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उत्तराखंड में मोटर व्हीकल एक्ट का विरोध शुरू, नए प्रावधानों को हटाने की मांग

उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने मोटर व्हीकल एक्ट के नए प्रावधान का विरोध करते हुए कहा कि एक्ट में किया गया बदलाव न्याय संगत नहीं है. जिसका यूकेडी घोर विरोध करता है. ट्रैफिक नियमों का पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है. ऐसे में पहले जनता को जागरुक करना होगा.

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Published : Sep 4, 2019, 5:04 PM IST

यूकेडी के कार्यकर्ताओं ने डीएम को सौंपा ज्ञापन.

देहरादूनः एक सितंबर से देशभर में मोटर व्हीकल एक्ट के नए प्रावधान लागू हो गए हैं. इसके तहत ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन इस नियम को लेकर भारी विरोध भी देखने को मिल रहा है. इसी कड़ी में उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने इस नियम को प्रदेश में लागू न करने को लेकर डीएम के माध्यम से राज्यपाल को एक ज्ञापन भेजा.

उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं का कहना है कि केंद्र सरकार ने ट्रैफिक नियमों में बदलाव के साथ जुर्माने की राशि को दोगुना कर दिया है. इसके तहत नाबालिग बच्चे अगर वाहन चलाते पकड़े जाते हैं, तो माता-पिता को भी सजा मिल सकती है. इस तरह के नियम काले कानून की याद दिलाते हैं. उन्होंने कहा कि ट्रैफिक नियमों में कड़े बदलाव कर जनता को प्रताड़ित किया जा रहा है. साथ ही जुर्माना की राशि बढ़ाकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है.

यूकेडी के कार्यकर्ताओं ने डीएम को सौंपा ज्ञापन.

ये भी पढे़ंः उत्तराखंड में गोद अभियान की शुरुआत, मुख्यमंत्री समेत कई लोगों ने बच्चों को लिया गोद

यूकेडी के महानगर अध्यक्ष सुनील ध्यानी ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से मोटर व्हीकल एक्ट में किया गया बदलाव न्याय संगत नहीं है. जिसका यूकेडी घोर विरोध करती है. ट्रैफिक नियमों का पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है. ऐसे में पहले जनता को जागरुक करना होगा. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भारी जुर्माना वसूलने पर पुलिसकर्मी भी अपने जेब भरेंगे. जिससे इस नए एक्ट के तहत भ्रष्टाचार भी बढ़ेगा.

देहरादूनः एक सितंबर से देशभर में मोटर व्हीकल एक्ट के नए प्रावधान लागू हो गए हैं. इसके तहत ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन इस नियम को लेकर भारी विरोध भी देखने को मिल रहा है. इसी कड़ी में उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने इस नियम को प्रदेश में लागू न करने को लेकर डीएम के माध्यम से राज्यपाल को एक ज्ञापन भेजा.

उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं का कहना है कि केंद्र सरकार ने ट्रैफिक नियमों में बदलाव के साथ जुर्माने की राशि को दोगुना कर दिया है. इसके तहत नाबालिग बच्चे अगर वाहन चलाते पकड़े जाते हैं, तो माता-पिता को भी सजा मिल सकती है. इस तरह के नियम काले कानून की याद दिलाते हैं. उन्होंने कहा कि ट्रैफिक नियमों में कड़े बदलाव कर जनता को प्रताड़ित किया जा रहा है. साथ ही जुर्माना की राशि बढ़ाकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है.

यूकेडी के कार्यकर्ताओं ने डीएम को सौंपा ज्ञापन.

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यूकेडी के महानगर अध्यक्ष सुनील ध्यानी ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से मोटर व्हीकल एक्ट में किया गया बदलाव न्याय संगत नहीं है. जिसका यूकेडी घोर विरोध करती है. ट्रैफिक नियमों का पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है. ऐसे में पहले जनता को जागरुक करना होगा. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भारी जुर्माना वसूलने पर पुलिसकर्मी भी अपने जेब भरेंगे. जिससे इस नए एक्ट के तहत भ्रष्टाचार भी बढ़ेगा.

Intro:मोटर व्हीकल एक्ट के नए प्रावधानो के विरोध को लेकर आज उत्तराखंड क्रांति दल के कार्येकर्ताओ ने जिलाधिकारी कार्यलय में प्रदर्शन कर जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।ओर इस मौके पर कार्यकर्ताओं का कहना है कि ट्रैफ़िक नियमो में कड़े बदलाव जनता को पीड़ित करना तो है ही साथ मे जुर्माना बढ़ाकर भष्ट्राचार को बढ़ावा देना है।और ट्रैफ़िक नियम तोडने पर बहुत अधिक जुर्माना राशि की वसूली करना सही नही है जिसका उत्तराखंड क्रांति दल विरोध करता है।


Body:यूकेडी के कार्यकर्ताओं का कहना है कि अभी हाल में केंद्र सरकार द्वारा ट्रैफ़िक नियमो में बदलाव के साथ साथ जुर्माने की राशि दुगना करना और सजा के कड़े प्रावधान 1 सितंबर से लागू किया है।जिसमे नाबालिक बच्चे जो गाड़ी चलते पकड़ा गया तो माता पिता तक को सजा मिल सकती है।इस तरह के नियमो तो अंग्रेजों की याद दिलाते है।और हम मांग करते है कि सरकार नए ट्रैफ़िक नियमो को लागू करने से पहले जनता के बीच जाकर जागरूक बनाये,साथ ही नियमो के अनुपालन के लिए पुलिस के साथ सामाजिक सगठनों को सरकार जागरूक अभियान की जिम्मेदारी दे।और उत्तराखंड राज्य में ये कड़े कानून लागू न हो सरकार को दिशानिर्देशित करते हुए सही निर्णय की अपेक्षा करते है।


Conclusion:यूकेडी के महानगर अध्यक्ष सुनील ध्यानी ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव किया है,यह बदलाव न्याय संगत नही है जिसका यूकेडी घोर विरोध करता है।इस एक्ट के तहत जुर्माने की राशि को काफी बढ़ा तो दिया है साथ ही नाबालिक गाड़ी चलाता है तो माता पिता को सजा दी जाएगी।यूकेडी का साफ कहना है कि ट्रैफ़िक नियमो का पालन करना भारत के हर किसी नागरिक का कत्तर्व्य है,लेकिन सरकार की तरफ से कही न कही एक जागरूकता जनता के बीच मे लाना चाहिये।साथ ही जहा 10 हज़ार रुपए का चालान की बात आएगी तो वहां पुलिसकर्मी 2 से 3 हज़ार तक जुर्माने को रफा दफा कर देंगे जिस कारण इस नए एक्ट के तहत भष्ट्राचार भी काफी बढेगा।

बाइट-सुनील ध्यानी(महानगर अध्यक्ष, यूकेडी)
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