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नकल माफियाओं की वजह से UKSSSC-UKPSC के अध्यक्षों को देना पड़ा इस्तीफा! जानें अब क्या है आयोगों में भर्तियों की स्थिति - UKPSC chairman Rakesh Kumar resigns

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और लोक सेवा चयन आयोग के अध्यक्षों ने नकल माफियाओं के हस्तक्षेप के बाद इस्तीफा दे दिया है, जिससे ये घटनाएं जाहिर करती हैं कि आयोगों में अंदर तक नकल माफियाओं की जड़ें मजबूत हो चुकी थी, जिससे जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारी इससे व्यथित हो रहे हैं.

UKSSSC UKPSC
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग
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Published : Jun 14, 2023, 5:58 PM IST

Updated : Jun 14, 2023, 9:30 PM IST

नकल माफियाओं की वजह से UKSSSC-UKPSC के अध्यक्षों को देना पड़ा इस्तीफा!

देहरादून: बीते एक साल में जब से उत्तराखंड के भर्ती आयोगों में नकल माफियाओं के हस्तक्षेप का भंडाफोड़ हुआ है, तब से लेकर अब तक उत्तराखंड में मौजूद अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और लोक सेवा चयन आयोग के अध्यक्षों को व्यथित होकर इस्तीफा देना पड़ा है. पिछले साल जब उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती में गड़बड़ी का खुलासा हुआ था, तो ईमानदार अधिकारी के रूप में काम करने वाले एस राजू को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पद से इस्तीफा देना पड़ा. इसके अलावा ईमानदार अधिकारी डॉक्टर राकेश कुमार ने लोक सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया. ऐसे में यह दोनों घटनाएं बताती हैं कि किस तरह से आयोगों में नकल सिंडिकेट का असर है और इस असर को बरकरार देखते हुए कहीं ना कहीं आयोगों में जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारियों को पीड़ा हो रही है.

अध्यक्ष के इस्तीफे से भर्ती प्रक्रिया पर नहीं कोई असर: वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा ने बताया कि नकल माफियाओं की आयोगों में बेहद अंदर तक जड़ें मजबूत हो चुकी थी और यही वजह है कि आयोगों में जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारी इससे व्यथित हो रहे हैं. वहीं, लोक सेवा आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने बताया कि लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के इस्तीफे से आयोग की गतिविधियों और आयोग की भर्ती प्रक्रिया पर असर नहीं पड़ेगा और भर्ती प्रक्रिया जारी रहेगी. जल्द ही किसी वरिष्ठ अधिकारी को अध्यक्ष का प्रभार दे दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि हाल ही में आयोग ने कई महत्वपूर्ण परीक्षाएं सफलता पूर्वक संपन्न करवाई हैं, जिसमें पटवारी भर्ती परीक्षा, कनिष्ठ सहायक, सहायक लेखाकार, वन आरक्षी आदि परीक्षाएं शामिल हैं. जिसमें लाखों की संख्या में अभ्यर्थियों ने परीक्षाएं दी थी और इनके परिणाम की प्रक्रिया आयोग में गतिमान हैं.

uksssc and ukpsc presidents resign due to copycat mafia
नकल माफियाओं की वजह से UKSSSC-UKPSC के अध्यक्षों को देना पड़ा इस्तीफा

दोनों आयोगों में क्या है भर्तियों का स्टेटस: गिरधारी सिंह रावत ने बताया कि इन सभी परीक्षाओं में औसतन एक परीक्षा में 1 से डेढ़ लाख अभ्यर्थियों द्वारा परीक्षा दी गई और इस तरह से हाल ही में लोक सेवा आयोग द्वारा 5 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों को परीक्षा दिलवाई गई है. इसके अलावा लोक सेवा आयोग में प्रयोगशाला सहायक के अलावा कुछ दो-तीन छोटी भर्तियों को लेकर विज्ञापन की तैयारी की जा रही है. वहीं, लोक सेवा आयोग का कहना है कि लोक सेवा आयोग की परीक्षाएं भी लगातार करवाई जा रही हैं. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाएं लोक सेवा आयोग से लगातार करवाई जाएंगी या नहीं करवाई जाएंगी, इसको लेकर लोक सेवा आयोग पूरी तरह से सरकार पर निर्भर है.

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अब परीक्षाओं के लिए पूरी तरह से तैयार: वहीं दूसरी तरफ एक लंबी उत्तल पुथल के बाद उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में अब शांति है. उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव सुरेंद्र रावत का कहना है कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में एक लंबी एक्सरसाइज के बाद आयोग में बड़े परिवर्तन किए गए हैं और अब आयोग की सारी व्यवस्थाएं बदल दी गई हैं. जिसके बाद अब आयोग में किसी भी तरह की गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं रह गई है. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा शासन को पत्र भेज दिया गया है कि आयोग परीक्षा करवाने के लिए पूरी तरह से तैयार है और वह सरकार की तरफ से जवाब आने का इंतजार कर रहे हैं.

परीक्षाओं को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में किया गया स्थानांतरित: बता दें कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में भर्ती परीक्षाओं को लेकर सामने आए गड़बड़ियों के बाद 23 अलग-अलग पदों के लिए परीक्षाओं को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में स्थानांतरित कर दिया गया था, जिसको लेकर अब अधीनस्थ सेवा चयन आयोग उम्मीद कर रहा है कि वह वापस अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को दे दी जाएंगी. इसके अलावा अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने हाल ही में पेपर लीक की वजह से रद्द हुए 3 परीक्षाएं सफलता पूर्वक करवाई है, जिसमें सचिवालय रक्षक, वन दरोगा और तीसरा वीडिओ परीक्षा भी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा करवाई जा रही हैं.

