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रिस्पना नदी को पुनर्जीवित करने का अभियान, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने किया शुभारंभ

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत आज मसूरी (Trivendra Singh Rawat reached Mussoorie) पहुंचे. जहां उन्होंने रिस्पना नदी को पुनर्जीवित करने के अभियान (Campaign to revive Rispana river) की शुरुआत की. इस दौरान त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा रिस्पना को ऋषिपर्णा बनाने की दिशा में किए गए पूर्व के प्रयास को आगे बढ़ाने की जरुरत है.

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रिस्पना नदी को पुनर्जीवित करने के अभियान का त्रिवेंद्र रावत ने किया शुभारंभ
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Published : Nov 4, 2022, 3:07 PM IST

Updated : Nov 4, 2022, 6:25 PM IST

मसूरी: पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat reached Mussoorie ) ने रिस्पना नदी को पुनर्जीवित करने के अभियान का मसूरी के शुभारंभ (Campaign to revive Rispana river) किया. उन्होंने सभी लोगों से रिस्पना नदी को ऋषिपर्णा बनाए जाने के लिए अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने की भी अपील की. मसूरी में रिस्पना नदी के उद्गम स्थल पर भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का स्वागत (Workers welcomed Trivendra Rawat) किया. कठिन रास्ते से होते हुए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत रिस्पना नदी के उद्गम स्थल पहुंचे. यहां उन्होंने विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर रिस्पना नदी को पुर्नजीवित करने के अभियान का शुभारंभ किया.

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि रिस्पना को ऋषिपर्णा बनाने की दिशा में किए गए संस्था के पूर्व के प्रयास को आगे बढ़ाने की जरुरत महसूस की जा रही है. आज के समय में कोई भी चीज असंभव नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर जनशक्ति और राज्य सरकार वह राजनीतिक इच्छाशक्ति हो तो तो रिस्पना नदी को ऋषिपर्णा बनाए जाने के सपना बड़े आसानी से साकार हो सकता है. वर्तमान समय में समय में कई ऐसे वैज्ञानिक तरीके हैं जिससे कि रिस्पना नदी को ऋषिपर्णा बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि रिस्पना नदी के पुनर्जन्म का संकल्प 25 दिसंबर 2009 को लिया गया था, एक बार फिर इस अभियान की शुरुआत की जा रही है.

रिस्पना नदी को पुनर्जीवित करने के अभियान का त्रिवेंद्र रावत ने किया शुभारंभ

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त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि पूर्व में रिस्पना नदी को ऋषिपर्णा बनाए जाने को लेकर कई सालों में महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं. रिस्पना नदी के आसपास के क्षेत्र में बड़े स्तर पर वृक्षारोपण किया गया. जिसका असर आज देखने को मिल रहा है. रिस्पना नदी के आसपास काफी हरियाली हो गई है. पशु पक्षी भी अब रिस्पना नदी के क्षेत्र में देखे जा रहे हैं. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सौंग बांध पेयजल परियोजना रिस्पना नदी को जीवनदान देगा. सौंग बांध से अतिरिक्त पानी को रिस्पना नदी में छोड़ा जाएगा.

पढे़ं- महिला क्षैतिज आरक्षण: सुप्रीम कोर्ट ने HC के फैसले पर रोक लगाई, CM धामी ने खुशी जताई

टिहरी जिले की धनौल्टी विधानसभा क्षेत्र के सौंधना गांव में बनने वाले सौंग बांध से देहरादून जिले को 24 घंटे ग्रेविटी आधारित पेयजल उपलब्ध होगा. साथ ही बांध में अतिरिक्त पानी होने पर इसे दून की रिस्पना नदी में छोड़ा जाएगा. इस पहल से रिस्पना को नया जीवन मिलेगा. बांध परियोजना की आयु सौ साल होगी. इससे 2123 तक जलापूर्ति होती रहेगी. असल में सरकार ने रिस्पना के पुनरुद्धार के तहत रिस्पना से ऋषिपर्णा मुहिम शुरू की है.

