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9 हजार रुपए की रिश्वत लेते UJVN का सीनियर मैनेजर गिरफ्तार, मुकदमा दर्ज

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Published : Mar 14, 2019, 11:40 PM IST

शिकायतकर्ता से उत्तराखंड जल विद्युत निगम में कार्यरत सीनियर मैनेजर आईटी अशोक यादव ने बिलों को पास करने की एवज में उनसे 9 हज़ार की रिश्वत मांगी थी.

रिश्वत लेते गिरफ्तार.

देहरादून: उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड के आईटी सीनियर मैनेजर को विजिलेंस टीम ने 9 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. आरोपी मैनेजर के खिलाफ विजिलेंस की टीम ने रिश्वतखोरी के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया है. बताया जा रहा है कि कांट्रेक्टर का शेष बिल पास करने की एवज में आरोपी मैनेजर ने रिश्वत की मांग की थी.

बता दें कि 12 जनवरी को विजिलेंस सेक्टर देहरादून को पीड़ित कॉन्ट्रेक्टर ने एक शिकायती पत्र लिखा था. जिसमें कहा गया था कि वह बायोमेट्रिक्स मशीन इंस्टॉलेशन और एएमसी का कार्य करता है. जिसके चलते उसने उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड में भी कुछ कार्य किया था और दो बिल का भुगतान के लिए उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड में लगाए थे.

पीड़ित कॉन्ट्रेक्टर ने बताया कि उसको 76 हज़ार रुपए का भुगतान होना था. जिसमें से उसे एक बिल का 36 हज़ार का भुगतान हो चुका था और 40 हज़ार का बिल शेष रह गया था. इन दोनों बिलों को पास करने के एवज में निगम में कार्यरत सीनियर मैनेजर आईटी अशोक यादव ने 12 प्रतिशत के हिसाब से दोनों बिलों को पास करने की एवज में उनसे 9 हज़ार की रिश्वत मांगी थी.

वहीं, इस मामले में एसएसपी विजिलेंस अबु सेंथिल का कहना है कि आरोपी सीनियर मैनेजर आईटी अशोक यादव को उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड कार्यालय में शिकायतकर्ता से 9 हजार रुपए लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है. आरोपी के खिलाफ थाना विजिलेंस सेक्टर देहरादून पर धारा 7 के अधिनियम 1988 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.

देहरादून: उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड के आईटी सीनियर मैनेजर को विजिलेंस टीम ने 9 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. आरोपी मैनेजर के खिलाफ विजिलेंस की टीम ने रिश्वतखोरी के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया है. बताया जा रहा है कि कांट्रेक्टर का शेष बिल पास करने की एवज में आरोपी मैनेजर ने रिश्वत की मांग की थी.

बता दें कि 12 जनवरी को विजिलेंस सेक्टर देहरादून को पीड़ित कॉन्ट्रेक्टर ने एक शिकायती पत्र लिखा था. जिसमें कहा गया था कि वह बायोमेट्रिक्स मशीन इंस्टॉलेशन और एएमसी का कार्य करता है. जिसके चलते उसने उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड में भी कुछ कार्य किया था और दो बिल का भुगतान के लिए उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड में लगाए थे.

पीड़ित कॉन्ट्रेक्टर ने बताया कि उसको 76 हज़ार रुपए का भुगतान होना था. जिसमें से उसे एक बिल का 36 हज़ार का भुगतान हो चुका था और 40 हज़ार का बिल शेष रह गया था. इन दोनों बिलों को पास करने के एवज में निगम में कार्यरत सीनियर मैनेजर आईटी अशोक यादव ने 12 प्रतिशत के हिसाब से दोनों बिलों को पास करने की एवज में उनसे 9 हज़ार की रिश्वत मांगी थी.

वहीं, इस मामले में एसएसपी विजिलेंस अबु सेंथिल का कहना है कि आरोपी सीनियर मैनेजर आईटी अशोक यादव को उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड कार्यालय में शिकायतकर्ता से 9 हजार रुपए लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है. आरोपी के खिलाफ थाना विजिलेंस सेक्टर देहरादून पर धारा 7 के अधिनियम 1988 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.

Intro:देहरादून सतर्कता की टीम ने उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड के आईटी सीनियर मैनेजर को उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड कार्यालय से 9 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपी के विरुद्ध थाना सतर्कता सैक्टर देहरादून पर धारा 7 के अधिनियम 1988 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया।


Body:शिकायतकर्ता ने 12 जनवरी को सतर्कता सैक्टर देहरादून को पत्र शिकायत की वह सिम कार्ड/बायोमैट्रिक्स मशीन का कांट्रेक्टर है और कई कार्यो में बायोमैट्रिक्स का इंस्टॉलेशन और एएमसी का कार्य करता है जिसके चलते उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड में भी कार्य किया था। जिसके एवज में शिकायतकर्ता द्वारा दो बिल का भुगतान के लिए उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड में लगाए थे। शिकायतकर्ता का कुल बिल 76 हज़ार रुपए थे।जिनमें से एक बिल जो 36 हज़ार का भुगतान हो चुका था और 40 हज़ार का बिल शेष रह गया था। दोनों बिलों को पास करने के एवज में उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड में कार्यरत सीनियर मैनेजर आईटी अशोक यादव ने 12 प्रतिशत के हिसाब से दोनों बिलों के 9 हज़ार की रिश्वत मांगी।
शिकायतकर्ता ने अपने रुके हुए बिलों के भुगतान के लिए सीनियर मैनेजर आईटी अशोक यादव से कई बार अनुरोध किया लेकिन सीनियर मैनेजर आईटी ने कमीशन के 9 हजार के भुगतान पर जोर दिया। शिकायतकर्ता द्वारा अनुरोध किया गया कि कमिशन की धनराशि अधिक है इसे कम करने के लिए कहा गय।लेकिन सीनियर मैनेजर आईटी ने रुपए कम करने से साफ मना कर दिया था।पीड़ित शिकायतकर्ता 12 मार्च को पुलिस सतर्कता सेक्टर के कार्यालय में अपनी शिकायत लेकर पहुंच गया और वह रिश्वत नहीं देना चाहता था मजबूरी में रिश्वत देने को तैयार हुआ और अपने प्रार्थना पत्र पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई करवाना चाहता है।
सतर्कता सैक्टर देहरादून द्वारा शिकायतकर्ता की गोपनीय जांच में सही पाते हुए नियम अनुसार टैप संचालन के लिए एक टीम गठित की गई।


Conclusion:सतर्कता एसएसपी अबु सेंथिल ने बताया कि आज आरोपी सीनियर मैनेजर आईटी अशोक यादव को उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड कार्यालय में शिकायतकर्ता से 9 हजार रुपए लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया।आरोपी के विरुद्ध थाना सतर्कता सैक्टर देहरादून पर धारा 7 के अधिनियम 1988 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

आरोपी का फोटो मेल किया है।कृपया फोटो मेल से उठाने का कष्ट करें।

धन्यवाद।
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