देहरादून: उत्तराखंड क्रांति दल ने भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उक्रांद नेताओं का आरोप है कि सरकारी विभागों की भर्तियों से लेकर प्राइवेट संस्थानों की मान्यताओं तक हर तरफ भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा फैला हुआ है. नेताओं का कहना है कि उक्रांद, इन फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचारों के खिलाफ मुखर होकर बारी-बारी से आंदोलन करेगा.
उत्तराखंड क्रांति दल के नेता सुनील ध्यानी और शिव प्रसाद सेमवाल का कहना है कि भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड, आयुर्वेदिक निजी संस्थानों के फर्जीवाड़े का मुखिया बन गया है, प्रदेश में ऐसे कई संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिन्हें मान्यता ही नहीं मिली है या फिर डिप्लोमा कोर्स की मान्यता नहीं है. ऐसे संस्थान सिर्फ युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं, जिसको उक्रांद कतई बर्दाश्त नहीं करेगा. इसके विरोध में इन संस्थानों के खिलाफ तालाबंदी की मुहिम चलाया जाएगा.
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वहीं, उक्रांद नेता सुनील ध्यानी का कहना है कि भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा संचालित अटल बिहारी वाजपेयी पैरामेडिकल संस्थान को कोई मान्यता नहीं मिली है. लेकिन ये संस्थान धड़ल्ले से संचालित हो रहा है. ऐसे में करीब 200 बच्चों का भविष्य अधर में लटक हुआ है. यूकेडी नेताओं का कहना है कि देहरादून में ऐसे कई और संस्थान हैं, जो कई जगहों पर संचालित हो रहे हैं. इन संस्थानों में कई ऐसे डिप्लोमा कोर्स कराए जा रहे हैं जिनकी मान्यता तक नहीं है.
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उधर उक्रांद के नेताओं का कहना है कि योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा सहायक और पंचकर्म अटेंडेंट की मान्यता नहीं है, फिर भी ये कोर्स बगैर मान्यता के संचालित किए जा रहे हैं. जो छात्र ये कोर्स कर रहे हैं, उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. वहीं, उक्रांद के नेताओं का कहना है कि प्रदेशभर में जो भी आयुर्वेदिक संस्थान फर्जी तरीके से संचालित हो रहे हैं, जल्द ही उनके खिलाफ तालाबंदी अभियान चलाया जाएगा.