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इस मेडिकल कॉलेज की निर्माणाधीन बिल्डिंग होगी ध्वस्त, करोड़ों रुपए हो चुके खर्च, जानिए क्यों

Rudrapur Medical College की बिल्डिंग का निर्माण कछुआ चाल से हो रहा था, लेकिन अब जितना भी निर्माण हुआ है. उसे भी ध्वस्त कर लिया जाएगा. दरअसल, बिल्डिंग के निर्माण में गुणवत्ता को ठेंगे पर रखा गया. जिसके चलते करोड़ों रुपए खर्च कर बनाए गए निर्माण को तोड़ा जाएगा. अब रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज के बिल्डिंग के निर्माण में काफी वक्त लगने की संभावना है. क्योंकि, पहले 18 साल बीत चुके हैं, अभी तक निर्माण कार्य अधर में लटका है. जबकि, 50 करोड़ रुपए भी खर्च किए जा चुके हैं. जानिए क्यों मेडिकल कॉलेज के बिल्डिंग को ध्वस्त करने की नौबत आई और कब इसकी नींव रखी गई थी...

Rudrapur Medical College Building
रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 29, 2023, 8:21 PM IST

चिकित्सा शिक्षा सचिव आर राजेश कुमार का बयान

देहरादूनः उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग हमेशा से ही किसी न किसी मामले को लेकर सुर्खियों में रहता है. इस बार भी निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज को लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग चर्चाओं में आ गया है. चर्चाओं की वजह उधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग को ध्वस्त करने को लेकर है. ध्वस्तीकरण तब किया जा रहा है, जब निर्माण पर करोड़ों रुपए खर्च कर लिए गए. ऐसे में रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग कब तक बनकर तैयार होगी? ये एक बड़ा सवाल बना हुआ है.

Rudrapur Medical College
रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग

उधम सिंह नगर जिले का पंडित राम सुमेर शुक्ला स्मृति राजकीय मेडिकल कॉलेज रुद्रपुर का अस्पताल पहले ही बनकर तैयार हो चुका है. इतना ही नहीं पिछले साल यानी 11 अक्टूबर 2022 से अस्पताल में ओपीडी भी चल रही है, लेकिन अभी तक मेडिकल कॉलेज का दूसरा हिस्सा यानी प्रशासनिक भवन, हॉस्टल, अकादमिक भवन समेत अन्य का निर्माण कार्य लंबे समय से ठप पड़ा हुआ है.

Rudrapur Medical College
निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग

दरअसल, मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग का निर्माण कार्य की जिम्मेदारी ईपीएल कंपनी (इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट लिमिटेड) को सौंपी गई थी, लेकिन मेडिकल कॉलेज के भवनों के निर्माण के दौरान निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे थे. साथ ही पिलरों की सरिया काटने को लेकर अक्टूबर 2022 में विवाद भी हो गया था.

लिहाजा, मेडिकल कॉलेज के भवन की नींव की सरिया काटने और निर्माण सामग्री की गुणवत्ता की जांच के लिए आईआईटी रुड़की की टीम निरीक्षण करने पहुंची थी. उस दौरान टीम को काफी खामियां मिली थी. इसके बाद राज्य सरकार ने इस पूरे मामले की जांच थर्ड पार्टी को दे दी थी. इसी बीच थर्ड पार्टी की रिपोर्ट सामने आने के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग में निर्णय लिया है कि निर्माणाधीन बिल्डिंगों को ध्वस्त किया जाएगा.

Rudrapur Medical College
रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग का हिस्सा
ये भी पढ़ेंः रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से सरिया चोरी, CMO ने पुलिस को दी तहरीर

वहीं, निर्माण सामग्री की गुणवत्ता खराब होने का मामला सामने आने के बाद सरकार ने तात्कालिक कार्यदायी संस्था ईपीएल कंपनी को हटाकर उत्तराखंड पेयजल संसाधन एवं निर्माण इकाई को सौंपा, लेकिन बावजूद इसके अभी तक निर्माण कार्यों में कोई प्रगति नहीं हुई. अब जब थर्ड पार्टी की रिपोर्ट सामने आ गई है तो अब सरकार इस निर्माणाधीन बिल्डिंग को गिराने की बात कह रही है.

Rudrapur Medical College
रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज

जब भवनों के निर्माण की जिम्मेदारी पेयजल संसाधन एवं निर्माण इकाई को सौंपा गया था तो उस दौरान आगामी 2024 तक निर्माण कार्यों को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इन तमाम जांचों के चलते निर्माण कार्य पूरा होने में काफी वक्त लगने की संभावना है. नींव रखने से लेकर अब तक 18 साल बीत चुके हैं, लेकिन अब और समय लगेगा.

बता दें कि रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज की नींव साल 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने रखी थी. नींव को रखे 18 साल का वक्त बीत गया है, लेकिन अभी तक रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार नहीं हो पाई है. यह मेडिकल कॉलेज कभी राजनीतिक तो कभी सत्ता परिवर्तन की भेंट चढ़ती रही. इस मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने 336 करोड़ रुपए का बजट मिला है. जिसमें से अभी तक मात्र 50 करोड़ रुपए ही खर्च हुए हैं.
ये भी पढ़ेंः रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज बनाने की कवायद, केंद्र सरकार ने दिया 325 करोड़ का बजट

क्या बोले चिकित्सा सचिव? उत्तराखंड के चिकित्सा शिक्षा सचिव आर राजेश कुमार ने बताया कि रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज के निर्माण का काम ईपीएल कंपनी को दिया गया था, लेकिन इस कंपनी ने समय पर काम शुरू नहीं किया. जिसके चलते कार्यदायी संस्था को बदल दिया गया था, लेकिन अब उच्च स्तर पर निर्णय लिया गया है कि थर्ड पार्टी रिपोर्ट के आधार पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी. साथ ही इस संबंध में सारी धनराशि पूर्व की कार्यदायी संस्था से वसूली जाएगी.

