देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को कहा कि उन्होंने पद पाने के लिए कभी किसी की मदद नहीं ली और उन्होंने कुछ अच्छा करने के लिए ही राजनीति में कदम रखा. सीएम उत्तराखंड यंग लीडर्स कॉन्क्लेव में छात्रों संग अपने विचारों को साझा कर रहे थे.
उस दिन को याद करते हुए जब 2017 उत्तराखंड विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित किए गए थे, उन्होंने कहा कि वह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के कॉल के बाद दिल्ली रवाना हो गए थे. उन्हें बताया गया कि राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने के बाद ही उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा.
उन्होंने कहा, "मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैं कुछ अच्छा करने के लिए राजनीति में आया हूं. मैंने कभी मुख्यमंत्री का पद हासिल करने के लिए किसी की मदद नहीं मांगी. 1993 में, मुझे लैंसडाउन विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए कहा गया था, लेकिन मैंने इनकार कर दिया. तब मुझे भाजपा के संगठन सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था. मैं 2002 में डोईवाला से चुनाव जीतने के बाद ही पार्टी का सदस्य बना. इससे पहले मैं भाजपा का सदस्य भी नहीं था.”
रावत ने कहा कि 2017 उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के बाद शाह से मिलने के लिए दिल्ली पहुंचने तक उन्हें नहीं पता था कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है. चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद वह घर पर बैठे थे जब एक दोस्त ने उन्हें बताया कि भाजपा प्रमुख उन्हें दिल्ली बुला रहे हैं.
उन्होंने कहा, "इसके बाद मैं दिल्ली के लिए रवाना हुआ और वहां मुझे बताया गया कि मुझे उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है. अमित शाह जी ने मुझसे कहा कि वह 'साहब' से बात करने के बाद ही चीजों को अंतिम रूप देंगे." शाह ने बाद में उन्हें अपना मंत्रिमंडल तैयार करने के लिए कहा.
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रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री का पद संभालने से उन्हें किसी तरह का दबाव या तनाव नहीं हुआ. पहाड़ और मैदानों के बीच की खाई को पाटने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार जल्द ही राज्य में 660 विकास केंद्र स्थापित करेगी, जिनमें से 82 पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं. स्थानीय उत्पाद खरीदने के लिए लोग इन विकास केंद्रों पर जा सकते हैं.
रावत ने कहा कि उत्तराखंड फिल्मों और टीवी धारावाहिकों की शूटिंग का प्रमुख स्थान बन गया है. पिछले डेढ़ साल में राज्य में दो सौ फिल्मों और टीवी धारावाहिकों की शूटिंग की गई है. कार्यक्रम के बाद रावत ने छात्रों के साथ अपना फोन नंबर साझा किया और कहा कि जब भी उन्हें ऐसा करने की आवश्यकता महसूस हो, उन्हें फोन कर लें.