देहरादूनः सूबे में अपनी धरोहर, अपनी पहचान योजना परवान चढ़ती नजर आ रही है. दिल्ली में पर्यटन मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में दो कंपनियों ने इस योजना के तहत ऋषिकेश के 84 कुटिया और रुद्रप्रयाग के नारायण कोटी मंदिर समूह को गोद लिया है. इसके स्वामित्व के लिए समझौता पत्र भी सौंपा गया है. अब इन स्थलों का रखरखाव दोनों कंपनियां करेंगी.
दिल्ली में राष्ट्रीय सम्मेलन में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल को बताया कि पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के क्षेत्रों के अंतर्गत राज्य के कई मंदिर और मकान आते हैं. जिस कारण वो लोग मकानों का पुर्ननिर्माण नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में बरसात के दौरान उनके मकानों को नुकसान पहुंचता है.
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इस दौरान सतपाल महाराज ने पर्यटन मंत्री पटेल को प्रदेश में चल रहे प्रसाद एवं स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत हो रहे कार्यों का विवरण भी दिया. साथ ही अनुरोध किया कि उत्तराखंड राज्य में भारी बरसात और बर्फ पड़ती है. जिसे देखते हुए प्रसाद एवं स्वदेश दर्शन योजना की अवधि बढ़ाई जाए. जिससे योजना के सभी कार्य पूरा किया जा सके.
उन्होंने राज्य में महाभारत सर्किट बनाने को लेकर स्वीकृति देने की भी मांग की. साथ ही डिजास्टर मैनेजमेंट को भी शामिल करने का प्रस्ताव दिया. वहीं, उन्होंने केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल को राज्य में चल रही तमाम कार्यों से अवगत भी कराया.
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इस दौरान आवास होम स्टे पंजीकरण योजना, पर्यटन की वेब आधारित एप्लीकेशन के माध्यम से पर्यटन संबंधी सेवाओं का सूचना प्रचार-प्रसार समेत एक व्यापक 'वन स्टॉप' समाधान विकसित करने की बात कही. चारधाम यात्रा के लिए हेल्पलाइन नंबर के जरिए शिकायतों के निपटान करने की सूचना दी.