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कम बारिश और अंधाधुंध निर्माण कार्यों से बढ़ा डेंगू, नई गाइडलाइन जारी

उत्तराखंड में डेंगू के बढ़ते मामलों ने केंद्र में भी हलचल पैदा कर दी है. गुरुवार को केंद्र से स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम देहरादून पहुंची थी. टीम ने डॉक्टरों को डेंगू की रोकथाम के लिए नई गाइडलाइन जारी की है.

देहरादून
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Published : Sep 13, 2019, 8:33 AM IST

Updated : Sep 13, 2019, 12:23 PM IST

देहरादून: डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम देहरादून पहुंची है. इस दौरान टीम ने सभी संबंधित अधिकारियों और चिकित्सकों को डेंगू की रोकथाम के लिए नई गाइडलाइन जारी की. स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने पाया कि देहरादून में डेंगू के बढ़ने का कारण अंधाधुंध इमारतों का निर्माण और मानसून सीजन के दौरान बेहद कम बारिश होना है. एनवायरमेंट चेंज और तापमान बदलने की वजह से डेंगू अपना असर दिखा रहा है.

डेंगू की रोकथाम के लिए नई गाइडलाइन जारी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम में शामिल डॉ. घनश्याम पांगती के अनुसार उन्होंने उत्तराखंड के नेशनल वेक्टर बोन डिसीज़ से जुड़े अधिकारियों व विशेषज्ञ डॉक्टरों से उनकी वार्ता हुई है. उन्होंने बताया कि इस बार मॉनसून सीजन में बारिश बेहद कम हुई है. मॉनसून के दौरान बारिश ज्यादा होती है तो धूल मिट्टी और मच्छर के पैदा होने की संभावनाएं थोड़ी कम हो जाती हैं.

डॉ. घनश्याम पांगती के मुताबिक इस बार दून वैली में अपेक्षा के अनुरूप कम बारिश हुई है. जिसका प्रमाण सहस्त्रधारा है. जहां धारा नाम की कोई चीज नहीं है. उन्होंने बाया कि इसके अलावा एनवायरमेंट चेंज और टेम्परेचर चेंज भी डेंगू के बढ़ते मामलों का मुख्य कारण है.

उन्होंने कहा कि इमारतों के लिए खुदाई और फैंसी गमलों के प्रति लोगों का रुझान ही देहरादून में डेंगू के मामले बढ़ा रहा है. यही कारण है कि डेंगू दिल्ली में भी प्रचुर मात्रा में पाया जा रहा है. सबसे पहले हमें अपने आप को बचाना है, जिसमें मच्छरदानी या ओडोमॉस प्रयोग करके डेंगू को भगाना है और गंभीर रोगियों का इलाज करना है.

केंद्रीय स्वास्थ्य टीम के अनुसार 2014 में एक गाइडलाइन दिल्ली में रिलीज की गई थी, जिस गाइडलाइन को राष्ट्रीय स्तर पर चलाने के साथ ही वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से नेशनल गाइडलाइन ऑफ डेंगू को प्राथमिकता दी थी. उसी गाइडलाइन को केंद्रीय टीम द्वारा यहां शेयर किया गया है. क्योंकि यह पहली बार देखने को मिल रहा है कि उत्तराखंड में हजारों की संख्या में डेंगू से पीड़ित मरीज पाए जा रहे हैं. इसलिए केंद्रीय टीम ने यहां मोटिलिटी और डेंगू से हो रही मौतों को जनता से विश्लेषण करते हुए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं.

देहरादून: डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम देहरादून पहुंची है. इस दौरान टीम ने सभी संबंधित अधिकारियों और चिकित्सकों को डेंगू की रोकथाम के लिए नई गाइडलाइन जारी की. स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने पाया कि देहरादून में डेंगू के बढ़ने का कारण अंधाधुंध इमारतों का निर्माण और मानसून सीजन के दौरान बेहद कम बारिश होना है. एनवायरमेंट चेंज और तापमान बदलने की वजह से डेंगू अपना असर दिखा रहा है.

डेंगू की रोकथाम के लिए नई गाइडलाइन जारी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम में शामिल डॉ. घनश्याम पांगती के अनुसार उन्होंने उत्तराखंड के नेशनल वेक्टर बोन डिसीज़ से जुड़े अधिकारियों व विशेषज्ञ डॉक्टरों से उनकी वार्ता हुई है. उन्होंने बताया कि इस बार मॉनसून सीजन में बारिश बेहद कम हुई है. मॉनसून के दौरान बारिश ज्यादा होती है तो धूल मिट्टी और मच्छर के पैदा होने की संभावनाएं थोड़ी कम हो जाती हैं.

