देहरादून: मत्स्य पालन अभीकरण की 16 वीं बैठक पशुपालन मंत्री रेखा आर्य की अध्यक्षता में संपंन्न हुई. वहीं, इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए. साथ ही बैठक में मत्स्य पालन और मत्स्य पालकों को बढ़ावा देने के लिए नई तकनीक का सहयोग लेने को लेकर भी सहमति बनी. इसके अलावा टिहरी झील में महाशीर को सुरक्षित और विकसित करने के लिए एक टेक्निशियन की नियुक्ति को लेकर भी चर्चा हुई.
वहीं, इस बैठक में हरिद्वार जिले में ग्राम समाज के तालाब के लिए आक्सीजन जनरेटर परियोजना का भी अनुमोदन प्राप्त हुआ. जिसमें मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई स्टेयरिंग कमेटी की बैठक में पायलट प्रोजेक्ट के तहत नई तकनीक के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाने की सहमति हुई थी. इस दौरान नार्वे के सहयोग से प्रस्तावित आक्सीजन जनरेटर का सहयोग लिया जायेगा. ग्राम समाज के तालाबों में प्रदूषण एवं अन्य कारणों से आक्सीजन की कमी रहती है. बैठक में बताया गया कि ऐसे एक ऑक्सीजन जनरेटर की लागत 3.5 लाख रुपये के बीच है.
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इस मौके पर मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि राज्य में मत्स्य पालन को बढ़ावा के लिए इस बैठक का आयोजन किया गया. साथ ही बैठक में मत्स्य बीजों की कीमतों को निर्धारित करने, पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हरिद्वार में ऑक्सीजन जनरेटर का प्रयोग किये जाने को मंजूरी दी गई. ताकि आक्सीजन जनरेटर की मदद से मत्स्य पालन को बढ़ावा मिल सके. इसके साथ ही कर्मचारियों की नियुक्ति करने को भी बोर्ड ने मंजूरी दी है. जिससे प्रदेश में मत्स्य पालन अन्य राज्यों के मुकाबले काफी बेहतर हो रहा है.