देहरादूनः उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (Uttarakhand Subordinate Service Selection Commission) की साल 2020 में हुई सचिवालय गार्ड भर्ती परीक्षा (Secretariat Guard Recruitment Exam) में पेपर लीक की पुष्टि हो गई है. उत्तराखंड एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह (STF SSP Ajay Singh) की तरफ से बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि परीक्षार्थियों को 10-10 लाख रुपये में प्रश्न पत्र बेचा गया. सभी 6 आरोपी स्नातक स्तर की भर्ती परीक्षा के पेपर लीक (graduate level recruitment exam paper leak) मामले में भी नामित हैं. प्राथमिक जांच के बाद एसटीएफ ने रायपुर थाने में सभी 6 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.
जांच में सामने आया है कि परीक्षा से पहले ही प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी ने पेपर को एक पेन ड्राइव में दूसरे आरोपी को दे दिया था. सभी 6 आरोपी स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में भी नामजद हैं. एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के जांच के दौरान सचिवालय गार्ड भर्ती परीक्षा में भी धांधली की शिकायत मिली थी.
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डीजीपी अशोक कुमार के आदेश पर प्राथमिक जांच में पता चला है कि इसका पेपर भी लखनऊ स्थित आयोग की आउटसोर्स प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले कंप्यूटर ऑपरेटर प्रदीप पाल ने लीक किया था. उसने यह पेपर परीक्षा से एक दिन पहले पेन ड्राइव में लिया और दूसरे कर्मचारी जयजीत को दे दिया था. जयजीत ने यह पेपर चंपावत के पाटी, सेरा निवासी पीआरडी कर्मचारी मनोज जोशी को दे दिया. वहां से यह पेपर सितारगंज न्यायालय के कनिष्ठ सहायक मनोज जोशी के पास गया.
इसके बाद बिजनौर के चांदपुर, बास्टा, सादीपुर निवासी कुलवीर सिंह और टिहरी के मखड़ैत निवासी दीपक चौहान को मुहैया कराया गया. सभी आरोपियों ने पेपर अभ्यर्थियों को 10-10 लाख रुपए में बेचा था. इस मामले में प्रदीप पाल, जयजतीत, कुलवीर सिंह, दीपक चौहान, मनोज जोशी (पीआरडी कर्मचारी) और मनोज जोशी (न्यायालय सहायक) के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.
बता दें UKSSSC पेपर लीक मामले के साथ-साथ पिछले दिनों सचिवालय रक्षक दल और कनिष्ठ सहायक (ज्यूडिशियल) के अलावा 2020 में आयोजित फॉरेस्ट गार्ड भर्ती घोटाले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई है.