देहरादून: साल 2019 उत्तराखंड में राजनीति के लिहाज से ज्यादा उठा-पटक वाला नहीं रहा लेकिन, पूरे साल सत्ता से लेकर विपक्ष तक बयानों के खूब तीर कमान चले. कुछ ऐसे भी कई नेता रहे, जिनके विवादित बयान सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हुए और बयानों ने इनकी मुश्किलें भी बढ़ाई. तो आइए साल के जाते-जाते नजर डालते हैं साल 2019 के उन बयानों पर, जिन्होंने खूब चर्चाएं बटोरी.
सियासत में बयान-बाजी आम बात है. लेकिन उत्तराखंड के लिहाज से साल 2019 के इन बयानों पर नजर डालते हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरी. शुरुआत करते हैं, लोकसभा चुनाव जीतने के बाद संसद पहुंचे. उत्तराखंड के बीजेपी अध्यक्ष अजय भट्ट के संसद में दिए बयान से.
संसद में अजय भट्ट ने दी साइंस को चुनौती
- 19 जुलाई को अजय भट्ट का लोकसभा में दिया एक बयान सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हुआ. इस वीडियो में अजय भट्ट सिजेरियन डिलीवरी को लेकर ये कहते नजर आए कि अगर किसी गर्भवती महिला को उत्तराखंड की पढ़ने वाली गरुड़ गंगा नदी के पत्थर को घिस कर एक कप पानी पिला दें, तो सिजेरियन डिलीवरी की जरूरत नहीं पड़ेगी और सामान्य डिलीवरी हो जाएगी. अजय भट्ट के विज्ञान को चुनौती देते बयान को विपक्ष ने लपक लिया, जिसके बाद अजय भट्ट कई जगह इस बयान को लेकर सफाई देते भी नजर आए. भट्ट ने यह बयान 26 जून को होम्योपैथी केंद्रीय परिषद संशोधन विधेयक 2019 पर चर्चा के दौरान दिया था.
मुख्यमंत्री का गाय और ऑक्सीजन पर बयान
- अजय भट्ट के बयान को कुछ हफ्ते भी नहीं बीते थे कि सूबे के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पशुपालन विभाग के कार्यक्रम में गाय को लेकर एक अजीबोगरीब बयान दे दिया. इस बयान को भी सोशल मीडिया पर वायरल होने में ज्यादा समय नहीं लगा और कुछ ही घंटों में यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
- 26 जुलाई को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था. जिसमें सीएम रावत ने दावा किया कि गाय ही एकमात्र ऐसा जीव है जो ऑक्सीजन लेती भी है और छोड़ती भी है. इसलिए उनकी सरकार ने इसे मां का दर्जा दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि गाय को सहलाने से सांस संबंधी सभी बीमारियां दूर होती हैं. गाय के निकट रहने से टीबी की बीमारी भी ठीक हो सकती है. मुख्यमंत्री का यह वायरल वीडियो क्षेत्रीय मीडिया से ज्यादा राष्ट्रीय मीडिया में चर्चाओं में रहा और महीनों तक मुख्यमंत्री को ट्रोल किया गया.
ज्वालापुर विधायक ने अपनी विधानसभा क्षेत्र को पाकिस्तान का हिस्सा बता दिया
- 7 अक्टूबर को ज्वालापुर से बीजेपी विधायक सुरेश राठौड़ अपनी विधानसभा क्षेत्र में एक सड़क का उद्घाटन करने पहुंचे थे. जहां उन्होंने अपनी ही विधानसभा क्षेत्र के एक हिस्से को पाकिस्तान करार दे दिया. सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस 1 मिनट के वीडियो में सुरेश राठौड़ कहते नजर आए कि आमुख हिस्सा छोटा पाकिस्तान है. जिसमें 52 फीसदी एक विशेष समुदाय के लोग रहते हैं और वह केवल 48 फीसदी वोटर्स पर ही अपनी राजनीति करते हैं. ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर की इस बयान के बाद काफी किरकिरी हुई थी. वहीं प्रदेश नेतृत्व के साथ-साथ राष्ट्रीय नेतृत्व से भी विधायक को फटकार लगी.
विवादों के चैम्पियन
- चैंपियन हमेशा कुछ न कुछ ऐसा कर देते हैं, जिससे वह चर्चाओं में तो जरूर आते हैं लेकिन, उन्हें उसका खामियाजा भी भुगतना पड़ता है. इस साल भी कुछ ऐसा ही हुआ. पहले से ही विवादित चल रहे कुंवर प्रणव चैंपियन का एक वीडियो 12 जुलाई को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वह दोनों हाथों में असलहा लहराते हुए एक गाने में झूमते नजर आते हैं. इसके अलावा वीडियो में वह अपशब्दों का प्रयोग भी करते नजर आते हैं. कुंवर प्रणव की इन हरकतों के बाद बीजेपी संगठन ने उन्हें संगठन से बाहर का रास्ता भी दिखाया.
राजकुमार ठुकराल के कई वीडियो वायरल
- विवादित विधायकों में कुंवर प्रणव चैंपियन के बाद अगर किसी और नेता का नाम आता है, तो वह हैं रुद्रपुर से बीजेपी विधायक राजकुमार ठुकराल. राजकुमार ठुकराल की दबंगई के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं. इस साल भी ये सिलसिला जारी रहा. कभी महिलाओं से बदतमीजी तो कभी टोल प्लाजा पर अभद्रता, अक्सर उनके वीडियो सोशल मीडिया के बाद मेन स्ट्रीम मीडिया की चर्चाएं बने.
- साल भर में कोई एक वाक्य नहीं बल्कि कई बार उनके वीडियो वायरल होते रहे और संगठन से भी उन्हें फटकार लगती रही. एक वीडियो जिसमें कि वह एक विशेष समुदाय को लेकर बयान देते नजर आए. उसे लेकर भी उनको प्रदेश संगठन से फटकार लगी. वहीं लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने काशीपुर में एक जनसभा के दौरान राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर बयान देते हुए उन्हें मुस्लिम बताया, ये बयान भी काफी सुर्खियों में रहा.