देहरादून: प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) जलविद्युत नीति 2015 के अंतर्गत 50 किलोवाट से लेकर 2000 किलो वाट तक की नौ छोटी (मिनी) जल विद्युत परियोजनाएं तैयार करने जा रही है. जिसके माध्यम से प्रदेश में कुल 7850 किलो वाट बिजली का उत्पादन हो सकेगा.
बता दे कि यूजेवीएनएल की ओर से इन छोटी जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण प्रदेश के उन दुरुस्त ग्रामीण इलाकों में किया जा रहा है, जहां स्थानीय ग्रामीण आज भी लो-वोल्टेज के साथ बार-बार होने वाली विद्युत कटौती की समस्या से परेशान हैं. इसमें चमोली, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और देहरादून जनपद के अलग-अलग इलाकों का नाम शामिल है.
जलविद्युत नीति 2015 के अंतर्गत यूजेवीएनएल को आवंटित परियोजनाएं
परियोजना का नाम क्षमता (कि०वा) जनपद
- गुप्तकाशी 1500 किलो वाट, रुद्रप्रयाग
- पुरकुल 800 किलो वाट, देहरादून
- नाडा 50 किलो वाट, देहरादून
- कंचौटी 2000 किलो वाट, पिथौरागढ़
- कुलागाड़ 1200 किलो वाट, पिथौरागढ़
- तपोवन 800 किलो वाट, चमोली
- जेठागाड़ 1000 किलो वाट, चमोली
- चुफलागाड़ 400 किलो वाट, चमोली
- उडियार 100 किलो वाट, बागेश्वर
परियोजनाओं के निर्माण के संबंध में जानकारी देते हुए यूजेवीएनएल के प्रबंध निदेशक ( एमडी) संदीप सिंघल ने बताया कि इन सभी 9 छोटी परियोजनाओं के निर्माण की प्रक्रिया जारी है. जहां इनमें से कुछ परियोजनाओं को यूजेवीएनएल अपने खर्च पर तैयार कर रहा है. वहीं, कुछ परियोजनाओं के निर्माण के लिए ग्राम पंचायतों से मदद ली जा रही है.