देहरादून: उत्तराखंड की क्षेत्रीय पार्टी उत्तराखंड क्रांति दल ने सिंगटाली-सतपुली मार्ग परियोजना को माफिया की शह पर बाधित करने का आरोप लगाया है. यूकेडी का कहना है कि इस परियोजना का मार्च में टेंडर होना था. लेकिन सरकार ने शासनादेश जारी कर परियोजना का स्थान बदल दिया है. वहीं अब सरकार के इस निर्णय के विरोध में यूकेडी ने युवाओं और पूर्व सैनिकों के साथ मिलकर सतपुली में आंदोलन का आगाज कर दिया है.
सोमवार को उत्तराखंड क्रांति दल के मुख्य प्रवक्ता पीसी थपलियाल ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एक एनजीओ को लाभ पहुंचाने के लिए सिंगटाली- सतपुली मार्ग पर योजना के काम को बाधित किया गया है. इसके लिए सरकार ने एक शासनादेश जारी कर परियोजना को तय जगह से तीन किलोमीटर की दूरी पर परिवर्तित किया है. वहीं अवकाश प्राप्त आईएएस एस.एस पांगती का कहना है कि सिंगटाली-सतपुली परियोजना के लिए मार्च में टेंडर होने वाला था. लेकिन एक एनजीओ ने अपने अवैध रिजॉर्ट को बचाने के लिए प्रभाव का इस्तेमाल करके राज्य के विकास पर पानी फेर दिया है. उन्होंने बताया कि जिस स्थान पर पुल निर्माण के लिए शासनादेश जारी किया गया था. वह वैज्ञानिक दृष्टि से अति संवेदनशील है, और न ही उसका अभी तक कोई सर्वेक्षण हुआ है.
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पीसी थपलियाल का कहना है कि इस पुल के निर्माण से गढ़वाल की नयार घाटी तथा कुमाऊं के सल्ट घाटी क्षेत्र से देहरादून की दूरी 150 से 200 किलोमीटर कम हो जाएगी. सामरिक दृष्टिकोण से भी यह एक अहम परियोजना थी. इस परियोजना के लिए विश्व बैंक से धन स्वीकृत हो गया था. लेकिन अब परियोजना की जगह बदलने से राज्य सरकार पर आर्थिक बोझ पड़ने वाला है. लेकिन सरकार के इस निर्णय के विरोध में यूकेडी युवाओं और पूर्व सैनिकों के साथ मिलकर सतपुली में एक बड़ा आंदोलन करने जा रही है.