ये भी पढ़ें: नियुक्ति के डेढ़ साल में ही UKPSC चेयरमैन राकेश कुमार ने दिया इस्तीफा, जानिए क्या है माजरा?

नकल माफियाओं की वजह से UKSSSC-UKPSC के अध्यक्षों को देना पड़ा इस्तीफा!

देहरादून: बीते एक साल में जब से उत्तराखंड के भर्ती आयोगों में नकल माफियाओं के हस्तक्षेप का भंडाफोड़ हुआ है, तब से लेकर अब तक उत्तराखंड में मौजूद अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और लोक सेवा चयन आयोग के अध्यक्षों को व्यथित होकर इस्तीफा देना पड़ा है. पिछले साल जब उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती में गड़बड़ी का खुलासा हुआ था, तो ईमानदार अधिकारी के रूप में काम करने वाले एस राजू को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पद से इस्तीफा देना पड़ा. इसके अलावा ईमानदार अधिकारी डॉक्टर राकेश कुमार ने लोक सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया. ऐसे में यह दोनों घटनाएं बताती हैं कि किस तरह से आयोगों में नकल सिंडिकेट का असर है और इस असर को बरकरार देखते हुए कहीं ना कहीं आयोगों में जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारियों को पीड़ा हो रही है.

अध्यक्ष के इस्तीफे से भर्ती प्रक्रिया पर नहीं कोई असर: वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा ने बताया कि नकल माफियाओं की आयोगों में बेहद अंदर तक जड़ें मजबूत हो चुकी थी और यही वजह है कि आयोगों में जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारी इससे व्यथित हो रहे हैं. वहीं, लोक सेवा आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने बताया कि लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के इस्तीफे से आयोग की गतिविधियों और आयोग की भर्ती प्रक्रिया पर असर नहीं पड़ेगा और भर्ती प्रक्रिया जारी रहेगी. जल्द ही किसी वरिष्ठ अधिकारी को अध्यक्ष का प्रभार दे दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि हाल ही में आयोग ने कई महत्वपूर्ण परीक्षाएं सफलता पूर्वक संपन्न करवाई हैं, जिसमें पटवारी भर्ती परीक्षा, कनिष्ठ सहायक, सहायक लेखाकार, वन आरक्षी आदि परीक्षाएं शामिल हैं. जिसमें लाखों की संख्या में अभ्यर्थियों ने परीक्षाएं दी थी और इनके परिणाम की प्रक्रिया आयोग में गतिमान हैं.

uksssc and ukpsc presidents resign due to copycat mafia
नकल माफियाओं की वजह से UKSSSC-UKPSC के अध्यक्षों को देना पड़ा इस्तीफा

दोनों आयोगों में क्या है भर्तियों का स्टेटस: गिरधारी सिंह रावत ने बताया कि इन सभी परीक्षाओं में औसतन एक परीक्षा में 1 से डेढ़ लाख अभ्यर्थियों द्वारा परीक्षा दी गई और इस तरह से हाल ही में लोक सेवा आयोग द्वारा 5 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों को परीक्षा दिलवाई गई है. इसके अलावा लोक सेवा आयोग में प्रयोगशाला सहायक के अलावा कुछ दो-तीन छोटी भर्तियों को लेकर विज्ञापन की तैयारी की जा रही है. वहीं, लोक सेवा आयोग का कहना है कि लोक सेवा आयोग की परीक्षाएं भी लगातार करवाई जा रही हैं. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाएं लोक सेवा आयोग से लगातार करवाई जाएंगी या नहीं करवाई जाएंगी, इसको लेकर लोक सेवा आयोग पूरी तरह से सरकार पर निर्भर है.

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अब परीक्षाओं के लिए पूरी तरह से तैयार: वहीं दूसरी तरफ एक लंबी उत्तल पुथल के बाद उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में अब शांति है. उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव सुरेंद्र रावत का कहना है कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में एक लंबी एक्सरसाइज के बाद आयोग में बड़े परिवर्तन किए गए हैं और अब आयोग की सारी व्यवस्थाएं बदल दी गई हैं. जिसके बाद अब आयोग में किसी भी तरह की गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं रह गई है. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा शासन को पत्र भेज दिया गया है कि आयोग परीक्षा करवाने के लिए पूरी तरह से तैयार है और वह सरकार की तरफ से जवाब आने का इंतजार कर रहे हैं.

परीक्षाओं को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में किया गया स्थानांतरित: बता दें कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में भर्ती परीक्षाओं को लेकर सामने आए गड़बड़ियों के बाद 23 अलग-अलग पदों के लिए परीक्षाओं को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में स्थानांतरित कर दिया गया था, जिसको लेकर अब अधीनस्थ सेवा चयन आयोग उम्मीद कर रहा है कि वह वापस अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को दे दी जाएंगी. इसके अलावा अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने हाल ही में पेपर लीक की वजह से रद्द हुए 3 परीक्षाएं सफलता पूर्वक करवाई है, जिसमें सचिवालय रक्षक, वन दरोगा और तीसरा वीडिओ परीक्षा भी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा करवाई जा रही हैं.

ये भी पढ़ें: नियुक्ति के डेढ़ साल में ही UKPSC चेयरमैन राकेश कुमार ने दिया इस्तीफा, जानिए क्या है माजरा?

Last Updated : Jun 14, 2023, 9:30 PM IST
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