देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष और पूर्व एसीएस रहे एस राजू ने अचानक इस्तीफा (UKSSSC chairman S Raju resigns) देकर आयोग के सभी कर्मचारियों को चौंका दिया. उन्होंने UKSSSC (Uttarakhand Subordinate Service Selection Commission) पेपर लीक मामले में नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया है. एस राजू जब अपने कार्यालय से इस्तीफा देकर निकले तो उनकी आंखें नम थी. कार्यालय से इस्तीफा देकर निकले एस राजू ने जाते-जाते अपने कर्मचारियों से कहा कि वे बेईमानी करके नहीं जा रहे हैं. इस दौरान उन्होंने कुछ सफेदपोश लोगों का भी जिक्र किया जो इस धांधली में शामिल हैं.
नम आंखों के साथ बोले एस राजू ईमानदार था ईमानदार रहूंगा: चर्चाओं में चल रहे उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में पेपर लीक के मामले (UKSSSC paper leak case) में आज बड़ा अपडेट सामने आया. जहां आयोग के अध्यक्ष एस राजू ने सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ लगातार हो रही बयानबाजी की वजह से आहत होकर नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफा दे दिया. पूर्व आईएएस और उत्तराखंड शासन में अपर मुख्य सचिव के पद पर रहे ईमानदार छवि के अधिकारी रहे एस राजू की आंखें इस्तीफे के बाद नम थी. इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा हमारे देश में ईमानदारी से काम करना सबसे मुश्किल काम है.
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नकल माफिया के सामने नहीं झुकेंगे चाहे नौकरी छोड़नी पड़े: ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष एस राजू (UKSSSC chairman S Raju) ने कहा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा में पहली दफा परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक करने का मामला सामने आया है, जिसको आयोग ही सामने लाया है. उन्होंने बताया कि परीक्षा में हुए पेपर लीक की शिकायत आयोग के पास काफी पहले से आ रही थी, जिसके आधार पर आयोग ने जांच कराई. आयोग ने ही इस मामले में मुकदमा दर्ज करवाया. राजू ने कहा उन्हें इस बात की खुशी है कि आयोग से कोई भी कर्मचारी अबतक इस मामले में संलिप्त नहीं पाया गया है. फिर भी लगातार आयोग पर सवाल उठ रहे हैं. सोशल मीडिया में उनके खिलाफ बयानबाजी हो रही है. उनकी संपत्ति की जांच की बात की जा रही है. उन्होंने कहा कि वो इस मामले में किसी भी तरह से पीछे हटने के लिए राजी नहीं हैं, चाहे उन्हें इसके लिए उनको अपनी नौकरी ही क्यों ना छोड़नी पड़े.
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पेपर लीक के बड़े अपराधी अभी यूपी और हरियाणा में: ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए एस राजू ने कहा कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में हुई गड़बड़ी को लेकर वह पुलिस का पूरा सहयोग कर रहे हैं. उन्होंने ही पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराई हैं. अभी इस मामले में बड़ी कार्रवाई होनी बाकी है. उन्होंने बताया इस मामले में उत्तर प्रदेश के धामपुर और हरियाणा के कुछ बड़े गिरोह जुड़े हुए हैं. उनका पूरा प्रयास है कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा में नकल की घटना को अंजाम देने वाले इस पूरे गिरोह पर सख्त कार्रवाई हो. उन्होंने कहा कि इस मामले में आयोग पूरी तरह से उन छात्रों के साथ है, जिन्होंने मेहनत करके परीक्षा पास की है.
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पेपर लीक के मामले में सफेदपोश भी अछूते नहीं: पेपर लीक के मामले में इस्तीफा देने के बाद आयोग के अध्यक्ष एस राजू ने कहा कि वह जानते हैं कि इसमें राजनीतिक पृष्ठभूमि के लोगों का भी हाथ है, लेकिन वह अभी इस बारे में खुलकर नहीं कह सकते. उन्होंने कहा पुलिस की जांच यदि ठीक प्रकार से होती है तो उन राजनीतिक लोगों का भी नाम सामने आने में देर नहीं लगेगी. राजू ने कहा उन्होंने एसटीएफ को राजनीतिक पृष्ठभूमि के उन सारे लोगों की जानकारी दी है जो कि इस मामले में संदिग्ध पृष्ठभूमि रखते हैं. इसके अलावा एस राजू ने कहा उन्होंने अपने कार्यकाल में जो नकल और कोचिंग माफिया है, उन्हें गलत तरीके से सरकारी नौकरियों में नहीं घुसने दिया.
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उनका साफ तौर से कहना है कि जब से वो आयोग में आए हैं तब से बैकडोर एंट्री पूरी तरह से बंद हो गई है. एक ऐसा सिस्टम ईजाद किया गया है जिसके सेटिंगबाजी का खेल काफी हद तक कम हो चुका है. ये भी एक वजह है कि उन पर लगातार आरोप लगाने का मौका ढूंढा जाता रहा है. अब जब आयोग खुद नकल माफियाओं के खिलाफ खड़ा है तो उन पर अनर्गल टिप्पणियां की जा रही हैं.
एस राजू ने बताया कि उनकी यह पूरी कोशिश है कि जिस परीक्षा में पेपर लीक हुआ है उस परीक्षा में वह बच्चे जिन्होंने पूरी मेहनत करने के बाद इस परीक्षा को पास किया है, उन बच्चों की मेहनत बर्बाद नहीं होने दी जाए. उन्होंने कहा कि इस मामले में सख्ती से जांच होगी. जिसके बाद बेईमानी करने वाले छात्रों को सख्त सजा मिलेगी. जिन बच्चों ने मेहनत से परीक्षा दी है उनका करियर बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा. जिसको लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के कुछ लोगों से भी बातचीत की है. उनका पूरा प्रयास होगा कि परीक्षा रद्द न हो.
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एस राजू का कहना है कि इस वक्त नकल माफिया और बड़ी संख्या में बेरोजगार युवा भी चाहते हैं कि यह परीक्षा रद्द हो जाए. कहीं ना कहीं यह फैसला आयोग के लिए भी एक आसान फैसला था लेकिन इस फैसले के बाद पूरा मामला खत्म ही हो जाता. आयोग के अंदर अपनी जड़े मजबूत करने के मकसद से घूम रहे नकल माफिया भी इस मामले में बच जाते. एस राजू का कहना है कि वह इस मामले में बिल्कुल भी पीछे नहीं हटेंगे. वो नकल माफियाओं के सामने घुटने नहीं टेकेंगे.