देहरादून: प्रदेश में ब्यूरोक्रेसी से जुड़ा एक बड़ा घटनाक्रम तब दिखाई दिया, जब राज्य के दो बड़े सीनियर अधिकारी कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के आवास पर उनसे मिलने पहुंचे. यह दोनों ही अधिकारी प्रदेश के सबसे बड़े पदों पर रह चुके हैं. इसमें पहले पूर्व मुख्य सचिव ओमप्रकाश है और दूसरे प्रमुख वन संरक्षक रहे राजीव भरतरी. खास बात यह है कि ये दोनों ही अधिकारी अपने पदों से सरकार की तरफ से हटाए गए थे.
मुख्य सचिव ओमप्रकाश को पिछली भाजपा सरकार में ही पद से हटाया गया था और उन्हें राजस्व परिषद के अध्यक्ष के साथ दिल्ली में स्थानीय आयुक्त की जिम्मेदारी दी गई थी. हालांकि, पिछली सरकार में ही त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री रहते वह राज्य के सबसे ताकतवर नौकरशाह भी रहे, लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी किसी और के पास आने के बाद परिस्थितियां बदली और ओमप्रकाश को मुख्य सचिव का पद गंवाना पड़ा.
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वहीं, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के घर पहुंचने वाले दूसरे अधिकारी आईएफएस ऑफिसर राजीव भरतरी है, जिन्हें पिछली भाजपा सरकार में कार्यकाल पूरा होने से पहले ही हटा दिया गया था. उन्होंने इसके विरोध में कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है. इन दोनों अधिकारियों के इस तरह सुबोध उनियाल के घर पहुंचने से ब्यूरोक्रेसी में हलचल बढ़ गई है.
वैसे तो इसे सामान्य मुलाकात कहां जा रहा है, लेकिन नई सरकार के गठन के साथ ही नई जिम्मेदारियों को लेकर सरकार की तरफ से नए लोगों की तलाश की संभावनाओं के बीच सुबोध उनियाल से इन नौकरशाहों की मुलाकात खासी अहम भी मानी जा रही है.