंड के साथ ही उत्तराखंड की लोक संस्कृति से भी परिचित होंगे. मुख्यमंत्री ने झांकी को पुरस्कार के लिए चुने जाने पर प्रदेशवासियों, सूचना विभाग के अधिकारी और झांकी बनाने वाले कलाकारों सहित झांकी में सम्मिलित सभी कलाकारों को बधाई दी है.

Mansakhand
उत्तराखंड सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के महानिदेशक और संयुक्त निदेशक को ट्रॉफी सौंपते केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट.

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन पर मानसखंड पर आधारित झांकी प्रस्तावित की गई थी. केदारनाथ और बदरीनाथ की तर्ज पर कुमाऊं के पौराणिक मंदिरों के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना पर काम किया जा रहा है. जिसमें इन प्रमुख मंदिरों का विकास होना है. धामी के विजन के अनुसार पहले चरण में करीब 2 दर्जन से अधिक मंदिरों को इसमें शामिल किया गया है.
ये भी पढ़ें: Republic Day Parade: उत्तराखंड की झांकी मानसखंड ने रचा इतिहास, गणतंत्र दिवस की परेड में मिला प्रथम स्थान

इनमें जागेश्वर महादेव, चितई गोलज्यू मंदिर, सूर्यदेव मंदिर, नंदादेवी मंदिर कसारदेवी मंदिर, झांकर सैम मंदिर पाताल भुवनेश्वर, हाटकालिका मंदिर, मोस्टमाणु मंदिर, बेरीनाग मंदिर, मलेनाथ मंदिर, थालकेदार मंदिर, बागनाथ महादेव, बैजनाथ मंदिर, कोट भ्रामरी मंदिर, पाताल रुद्रेश्वर गुफा, गोल्ज्यू मंदिर, निकट गोरलचैड मैदान, पूर्णागिरी मंदिर, वारही देवी मंदिर देवीधुरा, रीठा मीठा साहिब, नैनादेवी मंदिर, गर्जियादेवी मंदिर, कैंचीधाम, चैती (बाल सुंदरी) मंदिर, अटरिया देवी मंदिर और नानकमत्ता साहिब प्रमुख रूप से शामिल किए गए हैं.

इस साल कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में उत्तराखंड की ओर से मानसखंड की झांकी प्रदर्शित की गई थी. 18 कलाकारों के दल ने भी झांकी में अपना प्रदर्शन किया था. झांकी का थीम सांग 'जय हो कुमाऊं-जय हो गढ़वाला' को पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध जनकवि जनार्दन उप्रेती ने लिखा था. जिसे सौरभ मैठाणी और उनके साथियों ने सुर दिया था. इस थीम गीत के निर्माता पहाड़ी दगड़िया, देहरादून थे.

गणतंत्र दिवस परेड 2023 समारोह में उत्तराखंड की झांकी का निर्माण अहमदाबाद स्थित स्मार्ट ग्राफ आर्ट एडवरटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के अनुभवी आर्ट डायरेक्टर सिद्धेश्वर कानुगा और उनकी डिजाइन एवं प्रोडक्शन टीम ने किया था.

देहरादून: गणतंत्र दिवस पर नई दिल्ली में विभिन्न राज्यों की झांकियों में उत्तराखंड की 'मानसखंड' झांकी को प्रथम स्थान मिला है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में यह पहला अवसर है, जब उत्तराखंड की झांकी को प्रथम पुरस्कार मिला है. नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने यह पुरस्कार प्रदान किया. उत्तराखंड सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी और संयुक्त निदेशक एवं झांकी के टीम लीडर केएस चौहान ने उत्तराखंड की ओर से यह पुरस्कार प्राप्त किया.

मानसखंड को प्रथम पुरस्कार मिलने पर सीएम पुष्कर धामी ने प्रसन्नता जाहिर की है. उन्होंने कहा देश-विदेश के लोग मानसखंड के साथ ही उत्तराखंड की लोक संस्कृति से भी परिचित होंगे. मुख्यमंत्री ने झांकी को पुरस्कार के लिए चुने जाने पर प्रदेशवासियों, सूचना विभाग के अधिकारी और झांकी बनाने वाले कलाकारों सहित झांकी में सम्मिलित सभी कलाकारों को बधाई दी है.

Mansakhand
उत्तराखंड सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के महानिदेशक और संयुक्त निदेशक को ट्रॉफी सौंपते केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट.

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन पर मानसखंड पर आधारित झांकी प्रस्तावित की गई थी. केदारनाथ और बदरीनाथ की तर्ज पर कुमाऊं के पौराणिक मंदिरों के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना पर काम किया जा रहा है. जिसमें इन प्रमुख मंदिरों का विकास होना है. धामी के विजन के अनुसार पहले चरण में करीब 2 दर्जन से अधिक मंदिरों को इसमें शामिल किया गया है.
ये भी पढ़ें: Republic Day Parade: उत्तराखंड की झांकी मानसखंड ने रचा इतिहास, गणतंत्र दिवस की परेड में मिला प्रथम स्थान

इनमें जागेश्वर महादेव, चितई गोलज्यू मंदिर, सूर्यदेव मंदिर, नंदादेवी मंदिर कसारदेवी मंदिर, झांकर सैम मंदिर पाताल भुवनेश्वर, हाटकालिका मंदिर, मोस्टमाणु मंदिर, बेरीनाग मंदिर, मलेनाथ मंदिर, थालकेदार मंदिर, बागनाथ महादेव, बैजनाथ मंदिर, कोट भ्रामरी मंदिर, पाताल रुद्रेश्वर गुफा, गोल्ज्यू मंदिर, निकट गोरलचैड मैदान, पूर्णागिरी मंदिर, वारही देवी मंदिर देवीधुरा, रीठा मीठा साहिब, नैनादेवी मंदिर, गर्जियादेवी मंदिर, कैंचीधाम, चैती (बाल सुंदरी) मंदिर, अटरिया देवी मंदिर और नानकमत्ता साहिब प्रमुख रूप से शामिल किए गए हैं.

इस साल कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में उत्तराखंड की ओर से मानसखंड की झांकी प्रदर्शित की गई थी. 18 कलाकारों के दल ने भी झांकी में अपना प्रदर्शन किया था. झांकी का थीम सांग 'जय हो कुमाऊं-जय हो गढ़वाला' को पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध जनकवि जनार्दन उप्रेती ने लिखा था. जिसे सौरभ मैठाणी और उनके साथियों ने सुर दिया था. इस थीम गीत के निर्माता पहाड़ी दगड़िया, देहरादून थे.

गणतंत्र दिवस परेड 2023 समारोह में उत्तराखंड की झांकी का निर्माण अहमदाबाद स्थित स्मार्ट ग्राफ आर्ट एडवरटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के अनुभवी आर्ट डायरेक्टर सिद्धेश्वर कानुगा और उनकी डिजाइन एवं प्रोडक्शन टीम ने किया था.

Last Updated : Jan 31, 2023, 8:17 PM IST
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