ETV Bharat / state

UKD ने फिर उठाया गैरसैंण का मुद्दा, राज्य में अनुच्छेद 371 लागू करने की मांग

उत्तराखंड क्रांति दल ने राज्य में अनुच्छेद 371 लागू करने और गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित करने की मांग की है. यूकेडी ने कहा है कि अगर सरकार इस ओर ध्यान नहीं देती है तो दल को मजबूरन सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा.

Dehradun Hindi News
Dehradun Hindi News
author img

By

Published : Jan 22, 2020, 5:32 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड क्रांति दल ने आगामी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले एक बार फिर गैरसैंण का राग अलापा है. यूकेडी ने अनुच्छेद 371 लागू करने और राज्य की स्थाई राजधानी गैरसैंण घोषित करने की मांग की है. इस दौरान यूकेडी ने चेतावनी दी है अगर राज्य की जमीनों को बाहरी व्यक्तियों या शरणार्थियों को दिया जाएगा तो इसके गंभीर परिणाम होंगे.

यूकेडी के संरक्षक और पूर्व केंद्रीय मंत्री त्रिवेंद्र पंवार का कहना है कि राज्य में अनुच्छेद 371 लागू की जाए और राज्य में जमीनों की नीलामी की योजना वर्तमान राज्य सरकार ने कैबिनेट में जो तय की है, अगर योजना के आधार पर ही राज्य की भूमि किसी बाहरी व्यक्ति या शरणार्थी को दी तो सरकार के लिए ठीक नहीं होगा. उन्होंने कहा कि अगर राज्य को बचाना है तो अनुच्छेद 371 लागू किया जाए.

UKD ने फिर उठाया गैरसैंण का मुद्दा.

पंवार ने कहा कि सरकार साजिशन शरणार्थियों और बाहरी व्यक्तियों को यहां बसाने की तैयारी कर रही है. एक कानून के तहत ई टेंडरिंग के माध्यम से बाहरी लोगों को बुलाया जा रहा है. ऐसे में यूकेडी बाहरी लोगों और शरणार्थियों का विरोध करेगी. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जमीन तो दूर की बात है उनके नापाक कदम उत्तराखंड की धरती पर नहीं पड़ने देंगे.

हिमाचल का उदाहरण देते हुए त्रिवेंद्र पंवार ने कहा कि जिस प्रकार से हिमाचल में जमीनों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध है, इसलिए हिमाचल अग्रणी पार्टी राज्यों में शुमार है. हिमाचल की तर्ज पर ही उत्तराखंड में भी जमीनों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाई जाए.

देहरादून: उत्तराखंड क्रांति दल ने आगामी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले एक बार फिर गैरसैंण का राग अलापा है. यूकेडी ने अनुच्छेद 371 लागू करने और राज्य की स्थाई राजधानी गैरसैंण घोषित करने की मांग की है. इस दौरान यूकेडी ने चेतावनी दी है अगर राज्य की जमीनों को बाहरी व्यक्तियों या शरणार्थियों को दिया जाएगा तो इसके गंभीर परिणाम होंगे.

यूकेडी के संरक्षक और पूर्व केंद्रीय मंत्री त्रिवेंद्र पंवार का कहना है कि राज्य में अनुच्छेद 371 लागू की जाए और राज्य में जमीनों की नीलामी की योजना वर्तमान राज्य सरकार ने कैबिनेट में जो तय की है, अगर योजना के आधार पर ही राज्य की भूमि किसी बाहरी व्यक्ति या शरणार्थी को दी तो सरकार के लिए ठीक नहीं होगा. उन्होंने कहा कि अगर राज्य को बचाना है तो अनुच्छेद 371 लागू किया जाए.

UKD ने फिर उठाया गैरसैंण का मुद्दा.

पंवार ने कहा कि सरकार साजिशन शरणार्थियों और बाहरी व्यक्तियों को यहां बसाने की तैयारी कर रही है. एक कानून के तहत ई टेंडरिंग के माध्यम से बाहरी लोगों को बुलाया जा रहा है. ऐसे में यूकेडी बाहरी लोगों और शरणार्थियों का विरोध करेगी. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जमीन तो दूर की बात है उनके नापाक कदम उत्तराखंड की धरती पर नहीं पड़ने देंगे.

हिमाचल का उदाहरण देते हुए त्रिवेंद्र पंवार ने कहा कि जिस प्रकार से हिमाचल में जमीनों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध है, इसलिए हिमाचल अग्रणी पार्टी राज्यों में शुमार है. हिमाचल की तर्ज पर ही उत्तराखंड में भी जमीनों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाई जाए.

Intro: क्षेत्रीय दल उत्तराखंड क्रांति दल ने संपूर्ण राज्य में अनुच्छेद 371 लागू करके राज्य की राजधानी गैरसैंण घोषित करने की मांग की है, उत्तराखंड क्रांति दल ने चेतावनी दी है यदि राज्य की जमीनों को भारी व्यक्तियों या शरणार्थियों को दिया जाएगा तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।
summary- उत्तराखंड क्रांति दल ने संपूर्ण राज्य में अनुच्छेद 371 लागू करके गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित करने की मांग की है, यूकेडी ने कहा है कि यदि सरकार इस और ध्यान नहीं देती है तो दल को मजबूरन सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा।


Body: उत्तराखंड क्रांति दल के संरक्षक और पूर्व केंद्रीय मंत्री त्रिवेंद्र पवार का कहना है कि समूचे राज्य में अनुच्छेद 371 लागू की जाए , और राज्य मे जमीनों की नीलामी की योजना वर्तमान राज्य सरकार ने कैबिनेट में जो तय की है, अगर योजना के आधार पर ही राज्य की भूमि किसी बाहरी व्यक्ति है शरणार्थी को दी तो वो सरकार के लिए ठीक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यदि इस राज्य को बचाना है और जिन शहीदों ने राज्य निर्माण में अपनी भूमिका अदा की थी, उनकी शहादत को देखते हुए समूचे प्रदेश में अनुच्छेद 371 लागू की जाए। सरकार साजिशन शरणार्थियों और बाहरी व्यक्तियों को यहां बसाने की तैयारी कर रही है। एक कानून के तहत ईटेंडरिंग के माध्यम से भारी लोगों को बुलाया जा रहा है। ऐसे में यूकेडी बाहरी लोगों और शरणार्थियों का विरोध करेगी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जमीन तो दूर की बात है उनके नापाक कदम उत्तराखंड की धरती पर नहीं पड़ने देंगे। हिमाचल का उदाहरण देते हुए त्रिवेंद्र पवार ने कहा कि जिस प्रकार से हिमाचल में जमीनों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध है, इसलिए हिमाचल अग्रणी पार्टी राज्यों में शुमार है, हिमाचल की तर्ज में ही उत्तराखंड में भी जमीनों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाई जाए।

बाइट -त्रिवेंद्र सिंह पंवार ,संरक्षक ,यूकेडी


Conclusion: उत्तराखंड क्रांति दल ने राजधानी गैरसैण को पूर्ण कालीन राजधानी बनाए जाने की मांग करते हुए समूह ग की भर्तियों में स्थानीय युवाओं को अवसर प्रदान करने की मांग की।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.