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गरीब बच्चों के लिए सहारा बनीं तृत्पि, मुफ्त में दे रही हैं शिक्षा

तीर्थनगरी ऋषिकेश में एक गृहणी महिला जो झोपड़ी में रहने वाले गरीब बच्चों में मुफ्त शिक्षा बांट रही है. साथ ही उनके उज्जवल भविष्य को संवार रही है.

गरीब बच्चों
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Published : Apr 12, 2019, 1:39 PM IST

ऋषिकेश: एक तरफ जहां प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही है. तो वहीं दूसरी तरफ आज भी ऐसे बच्चे हैं जो पढ़ना तो चाहते हैं लेकिन उनके पास पढ़ने के लिए संसाधन नहीं हैं. इसी को लेकर तीर्थनगरी ऋषिकेश में एक गृहणी महिला जो झोपड़ी में रहने वाले गरीब बच्चों में मुफ्त शिक्षा बांट रही है. साथ ही उनके उज्जवल भविष्य को संवार रही है.

जानकारी के मुताबिक, वीरभद्र मार्ग पर लगभग एक दर्जन बंजारों का परिवार छोटे-मोटे काम कर परिवार का भरण पोषण करते हैं. जिसके कारण वो अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिला नहीं दिला पाते, लेकिन गंगा नगर की रहने वाली तृप्ति कालरा इन परिवार के सपनों को साकार कर रही हैं. वो गरीब बच्चों को रोजाना शाम 2 घंटें तक मुफ्त शिक्षा देने का काम कर रही हैं.

गृहणी महिला जो झोपड़ी में रहने वाले गरीब बच्चों में मुफ्त शिक्षा बांट रही है

तृप्ति बताती हैं कि सिर्फ यही बच्चे नहीं बल्कि जो भी बच्चे पढ़ाई करना चाहते हैं, वो आकर पढ़ाई कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि ये बच्चे पढ़ाई में काफी होनहार है, अगर इनको बेहतर सुविधाएं मिलती हैं तो इन बच्चों का भविष्य काफी उज्ज्वल हो सकता है.

यह भी पढे़ं- बदलेगा उत्तराखंड का मौसम, पांच जिलों में ओलावृष्टि की संभावना, यहां होगी बारिश

वहीं पढ़ाई करने वाले गरीब बच्चे भी काफी खुश हैं. बच्चों का कहना है कि उनको शिक्षा देने आने वाली शिक्षिका उनको काफी अच्छा पढ़ाती हैं. उनको पढ़ाई करने में भी खूब मजा आता है. साथ ही परिजनों का कहना है कि आज के दौर में शिक्षा इतनी मंहगी हो चुकी है कि वे अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में दाखिला नहीं दिला सकते, लेकिन जिस तरह से तृप्ति हमारे बच्चों को मुफ्त में शिक्षा दे रही हैं. उससे हमारे बच्चे पढ़ाई लिखाई में काफी आगे निकल रहे हैं. जिससे उनका सपना साकार हो रहा है.

ऋषिकेश: एक तरफ जहां प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही है. तो वहीं दूसरी तरफ आज भी ऐसे बच्चे हैं जो पढ़ना तो चाहते हैं लेकिन उनके पास पढ़ने के लिए संसाधन नहीं हैं. इसी को लेकर तीर्थनगरी ऋषिकेश में एक गृहणी महिला जो झोपड़ी में रहने वाले गरीब बच्चों में मुफ्त शिक्षा बांट रही है. साथ ही उनके उज्जवल भविष्य को संवार रही है.

जानकारी के मुताबिक, वीरभद्र मार्ग पर लगभग एक दर्जन बंजारों का परिवार छोटे-मोटे काम कर परिवार का भरण पोषण करते हैं. जिसके कारण वो अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिला नहीं दिला पाते, लेकिन गंगा नगर की रहने वाली तृप्ति कालरा इन परिवार के सपनों को साकार कर रही हैं. वो गरीब बच्चों को रोजाना शाम 2 घंटें तक मुफ्त शिक्षा देने का काम कर रही हैं.

