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2021 महाकुंभ से पहले संतों की समस्याओं का होगा निदान, दो बड़े काम करेगी सरकार - problems of saints will be solved

हरिद्वार महाकुंभ से पहले त्रिवेंद्र सरकार साधु-संतों की दो बड़ी समस्याओं का निस्तारण करने जा रही है.

Mahakumbh 2021
संतों की समस्याओं का होगा निदान
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Published : Jul 4, 2020, 5:27 PM IST

Updated : Jul 4, 2020, 10:16 PM IST

देहरादून: महाकुंभ 2021 को लेकर उत्तराखंड सरकार अपनी तैयारियों में जुटी हुई है. महाकुंभ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अखाड़ों के संत समाज भी तमाम परंपराओं और धार्मिक अनुष्ठानों को लेकर एक लंबा इंतजार करते हैं. हरिद्वार महाकुंभ धीरे-धीरे नजदीक आ रहा है. ऐसे में संत समाज एक बार फिर से सरकार को उसके वादों की याद दिला रहा है.

संतों की समस्याओं का होगा निदान.

उत्तराखंड की तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने हरकी पैड़ी पर बह रही गंगा को नहर (स्कैप चैनल) कहा था. जिस पर संत समाज ने नाराजगी जताई थी. संतों के विरोध के बाद पिछली सरकार और वर्तमान सरकार ने शासनादेश में इस शब्द को बदलने का आश्वासन दिया था. लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो पाया है.

स्कैप चैनल पर हंगामा

एनजीटी ने गंगा से 200 मीटर की दूरी पर किसी भी तरह के निर्माण कार्य पर रोक लगा रखी है. जिसके बाद तत्कालीन हरीश सरकार ने शासनादेश जारी करते हुए निर्माणाधीन होटल, धर्मशाला और दूसरे प्रोजेक्ट को पूरे करवाने के लिए ही यह शासनादेश जारी किया था. हरीश सरकार के इस फैसले का हर जगह विरोध हुआ था.

ये भी पढ़ें: लेह में गरजे पीएम मोदी, उत्तराखंड के इस अधिकारी ने की अगवानी

इसके साथ ही संतों की भू-समाधि को लेकर भी मामला लंबे समय से लंबित है. अखाड़ों की परंपरा रही है कि जब भी कोई संत अपनी देह त्यागता है तो उसे मां गंगा में समाधि दी जाती थी. लेकिन तमाम पर्यावरणविद और एनजीटी के दखल के बाद संतों की जल समाधि पर रोक लगा दी गई. जिसके बाद संतों ने सरकार से मांग की थी कि जल समाधि नहीं तो भू-समाधि के लिए संत समाज के लिए भूमि आवंटित किया जाए.

क्योंकि, हरिद्वार के आश्रम में सिर्फ अपने ही गुरु और संतों की आश्रम में समाधि बनाते हैं. ऐसे में किसी दूसरे संत की समाधि बनानी हो तो दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. जिसकी वजह से साधु-संतों की समाधि बनाने के लिए भूमि की मांग लंबे समय से कर रहे हैं.

हरिद्वार महाकुंभ 2021 का समय धीरे-धीरे नजदीक आता जा रहा है. ऐसे में सरकार संत समाज की नाराजगी से बचाना चाहेगी. सरकार द्वारा अभी महाकुंभ के लंबित निर्माण कार्यों को पूरा किया जा रहा है. संतों की मांग पर उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि सरकार जल्द ही दोनों मामलों का निस्तारण करते हुए संत समाज को उनका अधिकार देगी.

देहरादून: महाकुंभ 2021 को लेकर उत्तराखंड सरकार अपनी तैयारियों में जुटी हुई है. महाकुंभ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अखाड़ों के संत समाज भी तमाम परंपराओं और धार्मिक अनुष्ठानों को लेकर एक लंबा इंतजार करते हैं. हरिद्वार महाकुंभ धीरे-धीरे नजदीक आ रहा है. ऐसे में संत समाज एक बार फिर से सरकार को उसके वादों की याद दिला रहा है.

संतों की समस्याओं का होगा निदान.

उत्तराखंड की तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने हरकी पैड़ी पर बह रही गंगा को नहर (स्कैप चैनल) कहा था. जिस पर संत समाज ने नाराजगी जताई थी. संतों के विरोध के बाद पिछली सरकार और वर्तमान सरकार ने शासनादेश में इस शब्द को बदलने का आश्वासन दिया था. लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो पाया है.

स्कैप चैनल पर हंगामा

एनजीटी ने गंगा से 200 मीटर की दूरी पर किसी भी तरह के निर्माण कार्य पर रोक लगा रखी है. जिसके बाद तत्कालीन हरीश सरकार ने शासनादेश जारी करते हुए निर्माणाधीन होटल, धर्मशाला और दूसरे प्रोजेक्ट को पूरे करवाने के लिए ही यह शासनादेश जारी किया था. हरीश सरकार के इस फैसले का हर जगह विरोध हुआ था.

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इसके साथ ही संतों की भू-समाधि को लेकर भी मामला लंबे समय से लंबित है. अखाड़ों की परंपरा रही है कि जब भी कोई संत अपनी देह त्यागता है तो उसे मां गंगा में समाधि दी जाती थी. लेकिन तमाम पर्यावरणविद और एनजीटी के दखल के बाद संतों की जल समाधि पर रोक लगा दी गई. जिसके बाद संतों ने सरकार से मांग की थी कि जल समाधि नहीं तो भू-समाधि के लिए संत समाज के लिए भूमि आवंटित किया जाए.

क्योंकि, हरिद्वार के आश्रम में सिर्फ अपने ही गुरु और संतों की आश्रम में समाधि बनाते हैं. ऐसे में किसी दूसरे संत की समाधि बनानी हो तो दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. जिसकी वजह से साधु-संतों की समाधि बनाने के लिए भूमि की मांग लंबे समय से कर रहे हैं.

हरिद्वार महाकुंभ 2021 का समय धीरे-धीरे नजदीक आता जा रहा है. ऐसे में सरकार संत समाज की नाराजगी से बचाना चाहेगी. सरकार द्वारा अभी महाकुंभ के लंबित निर्माण कार्यों को पूरा किया जा रहा है. संतों की मांग पर उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि सरकार जल्द ही दोनों मामलों का निस्तारण करते हुए संत समाज को उनका अधिकार देगी.

Last Updated : Jul 4, 2020, 10:16 PM IST
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