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डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगारों के समर्थन में उतरी यूकेडी, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप - Uttarakhand Education Directorate

शिक्षा निदेशालय के बाहर डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार बीते एक महीने से नियुक्ति की मांग को लेकर धरना कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है. ऐसे में उत्तराखंड क्रांति दल ने इन युवाओं का समर्थन करते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए.

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डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगारों के समर्थन में उतरी यूकेडी
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Published : Oct 31, 2020, 9:59 PM IST

देहरादून: डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार बीते एक महीने से नियुक्ति की मांग को लेकर शिक्षा निदेशालय पर धरने पर बैठे हुए हैं. प्रशिक्षित बेरोजगार सर्द रातों में खुले आसमान के नीचे रात गुजार रहे हैं. उनके समर्थन में क्षेत्रीय दल उत्तराखंड क्रांति दल उतर आई है.

यूकेडी नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि उत्तराखंड सरकार तथा अधिकारियों की कारगुजारियों के कारण नौकरी के अवसरों पर बाहरी राज्यों के फर्जी डिग्री धारकों का डाका पड़ रहा है. इन डिग्री धारकों के पास उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दोनों जगह का स्थायी निवास प्रमाण पत्र है. उन्होंने आरोप लगाए कि उत्तर प्रदेश में फर्जी तरीके से प्राइवेट कॉलेज डीएलएड का प्रशिक्षण करवा रहे हैं और उत्तराखंड सरकार ऐसे फर्जी डिग्री धारियों के लिए दरवाजे खोले हुए हैं.

ये भी पढ़ें: मसूरी शिफन कोर्ट विस्थापन को लेकर गणेश जोशी और प्रदीप भंडारी में नोकझोंक

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड डीएलएड प्रशिक्षण नियमावली के तहत डीएलएड सिर्फ जिला स्तर पर ही स्थायी निवासियों को ही कराया जा सकता था, लेकिन उत्तराखंड से बाहर कई प्राइवेट प्रशिक्षण संस्थान चलाने वाले एक व्यक्ति ने हाई कोर्ट में जाकर एक केस दायर किया है कि अन्य राज्यों से प्राइवेट कॉलेजों से डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों को भी उत्तराखंड में योग्य माना जाए. ऐसे में हाई कोर्ट में सरकार के वकील ने अपनी तरफ से कोई भी पक्ष नहीं रखा है.

यूकेडी ने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर सरकार ने उत्तराखंड में डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों के हितों को ध्यान में रखकर उनका पक्ष हाईकोर्ट में नहीं रखा. यह सीधे-सीधे भारतीय जनता पार्टी की उत्तराखंड विरोधी मानसिकता को दर्शाता है. यूकेडी साफ-साफ चेतावनी देना चाहती है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी यदि डीएलएड का डिप्लोमा लेकर यहां आवेदन करते हैं तो फिर दल को एक बड़े आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा.

देहरादून: डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार बीते एक महीने से नियुक्ति की मांग को लेकर शिक्षा निदेशालय पर धरने पर बैठे हुए हैं. प्रशिक्षित बेरोजगार सर्द रातों में खुले आसमान के नीचे रात गुजार रहे हैं. उनके समर्थन में क्षेत्रीय दल उत्तराखंड क्रांति दल उतर आई है.

यूकेडी नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि उत्तराखंड सरकार तथा अधिकारियों की कारगुजारियों के कारण नौकरी के अवसरों पर बाहरी राज्यों के फर्जी डिग्री धारकों का डाका पड़ रहा है. इन डिग्री धारकों के पास उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दोनों जगह का स्थायी निवास प्रमाण पत्र है. उन्होंने आरोप लगाए कि उत्तर प्रदेश में फर्जी तरीके से प्राइवेट कॉलेज डीएलएड का प्रशिक्षण करवा रहे हैं और उत्तराखंड सरकार ऐसे फर्जी डिग्री धारियों के लिए दरवाजे खोले हुए हैं.

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उन्होंने कहा कि उत्तराखंड डीएलएड प्रशिक्षण नियमावली के तहत डीएलएड सिर्फ जिला स्तर पर ही स्थायी निवासियों को ही कराया जा सकता था, लेकिन उत्तराखंड से बाहर कई प्राइवेट प्रशिक्षण संस्थान चलाने वाले एक व्यक्ति ने हाई कोर्ट में जाकर एक केस दायर किया है कि अन्य राज्यों से प्राइवेट कॉलेजों से डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों को भी उत्तराखंड में योग्य माना जाए. ऐसे में हाई कोर्ट में सरकार के वकील ने अपनी तरफ से कोई भी पक्ष नहीं रखा है.

यूकेडी ने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर सरकार ने उत्तराखंड में डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों के हितों को ध्यान में रखकर उनका पक्ष हाईकोर्ट में नहीं रखा. यह सीधे-सीधे भारतीय जनता पार्टी की उत्तराखंड विरोधी मानसिकता को दर्शाता है. यूकेडी साफ-साफ चेतावनी देना चाहती है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी यदि डीएलएड का डिप्लोमा लेकर यहां आवेदन करते हैं तो फिर दल को एक बड़े आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा.

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