गृहणी महिला जो झोपड़ी में रहने वाले गरीब बच्चों में मुफ्त शिक्षा बांट रही है

तृप्ति बताती हैं कि सिर्फ यही बच्चे नहीं बल्कि जो भी बच्चे पढ़ाई करना चाहते हैं, वो आकर पढ़ाई कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि ये बच्चे पढ़ाई में काफी होनहार है, अगर इनको बेहतर सुविधाएं मिलती हैं तो इन बच्चों का भविष्य काफी उज्ज्वल हो सकता है.

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वहीं पढ़ाई करने वाले गरीब बच्चे भी काफी खुश हैं. बच्चों का कहना है कि उनको शिक्षा देने आने वाली शिक्षिका उनको काफी अच्छा पढ़ाती हैं. उनको पढ़ाई करने में भी खूब मजा आता है. साथ ही परिजनों का कहना है कि आज के दौर में शिक्षा इतनी मंहगी हो चुकी है कि वे अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में दाखिला नहीं दिला सकते, लेकिन जिस तरह से तृप्ति हमारे बच्चों को मुफ्त में शिक्षा दे रही हैं. उससे हमारे बच्चे पढ़ाई लिखाई में काफी आगे निकल रहे हैं. जिससे उनका सपना साकार हो रहा है.

Intro:ऋषिकेश--एक ओर जहां शिक्षा व्यवसाय बनता जा रहा है और प्राइवेट स्कूल शिक्षा के नाम पर अभिभावकों से मोटी रकम वसूलते हैं वहीं तीर्थनगरी ऋषिकेश में एक ऐसी गृहणी महिला है जो झोपड़ी में रहने वाले गरीब बच्चों में मुफ्त शिक्षा बांट कर उनके परिवार में शिक्षा के फूल खिलाने का काम रही है।


Body:वी/ओ--ऋषिकेष वीरभद्र मार्ग पर लगभग एक दर्जन बंजारों का परिवार छोटे मोटे काम कर परिवार का भरण पोषण करते हैं लेकिन इनके पास प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला न होने के कारण अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नही मिल पाती है लेकिन गंगा नगर की रहने वाली एक गृहणी महिला तृप्ति कालरा ने अपने इरादे स्पष्ट करते हुए यहां के सभी गरीब बच्चों में शिक्षा बाँटबे की ठान ली है,तृप्ति बंजारों के लगभग 10 बच्चों को रोजाना शाम को 2 घंटों तक सड़क के किनारे बैठकर फ्री कोचिंग देने का काम कर रही है,तृप्ति ने बताया कि मैं चाहती हूँ सभी बच्चे शिक्षित हो यही कारण है कि मैं इन सभी बच्चों को रोजाना समय निकालकर पढ़ाने के लिए आती हूँ,वहीं तृप्ति का कहना था कि सिर्फ यही बच्चे नहीं बल्कि जो भी बच्चे पढ़ाई करना चाहते हैं वो आकर पढ़ाई कर सकते हैं,उन्होंने बताया कि ये बच्चे पढ़ाई में काफी होनहार है अगर इनको बेहतर सुविधाएं मिलती हैं तो ये इन बच्चों का भविष्य काफी उज्ज्वल हो सकता है।

बाईट--तृप्ति कालरा(गृहणी महिला)


Conclusion:वी/ओ--पढ़ाई करने वाले गरीब बच्चे भी काफी खुश हैं बच्चों का कहना है उनको शिक्षा देने आने वाली शिक्षिका उनको काफी अच्छा पढ़ाती है उनको पढ़ाई करने में भी खूब मजा आता है,वहीं बच्चों के परिजनों का कहना था आज के दौर में शिक्षा इतनी मंहगी हो चुकी है कि वे अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में दाखिला नही दिला सकते लेकिन जिस तरह से तृप्ति हमारे बच्चों को मुफ्त में शिक्षा दे रही है उससे हमारे बच्चे पढ़ाई लिखाई में काफी आगे निकल रहे हैं ।

बाईट--सेवा(छात्र)
बाईट--ओम कुमार(बच्चों के परिजन)
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