देहरादून: उत्तराखंड में संरक्षित वन क्षेत्रों में अवैध निर्माण मामले को लेकर हाई कोर्ट में उत्तराखंड सरकार को जवाब देना है. वहीं, अब इस मामले को लेकर वन विभाग के मुखिया ने आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को जांच सौंप दी है. साथ ही इस जांच को 2 हफ्ते में पूरा करने के लिए कहा गया है लेकिन इतने कम समय में इस जांच की पूरी होने की संभावना कम ही दिख रही है.
प्रदेश में वन विभाग के अधिकारी संरक्षित क्षेत्रों में अवैध निर्माण और अवैध जंगल के कटान मामले को लेकर सवालों के घेरे में है. इस मामले को लेकर जहां दिल्ली हाईकोर्ट से लेकर उत्तराखंड की नैनीताल हाई कोर्ट सरकार से जवाब तलब पड़ चुकी है. वहीं, मामले में विवाद बढ़ता देख अब शासन ने भी प्रमुख वन संरक्षक को इस मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए थे. इसी आधार पर वन विभाग ने मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी को जांच के आदेश भी दे दिए थेलेकिन दो हफ्तों में जांच पूरा करने के दिए गए आदेश में कुछ देरी हो सकती है.
दरअसल, त्योहारी सीजन के चलते जांच में कुछ समय लग सकता है, जबकि वन विभाग मान रहा था कि हाई कोर्ट को जवाब देने के फॉर्म भर इस रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाए लेकिन माना जा रहा है कि इस जांच में करीब 1 हफ्ते का अतिरिक्त समय लग सकता है.
हालांकि, मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी बेहद एक्टिव अधिकारी माने जाते हैं और काफी तेजी से जांचों को निष्पक्ष तरह से पूरा भी करते हैं. फिलहाल, त्योहार के चलते कई सरकारी औपचारिकताओं में कुछ देरी हो सकती है. जिसके कारण यह जांच देरी से पूरी होने की उम्मीद है.
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वहीं, खास बात यह है कि जांच में कई अलग-अलग क्षेत्रों में हुए कथित अवैध कार्यों को लेकर भी ब्योरा जुटाना जरूरी होगा. इसलिए माना जा रहा है कि अभी जांच कुछ और लंबी चल सकती है और 2 हफ्ते का दिया गया समय इस जांच के लिए पर्याप्त नहीं है. हालांकि, देखना होगा कि संजीव चतुर्वेदी कब तक इस जांच को पूरा कर पाते हैं.