चिकित्सा शिक्षा सचिव आर राजेश कुमार का बयान

देहरादूनः उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग हमेशा से ही किसी न किसी मामले को लेकर सुर्खियों में रहता है. इस बार भी निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज को लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग चर्चाओं में आ गया है. चर्चाओं की वजह उधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग को ध्वस्त करने को लेकर है. ध्वस्तीकरण तब किया जा रहा है, जब निर्माण पर करोड़ों रुपए खर्च कर लिए गए. ऐसे में रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग कब तक बनकर तैयार होगी? ये एक बड़ा सवाल बना हुआ है.

Rudrapur Medical College
रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग

उधम सिंह नगर जिले का पंडित राम सुमेर शुक्ला स्मृति राजकीय मेडिकल कॉलेज रुद्रपुर का अस्पताल पहले ही बनकर तैयार हो चुका है. इतना ही नहीं पिछले साल यानी 11 अक्टूबर 2022 से अस्पताल में ओपीडी भी चल रही है, लेकिन अभी तक मेडिकल कॉलेज का दूसरा हिस्सा यानी प्रशासनिक भवन, हॉस्टल, अकादमिक भवन समेत अन्य का निर्माण कार्य लंबे समय से ठप पड़ा हुआ है.

Rudrapur Medical College
निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग

दरअसल, मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग का निर्माण कार्य की जिम्मेदारी ईपीएल कंपनी (इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट लिमिटेड) को सौंपी गई थी, लेकिन मेडिकल कॉलेज के भवनों के निर्माण के दौरान निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे थे. साथ ही पिलरों की सरिया काटने को लेकर अक्टूबर 2022 में विवाद भी हो गया था.

लिहाजा, मेडिकल कॉलेज के भवन की नींव की सरिया काटने और निर्माण सामग्री की गुणवत्ता की जांच के लिए आईआईटी रुड़की की टीम निरीक्षण करने पहुंची थी. उस दौरान टीम को काफी खामियां मिली थी. इसके बाद राज्य सरकार ने इस पूरे मामले की जांच थर्ड पार्टी को दे दी थी. इसी बीच थर्ड पार्टी की रिपोर्ट सामने आने के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग में निर्णय लिया है कि निर्माणाधीन बिल्डिंगों को ध्वस्त किया जाएगा.

Rudrapur Medical College
रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग का हिस्सा
ये भी पढ़ेंः रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से सरिया चोरी, CMO ने पुलिस को दी तहरीर

वहीं, निर्माण सामग्री की गुणवत्ता खराब होने का मामला सामने आने के बाद सरकार ने तात्कालिक कार्यदायी संस्था ईपीएल कंपनी को हटाकर उत्तराखंड पेयजल संसाधन एवं निर्माण इकाई को सौंपा, लेकिन बावजूद इसके अभी तक निर्माण कार्यों में कोई प्रगति नहीं हुई. अब जब थर्ड पार्टी की रिपोर्ट सामने आ गई है तो अब सरकार इस निर्माणाधीन बिल्डिंग को गिराने की बात कह रही है.

Rudrapur Medical College
रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज

जब भवनों के निर्माण की जिम्मेदारी पेयजल संसाधन एवं निर्माण इकाई को सौंपा गया था तो उस दौरान आगामी 2024 तक निर्माण कार्यों को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इन तमाम जांचों के चलते निर्माण कार्य पूरा होने में काफी वक्त लगने की संभावना है. नींव रखने से लेकर अब तक 18 साल बीत चुके हैं, लेकिन अब और समय लगेगा.

बता दें कि रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज की नींव साल 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने रखी थी. नींव को रखे 18 साल का वक्त बीत गया है, लेकिन अभी तक रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार नहीं हो पाई है. यह मेडिकल कॉलेज कभी राजनीतिक तो कभी सत्ता परिवर्तन की भेंट चढ़ती रही. इस मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने 336 करोड़ रुपए का बजट मिला है. जिसमें से अभी तक मात्र 50 करोड़ रुपए ही खर्च हुए हैं.
ये भी पढ़ेंः रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज बनाने की कवायद, केंद्र सरकार ने दिया 325 करोड़ का बजट

क्या बोले चिकित्सा सचिव? उत्तराखंड के चिकित्सा शिक्षा सचिव आर राजेश कुमार ने बताया कि रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज के निर्माण का काम ईपीएल कंपनी को दिया गया था, लेकिन इस कंपनी ने समय पर काम शुरू नहीं किया. जिसके चलते कार्यदायी संस्था को बदल दिया गया था, लेकिन अब उच्च स्तर पर निर्णय लिया गया है कि थर्ड पार्टी रिपोर्ट के आधार पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी. साथ ही इस संबंध में सारी धनराशि पूर्व की कार्यदायी संस्था से वसूली जाएगी.

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