देहरादून: उत्तराखंड क्रांति दल ने पेयजल निगम में साल 2005 और 2007 में सहायक अभियंताओं और कनिष्ठ अभियंताओं की भर्ती में धांधली का आरोप लगाते हुए मंगलवार को सचिव पेयजल और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को पत्र लिखकर जांच की मांग की है.
बता दें, मंगलवार को देहरादून के प्रेस क्लब में मीडिया से वार्ता करते हुए उत्तराखंड क्रांति दल के संरक्षक त्रिवेंद्र सिंह पंवार का कहना था कि साल 2005 और वर्ष 2007 में उत्तराखंड पेयजल निगम में सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंताओं की भर्ती में आरक्षित वर्ग में राज्य से बाहर के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ दिया गया है, जो उत्तराखंड के बेरोजगारों के हितों पर कुठाराघात है, उन्होंने कहा कि विभाग की चयन समिति की तरफ से भर्ती प्रक्रिया को लांछित किया गया है.
वहीं, इस दौरान उन्होंने पेयजल निगम के एमडी पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पेयजल निगम के तत्कालीन अभियंता और वर्तमान में प्रबंध निदेशक जो जांच समिति में आरक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, उनकी भूमिका संदेह के घेरे में है. त्रिवेंद्र पंवार ने आरक्षित वर्ग के अंतर्गत चयनित और नियुक्ति के प्रकरण की सीबीआई और एसआईटी से जांच कराने की मांग की है.
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त्रिवेंद्र पंवार ने बताया कि यूकेडी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से भी आग्रह किया है कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती है, तब तक सरकार या विभाग द्वारा 2005 और 2007 में सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंताओं के पदों पर भर्ती के लिए अभियंताओं की वरिष्ठता सूची अंतरिम ही रहने दी जाए, इसके साथ यह भी मांग की गई है कि जब तक जांच पूरी नहीं होती तब तक प्रबंध निदेशक भजन सिंह को पद से हटाया जाए, ताकि वह जांच को प्रभावित ना कर सके.
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यूकेडी का कहना है कि जानबूझकर एक षड्यंत्र के तहत प्रशासनिक भ्रष्टाचार को अंजाम देकर यह अमान्य नियुक्तियां की गई है, इसलिए इन नियुक्तियों को निरस्त करके दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए और यदि ऐसा नहीं होता है तो इस मामले को लेकर यूकेडी को मजबूरन न्यायालय में जाने को बाध्य होना पड़ेगा.