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कोरोना काल में इंजेक्शन और दवाइयों की कालाबाजारी कर रहे थे दो वार्ड ब्वाय, पहुंचे जेल - दवाइयों की कालाबाजारी

थाना क्लेमेंट टाउन क्षेत्र में वार्ड ब्वाय द्वारा इंजेक्शन और दवाइयों की कालाबाजारी का मामला सामने आया है. क्लेमेंट टाउन पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है.

दवाइयों की कालाबाजारी
दवाइयों की कालाबाजारी
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Published : May 22, 2021, 10:35 AM IST

Updated : May 22, 2021, 2:52 PM IST

देहरादून: थाना क्लेमेंट टाउन क्षेत्र के अंतर्गत टर्नल रोड स्थित एक निजी अस्पताल के दो वार्ड ब्वाय द्वारा इंजेक्शन और दवाइयों की कालाबाजारी करने का मामला सामने आया है. पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित आपदा अधिनियम और महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया है.

कोरोनाकाल में एसएसपी द्वारा सभी थाना प्रभारियों को कालाबाजारी रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं, जिसके तहत थाना क्लेमेंट टाउन पुलिस ने टीम बनाकर छापेमारी की. टीम को सूचना मिली थी कि वेलमेड अस्पताल के आसपास दवाइयां व इंजेक्शन अधिक मूल्य पर बेचे जा रहे हैं. ये भी जानकारी मिली की वेलमेड अस्पताल के 2 वार्ड ब्वाय इस कालाबाजारी में लिप्त हैं.

जो मरीज वेलमेड अस्पताल से डिस्चार्ज होकर जाते हैं ये लोग उनकी दवाइयां अपने पास रख लेते हैं और दूसरे मरीजों को उन दवाइयों को अधिक मूल्य पर बेचते हैं. इसकी जानकारी वेलमेड प्रशासन को मिलने पर उनके द्वारा दोनों वार्ड ब्वाय को हॉस्पिटल से निकाल दिया गया है.

पढ़ें: नई भर्तियों से नाराज हुआ नर्सिंग स्टाफ, सरकार को दिया सामूहिक इस्तीफे का अल्टीमेटम

पुलिस ने दी जानकारी

थाना क्लेमेंट टाउन प्रभारी धर्मेंद्र रौतेला ने बताया कि वेलमेड अस्पताल में भर्ती कोविड पीड़ित एक महिला मरीज को जरूरी दवा और इंजेक्शन की जरूरत थी. अस्पताल के इन दोनों कर्मचारियों (अमन बिष्ट निवासी शिव नगर डिफेंस कॉलोनी और सौरभ शर्मा निवासी हरीपुर नवादा) ने पहले अस्पताल में इंजेक्शन होने से इंकार किया फिर कुछ देर बार इंजेक्शन मौजूद होने की बात कहने लगे लेकिन उसके लिए उन्होंने 800 की बजाय 1200 रुपये की मांग की. इस बात की शिकायत लेकर महिला के तीमारदार अस्पताल प्रबंधन के पास पहुंचे और यहां से मामला पुलिस के पास पहुंचा.

अमन बिष्ट और सौरभ शर्मा के खिलाफ अस्पताल प्रबंधन द्वारा शिकायत दर्ज करने के बाद कार्रवाई कर गिरफ्तार किया गया है. दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है. कोर्ट में पेश करने के बाद दोनों को जेल भेज दिया गया है.

देहरादून: थाना क्लेमेंट टाउन क्षेत्र के अंतर्गत टर्नल रोड स्थित एक निजी अस्पताल के दो वार्ड ब्वाय द्वारा इंजेक्शन और दवाइयों की कालाबाजारी करने का मामला सामने आया है. पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित आपदा अधिनियम और महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया है.

कोरोनाकाल में एसएसपी द्वारा सभी थाना प्रभारियों को कालाबाजारी रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं, जिसके तहत थाना क्लेमेंट टाउन पुलिस ने टीम बनाकर छापेमारी की. टीम को सूचना मिली थी कि वेलमेड अस्पताल के आसपास दवाइयां व इंजेक्शन अधिक मूल्य पर बेचे जा रहे हैं. ये भी जानकारी मिली की वेलमेड अस्पताल के 2 वार्ड ब्वाय इस कालाबाजारी में लिप्त हैं.

जो मरीज वेलमेड अस्पताल से डिस्चार्ज होकर जाते हैं ये लोग उनकी दवाइयां अपने पास रख लेते हैं और दूसरे मरीजों को उन दवाइयों को अधिक मूल्य पर बेचते हैं. इसकी जानकारी वेलमेड प्रशासन को मिलने पर उनके द्वारा दोनों वार्ड ब्वाय को हॉस्पिटल से निकाल दिया गया है.

पढ़ें: नई भर्तियों से नाराज हुआ नर्सिंग स्टाफ, सरकार को दिया सामूहिक इस्तीफे का अल्टीमेटम

पुलिस ने दी जानकारी

थाना क्लेमेंट टाउन प्रभारी धर्मेंद्र रौतेला ने बताया कि वेलमेड अस्पताल में भर्ती कोविड पीड़ित एक महिला मरीज को जरूरी दवा और इंजेक्शन की जरूरत थी. अस्पताल के इन दोनों कर्मचारियों (अमन बिष्ट निवासी शिव नगर डिफेंस कॉलोनी और सौरभ शर्मा निवासी हरीपुर नवादा) ने पहले अस्पताल में इंजेक्शन होने से इंकार किया फिर कुछ देर बार इंजेक्शन मौजूद होने की बात कहने लगे लेकिन उसके लिए उन्होंने 800 की बजाय 1200 रुपये की मांग की. इस बात की शिकायत लेकर महिला के तीमारदार अस्पताल प्रबंधन के पास पहुंचे और यहां से मामला पुलिस के पास पहुंचा.

अमन बिष्ट और सौरभ शर्मा के खिलाफ अस्पताल प्रबंधन द्वारा शिकायत दर्ज करने के बाद कार्रवाई कर गिरफ्तार किया गया है. दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है. कोर्ट में पेश करने के बाद दोनों को जेल भेज दिया गया है.

Last Updated : May 22, 2021, 2:52 PM IST
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