ETV Bharat / state

त्रिवेंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों पर यूकेडी का हमला, रखा सांकेतिक उपवास

author img

By

Published : Sep 9, 2020, 7:52 PM IST

Updated : Sep 9, 2020, 10:32 PM IST

दिवाकर भट्ट ने त्रिवेंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है. उन्होंने कहा राज्य सरकार ने भू-कानून का अस्तित्व खत्म कर राज्य की जमीनों को बेचने का रास्ता साफ कर दिया है.

UKD
त्रिवेंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों पर यूकेडी का हमला

देहरादून: उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने आज यूकेडी के केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट के नेतृत्व में राज्य की त्रिवेंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने त्रिवेंद्र सरकार पर जनविरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाते हुए सांकेतिक उपवास रखकर धरना दिया. इस दौरान दिवाकर भट्ट ने त्रिवेंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा.

उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड राज्य को अपने अस्तित्व में आए 20 साल हो गये हैं, मगर आज भी राज्य की अवधारणा व जनाकांक्षा धरी की धरी रह गई हैं. उन्होंने कहा राज्य के जनमुद्दों को लेकर निरंतर यूकेडी संघर्षरत है.

यूकेडी का सांकेतिक उपवास.

पढ़ें- रेजांग ला की ठंडी चोटियों में गोलियों की आवाज से दम तोड़ती सच्चाई

उन्होंने राज्य के युवाओं के भविष्य, संविदा कर्मियों के नियमितीकरण, राज्य कर्मचारियों के उत्पीड़न के सवाल, मूल निवास आदि कई मुद्दों को लेकर राज्य सरकार पर सवाल खड़े किए. दिवाकर भट्ट का कहना है कि राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है. उन्होंने कहा राज्य सरकार ने भू-कानून का अस्तित्व खत्म कर राज्य की जमीनों को बेचने का रास्ता साफ कर दिया है.

पढ़ें- हिमालय दिवस 2020: हिमालय बचेगा तो हम बचेंगे

इस कोरोना काल के दौरान होटल संचालक, कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों की रोजी-रोटी छिन चुकी है, तो वहीं प्रवासियों को रोजगार देने के लिए सरकार मात्र प्रचार-प्रसार तक ही सीमित है. उन्होंने कहा राज्य सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण राज्य का हर वर्ग त्रस्त है.

उत्तराखंड क्रांति दल की प्रमुख मांगें:-

  • सरकार द्वारा प्रवासियों के लिए रोजगार दिए जाने को लेकर मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को शत-प्रतिशत लागू किया जाए.
  • मूल निवास प्रदेश की आत्मा है इसलिए सरकार से यूकेडी मांग करती है कि मूल निवास को स्पष्ट करते हुए पुनः लागू किया जाए.
  • उपनल व अन्य एजेंसियों के तहत वर्षों से सेवा देने वाले कर्मचारियों को अभिलंब नियमित किया जाए.
  • उपनल व पीआरडी के तहत भर्ती के लिए मूल निवास की बाध्यता लागू की जाए.
  • कोविड-19 संक्रमण काल से प्रभावित होटल संचालकों के लिए पैकेज की व्यवस्था की जाए. साथ ही व्यवसायिक वाहनों का टैक्स व इंश्योरेंस 6 महीने के लिए माफ किया जाए.
  • पर्वतीय क्षेत्रों में जिला विकास प्राधिकरण की बाध्यता को खत्म किया जाए.
  • सरकार द्वारा घोषित सरकारी रिक्त पदों की भर्तियां अभिलंब की जाए.

देहरादून: उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने आज यूकेडी के केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट के नेतृत्व में राज्य की त्रिवेंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने त्रिवेंद्र सरकार पर जनविरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाते हुए सांकेतिक उपवास रखकर धरना दिया. इस दौरान दिवाकर भट्ट ने त्रिवेंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा.

उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड राज्य को अपने अस्तित्व में आए 20 साल हो गये हैं, मगर आज भी राज्य की अवधारणा व जनाकांक्षा धरी की धरी रह गई हैं. उन्होंने कहा राज्य के जनमुद्दों को लेकर निरंतर यूकेडी संघर्षरत है.

यूकेडी का सांकेतिक उपवास.

पढ़ें- रेजांग ला की ठंडी चोटियों में गोलियों की आवाज से दम तोड़ती सच्चाई

उन्होंने राज्य के युवाओं के भविष्य, संविदा कर्मियों के नियमितीकरण, राज्य कर्मचारियों के उत्पीड़न के सवाल, मूल निवास आदि कई मुद्दों को लेकर राज्य सरकार पर सवाल खड़े किए. दिवाकर भट्ट का कहना है कि राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है. उन्होंने कहा राज्य सरकार ने भू-कानून का अस्तित्व खत्म कर राज्य की जमीनों को बेचने का रास्ता साफ कर दिया है.

पढ़ें- हिमालय दिवस 2020: हिमालय बचेगा तो हम बचेंगे

इस कोरोना काल के दौरान होटल संचालक, कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों की रोजी-रोटी छिन चुकी है, तो वहीं प्रवासियों को रोजगार देने के लिए सरकार मात्र प्रचार-प्रसार तक ही सीमित है. उन्होंने कहा राज्य सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण राज्य का हर वर्ग त्रस्त है.

उत्तराखंड क्रांति दल की प्रमुख मांगें:-

  • सरकार द्वारा प्रवासियों के लिए रोजगार दिए जाने को लेकर मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को शत-प्रतिशत लागू किया जाए.
  • मूल निवास प्रदेश की आत्मा है इसलिए सरकार से यूकेडी मांग करती है कि मूल निवास को स्पष्ट करते हुए पुनः लागू किया जाए.
  • उपनल व अन्य एजेंसियों के तहत वर्षों से सेवा देने वाले कर्मचारियों को अभिलंब नियमित किया जाए.
  • उपनल व पीआरडी के तहत भर्ती के लिए मूल निवास की बाध्यता लागू की जाए.
  • कोविड-19 संक्रमण काल से प्रभावित होटल संचालकों के लिए पैकेज की व्यवस्था की जाए. साथ ही व्यवसायिक वाहनों का टैक्स व इंश्योरेंस 6 महीने के लिए माफ किया जाए.
  • पर्वतीय क्षेत्रों में जिला विकास प्राधिकरण की बाध्यता को खत्म किया जाए.
  • सरकार द्वारा घोषित सरकारी रिक्त पदों की भर्तियां अभिलंब की जाए.
Last Updated : Sep 9, 2020, 10:32 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.