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उत्तराखंड में अनुच्छेद-371 लागू करने की मांग को लेकर UKD का धरना - अनुच्छेद 371

उत्तराखंड में अनुच्छेद 371 लागू करने की मांग को लेकर यूकेडी ने धरना दिया. यूकेडी ने कहा कि उत्तराखंड में भू-माफिया सक्रिय है.

Dehradun
देहरादून
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Published : Jul 1, 2021, 8:07 PM IST

देहरादूनः राज्य में अनुच्छेद 371 (Article 371) लागू करने की मांग पर यूकेडी कार्यकर्ताओं ने गांधी पार्क में एक दिवसीय धरना दिया. इस दौरान राज्य सरकार को प्रस्ताव बनाने के लिए यूकेडी कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (CM Tirath Singh Rawat) को ज्ञापन भी भेजा.

यूकेडी नेता शिव प्रसाद सेमवाल (UKD leader Shiv Prasad Semwal) का कहना है कि उत्तराखंड राज्य निर्माण में यहां के युवाओं और महिलाओं ने अपने प्राणों की आहुति देकर राज्य का निर्माण कराया. यहां की जनता ने अनेकों कष्ट राज्य आंदोलन के दौरान सहे. लेकिन राज्य बनने के लिए जो कुर्बानी उत्तराखंड के वासियों ने दिया, उसका उद्देश्य आज धूमिल हो गया है.

उत्तराखंड में भू-माफिया सक्रियः सेमवाल

सेमवाल ने कहा कि आज भी प्रदेश विकास से कोसों दूर है. यहां के मूल निवासी प्राकृतिक संसाधनों से भी दूर होते जा रहे हैं. जिन पर उनका हक था उसको भी छीनने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में भू-माफिया सक्रिय हैं. उन्होंने जंगल, कृषि और नजूल भूमि पर कब्जा कर लिया है. ऐसे में तत्काल प्रभाव से रोक लगाना जरूरी है.

ये भी पढ़ेंः भू-कानून की मांग को सुबोध उनियाल ने बताया चुनावी मुद्दा, कहा-जमीनी हकीकत कुछ और है

जल्द लागू हो अनुच्छेद 371ः सेमवाल

उन्होंने मांग करते हुए कहा कि राज्य में अनुच्छेद 371 लागू करना जरूरी हो गया है. इसलिए राज्य सरकार प्रस्ताव बनाकर अनुच्छेद 371 में प्रावधान बनाए कि प्रदेश में यहां की भूमि पर केवल उत्तराखंड के वासियों का अधिकार हो. तत्काल बाहरी व्यक्तियों का भूमि क्रय-विक्रय प्रतिबंधित किया जाए.

क्या है अनुच्छेद 371

अनुच्छेद 371 हिमालय राज्य हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में लागू है. इसके तहत कोई भी व्यक्ति जो हिमाचल प्रदेश से बाहर का वह है राज्य में एग्रीकल्चरल लैंड (खेती के लिए जमीन) नहीं खरीद सकता है. वहीं अगर कोई व्यक्ति हिमाचल प्रदेश का निवासी है और किसान नहीं है तब भी वह खेती के लिए जमीन नहीं खरीद सकता है.

देहरादूनः राज्य में अनुच्छेद 371 (Article 371) लागू करने की मांग पर यूकेडी कार्यकर्ताओं ने गांधी पार्क में एक दिवसीय धरना दिया. इस दौरान राज्य सरकार को प्रस्ताव बनाने के लिए यूकेडी कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (CM Tirath Singh Rawat) को ज्ञापन भी भेजा.

यूकेडी नेता शिव प्रसाद सेमवाल (UKD leader Shiv Prasad Semwal) का कहना है कि उत्तराखंड राज्य निर्माण में यहां के युवाओं और महिलाओं ने अपने प्राणों की आहुति देकर राज्य का निर्माण कराया. यहां की जनता ने अनेकों कष्ट राज्य आंदोलन के दौरान सहे. लेकिन राज्य बनने के लिए जो कुर्बानी उत्तराखंड के वासियों ने दिया, उसका उद्देश्य आज धूमिल हो गया है.

उत्तराखंड में भू-माफिया सक्रियः सेमवाल

सेमवाल ने कहा कि आज भी प्रदेश विकास से कोसों दूर है. यहां के मूल निवासी प्राकृतिक संसाधनों से भी दूर होते जा रहे हैं. जिन पर उनका हक था उसको भी छीनने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में भू-माफिया सक्रिय हैं. उन्होंने जंगल, कृषि और नजूल भूमि पर कब्जा कर लिया है. ऐसे में तत्काल प्रभाव से रोक लगाना जरूरी है.

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जल्द लागू हो अनुच्छेद 371ः सेमवाल

उन्होंने मांग करते हुए कहा कि राज्य में अनुच्छेद 371 लागू करना जरूरी हो गया है. इसलिए राज्य सरकार प्रस्ताव बनाकर अनुच्छेद 371 में प्रावधान बनाए कि प्रदेश में यहां की भूमि पर केवल उत्तराखंड के वासियों का अधिकार हो. तत्काल बाहरी व्यक्तियों का भूमि क्रय-विक्रय प्रतिबंधित किया जाए.

क्या है अनुच्छेद 371

अनुच्छेद 371 हिमालय राज्य हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में लागू है. इसके तहत कोई भी व्यक्ति जो हिमाचल प्रदेश से बाहर का वह है राज्य में एग्रीकल्चरल लैंड (खेती के लिए जमीन) नहीं खरीद सकता है. वहीं अगर कोई व्यक्ति हिमाचल प्रदेश का निवासी है और किसान नहीं है तब भी वह खेती के लिए जमीन नहीं खरीद सकता है.

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