डॉ. घनश्याम पांगती के मुताबिक इस बार दून वैली में अपेक्षा के अनुरूप कम बारिश हुई है. जिसका प्रमाण सहस्त्रधारा है. जहां धारा नाम की कोई चीज नहीं है. उन्होंने बाया कि इसके अलावा एनवायरमेंट चेंज और टेम्परेचर चेंज भी डेंगू के बढ़ते मामलों का मुख्य कारण है.

उन्होंने कहा कि इमारतों के लिए खुदाई और फैंसी गमलों के प्रति लोगों का रुझान ही देहरादून में डेंगू के मामले बढ़ा रहा है. यही कारण है कि डेंगू दिल्ली में भी प्रचुर मात्रा में पाया जा रहा है. सबसे पहले हमें अपने आप को बचाना है, जिसमें मच्छरदानी या ओडोमॉस प्रयोग करके डेंगू को भगाना है और गंभीर रोगियों का इलाज करना है.

केंद्रीय स्वास्थ्य टीम के अनुसार 2014 में एक गाइडलाइन दिल्ली में रिलीज की गई थी, जिस गाइडलाइन को राष्ट्रीय स्तर पर चलाने के साथ ही वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से नेशनल गाइडलाइन ऑफ डेंगू को प्राथमिकता दी थी. उसी गाइडलाइन को केंद्रीय टीम द्वारा यहां शेयर किया गया है. क्योंकि यह पहली बार देखने को मिल रहा है कि उत्तराखंड में हजारों की संख्या में डेंगू से पीड़ित मरीज पाए जा रहे हैं. इसलिए केंद्रीय टीम ने यहां मोटिलिटी और डेंगू से हो रही मौतों को जनता से विश्लेषण करते हुए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं.

Intro: डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र से स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम देहरादून पहुंची और सभी संबंधित अधिकारियों और चिकित्सकों को डेंगू की रोकथाम के लिए नई गाइडलाइन जारी की। इस दौरान केंद्र से आई स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने पाया कि देहरादून में डेंगू के बढ़ने का कारण मुख्यतः अंधाधुन इमारतों का निर्माण, और मानसून की सीजन के दौरान बेहद कम बारिश होना मुख्य कारण है।एन्वॉयरमेंट चेंज, और टेम्परेचर चेंज की वजह से डेंगु शिवालिक घाटी मे अपना असर दिखा रहा है।


Body: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम में शामिल डॉ घनश्याम पांगती के अनुसार उत्तराखंड के नेशनल वेक्टर बोन डिसीज से जुड़े अधिकारियों व विशेषज्ञ चिकित्सकों से उनकी वार्ता हुई है उन्होंने बताया कि इस बार मानसून सीजन में बरसात बेहद कम हुई है, यदि मानसून के दौरान बारिश ज्यादा होती तो धूल मिट्टी और मच्छर के पैदा होने की संभावनाएं थोड़ी कम हो जाती इस बार दून वैली में अपेक्षा के अनुरूप कम बारिश हुई है जिसका प्रमाण सहसधारा है जहां धारा नाम की चीज नहीं है उन्होंने बतया कि इसके अलावा एनवायरमेंटल चेंज और टेंपरेचर चेंज भी डेंगू के बढ़ते मामलों का मुख्य कारण है बिल्डिंगों की खुदाई और फैंसी गमलों के प्रति लोगों का रुझान देहरादून में डेंगू के केसेज़ को बढ़ा रहा है ,यही कारण है कि डेंगू दिल्ली में भी प्रचुर मात्रा में पाया जा रहा है सबसे पहले हमें अपने आप को बचाना है जिसमें मच्छरदानी ऑडोमस या केमिकल प्रयोग करके डेंगू को भगाना है और गंभीर रोगियों का इलाज करना है।।
बाईट-डॉ घनश्याम पांगती, विशेषज्ञ चिकित्सक ,केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय


Conclusion: वही केंद्रीय टीम के अनुसार 2014 में एक गाइडलाइन दिल्ली में रिलीज की गई थी, जिस गाइडलाइन को राष्ट्रीय स्तर पर चलाने के साथ ही वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से नेशनल गाइडलाइन ऑफ डेंगू को प्राथमिकता दी थी उसी गाइडलाइन को केंद्रीय टीम द्वारा यहां शेयर किया गया है । चूंकि यह पहली बार देखने को मिल रहा है कि उत्तराखंड में हजारों की संख्या में डेंगू से पीड़ित मरीज पाए जा रहे हैं इसलिए केंद्रीय टीम ने यहां मोटिलिटी और डेंगू से हो रही मौतों को जनता से विश्लेषण करते हुए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।
Last Updated : Sep 13, 2019, 12:23 PM IST
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