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि रिस्पना नदी में सौंग बांध से पानी छोड़ा जाएगा जिससे रिस्पना नदी में 12 महीने पानी रहेगा. उन्होंने कहा कि आईआईटी रुड़की की देखरेख में एसेसमेंट टीम का गठन किया गया था, उनके द्वारा दी गई रिपोर्ट में यह बताया गया है कि पिछले दिनों रिस्पना नदी के आसपास हुए वृक्षारोपण से नदी का जलस्तर बढ़ा है.

मसूरी: पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat reached Mussoorie ) ने रिस्पना नदी को पुनर्जीवित करने के अभियान का मसूरी के शुभारंभ (Campaign to revive Rispana river) किया. उन्होंने सभी लोगों से रिस्पना नदी को ऋषिपर्णा बनाए जाने के लिए अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने की भी अपील की. मसूरी में रिस्पना नदी के उद्गम स्थल पर भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का स्वागत (Workers welcomed Trivendra Rawat) किया. कठिन रास्ते से होते हुए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत रिस्पना नदी के उद्गम स्थल पहुंचे. यहां उन्होंने विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर रिस्पना नदी को पुर्नजीवित करने के अभियान का शुभारंभ किया.

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि रिस्पना को ऋषिपर्णा बनाने की दिशा में किए गए संस्था के पूर्व के प्रयास को आगे बढ़ाने की जरुरत महसूस की जा रही है. आज के समय में कोई भी चीज असंभव नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर जनशक्ति और राज्य सरकार वह राजनीतिक इच्छाशक्ति हो तो तो रिस्पना नदी को ऋषिपर्णा बनाए जाने के सपना बड़े आसानी से साकार हो सकता है. वर्तमान समय में समय में कई ऐसे वैज्ञानिक तरीके हैं जिससे कि रिस्पना नदी को ऋषिपर्णा बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि रिस्पना नदी के पुनर्जन्म का संकल्प 25 दिसंबर 2009 को लिया गया था, एक बार फिर इस अभियान की शुरुआत की जा रही है.

रिस्पना नदी को पुनर्जीवित करने के अभियान का त्रिवेंद्र रावत ने किया शुभारंभ

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त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि पूर्व में रिस्पना नदी को ऋषिपर्णा बनाए जाने को लेकर कई सालों में महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं. रिस्पना नदी के आसपास के क्षेत्र में बड़े स्तर पर वृक्षारोपण किया गया. जिसका असर आज देखने को मिल रहा है. रिस्पना नदी के आसपास काफी हरियाली हो गई है. पशु पक्षी भी अब रिस्पना नदी के क्षेत्र में देखे जा रहे हैं. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सौंग बांध पेयजल परियोजना रिस्पना नदी को जीवनदान देगा. सौंग बांध से अतिरिक्त पानी को रिस्पना नदी में छोड़ा जाएगा.

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टिहरी जिले की धनौल्टी विधानसभा क्षेत्र के सौंधना गांव में बनने वाले सौंग बांध से देहरादून जिले को 24 घंटे ग्रेविटी आधारित पेयजल उपलब्ध होगा. साथ ही बांध में अतिरिक्त पानी होने पर इसे दून की रिस्पना नदी में छोड़ा जाएगा. इस पहल से रिस्पना को नया जीवन मिलेगा. बांध परियोजना की आयु सौ साल होगी. इससे 2123 तक जलापूर्ति होती रहेगी. असल में सरकार ने रिस्पना के पुनरुद्धार के तहत रिस्पना से ऋषिपर्णा मुहिम शुरू की है.

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि रिस्पना नदी में सौंग बांध से पानी छोड़ा जाएगा जिससे रिस्पना नदी में 12 महीने पानी रहेगा. उन्होंने कहा कि आईआईटी रुड़की की देखरेख में एसेसमेंट टीम का गठन किया गया था, उनके द्वारा दी गई रिपोर्ट में यह बताया गया है कि पिछले दिनों रिस्पना नदी के आसपास हुए वृक्षारोपण से नदी का जलस्तर बढ़ा है.

Last Updated : Nov 4, 2022, 6:25 PM IST
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