देहरादून: ऋषिकेश-बदरीनाथ मार्ग पर शिवपुरी के पास एक निर्माणाधीन फोरलेन पुल लेंटर डालने के दौरान क्षतिग्रस्त हो गया है. इस दुर्घटना में 14 मजदूरों के मलबे के नीचे दबे होने की सूचना थी. वहीं, सूचना मिलते ही मौके पर एसडीआरएफ की टीम और मुनि की रेती थाना सहित श्रीनगर से फोर्स भेजी गई. जिसके बाद टीम ने रेस्क्यू अभियान चलाया और 14 मजदूरों का रेस्क्यू किया. जिनमें से चार मजदूरों को इलाज के लिए राजकीय अस्पताल ऋषिकेश भेजा गया है. वहीं 10 मजदूरों को ऋषिकेश एम्स में भर्ती किया गया है. बताया जा रहा है कि इलाज के दौरान एक मजदूर सत्यपाल (26), निवासी अमरोहा ने दम तोड़ दिया है.
जानकारी के मुताबिक, गूलर के पास निर्माणाधीन पुल क्षतिग्रस्त हुआ है. दुर्घटना का कारण शटरिंग में गड़बड़ी बताया जा रहा है. आपदा प्रबंधन अधिकारी टिहरी ब्रिजेश भट्ट ने बताया कि निर्माणाधीन पुल के क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिली थी. जिसके बाद रेस्क्यू टीम को मौके पर भेजा गया था. टीम ने मलबे में दबे सभी मजदूरों का रेस्क्यू किया और उन्हें उपचार के लिए अस्पताल भिजवाया. वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग मार्ग-58 पर गूलर के पास निर्माणाधीन पुल क्षतिग्रस्त होने और इससे हुई दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं. उन्होंने इस घटना को दु:खद एवं दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है.
घायलों की सूची-
- जावेद अली(21), निवासी मिर्जापुर
- नकीफ(20), निवासी मिर्जापुर
- वामिक(22), निवासी मिर्जापुर
- अनस(20), निवासी मिर्जापुर
- मन्नान (20), निवासी मिर्जापुर
- कादिर(24), निवासी मिर्जापुर
- मेहताब(28), निवासी मिर्जापुर
- मुस्तफा(24), निवासी मिर्जापुर
- जावेद(27), निवासी मिर्जापुर
- नौसाद(23), निवासी मिर्जापुर
- बृजेश(38), बेतिया
- रिजाज,(24), अमरोहा
- रिऋिक(26), मुजफ्फरपुर
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पीडब्ल्यूडी राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के सहायक अभियंता मृत्युंजय शर्मा के अनुसार, पुल की शटरिंग लगाने के दौरान यह हादसा हुआ. सोमवार को पुल का स्लैब पड़ना था/ 90 मीटर पुल का आधा हिस्सा पहले बन चुका है. अब 45 मीटर का निर्माण होना था। निर्माणाधीन हिस्से की शटरिंग गिरी है.
उन्होंने बताया कि इस पैकेज में राज श्यामा कंस्ट्रक्शन कंपनी काम कर रही है. जबकि, भारत सरकार ने अयोलिजा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को कंसल्टेंसी एजेंसी नियुक्त किया है. कंसल्टेंसी कंपनी की निगरानी में काम होता है. कंपनी की ओर से काम में गड़बड़ी की कोई शिकायत नहीं की गई थी. वहीं, लोक निर्माण विभाग के सचिव आरके सुधांशु ने एनएच के चीफ इंजीनियर को हादसे की जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि मामले में कॉन्ट्रेक्टर के खिलाफ होगी कार्रवाई. जांच के लिए टीम को भी रवाना कर दिया गया है.
हैरत की बात है कि इस पुल का निर्माण का जिम्मा संभाल रहे एनएच के ईई दिनेश बिजल्वाण का फोन शाम से ही बंद आ रहा है. उनसे घटना से संबंध में किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि जिन अधिकारियों पर इस पूरे प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी है वो ही मौके से गायब हैं.