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वन्यजीवों की सुरक्षा में सालों से तैनात है 'राजा'जी की रानी, जानें क्या है खूबियां

राजाजी टाइगर रिजर्व (Rajaji Tiger Reserve) 30 से ज्यादा बाघ और 200 से ज्यादा गुलदार हैं. यहां 500 से ज्यादा हाथी भी मौजूद हैं. इसी तरह तमाम वन्यजीव और कई तरह की प्रजातियां भी यहां मौजूद हैं. इन सबकी सुरक्षा के लिए राजाजी टाइगर रिजर्व में रानी (Rani at Rajaji Tiger Reserve) की तैनाती की गई है. रानी एक ट्रेंड डॉग (Trend Dog Rani at Rajaji Tiger Reserve) है. इसे वन्यजीवों को लेकर ही विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया गया है.

Trend Dog Rani at Rajaji Tiger Reserve
वन्यजीवों की सुरक्षा में सालों से तैनात है 'राजा'जी की रानी
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Published : Dec 23, 2022, 3:53 PM IST

Updated : Dec 23, 2022, 8:05 PM IST

वन्यजीवों की सुरक्षा में सालों से तैनात है 'राजा'जी की रानी

देहरादून: यूं तो राजा के जिम्मे ही रानी समेत अपनी पूरी सल्तनत की सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है, लेकिन एक ऐसी रानी भी है जो न केवल दुश्मनों को अपने क्षेत्र से दूर रखने के लिए मुस्तैद रहती है, बल्कि घुसपैठियों की पहचान कर उनकी धर-पकड़ भी करती है. हम बात कर रहे हैं राजाजी टाइगर रिजर्व (Rajaji Tiger Reserve) में सालों से चप्पे-चप्पे पर नजर रखने वाली रानी की. राजाजी टाइगर रिजर्व में कौन है रानी (Who israni in Rajaji Tiger Reserve) और क्यों है इसकी अहम भूमिका?

राजाजी टाइगर रिजर्व(Rajaji Tiger Reserve) में 800 वर्ग मीटर से भी ज्यादा के क्षेत्र में नजर रखने वाली रानी यहां के चप्पे-चप्पे को करीब से जानती है.दरअसल, रानी पिछले कई सालों से लगातार राजाजी टाइगर रिजर्व में गश्त करती आई है. क्षेत्र बेहद बड़ा है लिहाजा अलग-अलग हिस्सों में अपनी तय दिनचर्या के हिसाब से रानी गश्त भी करती है. किसी अनहोनी की स्थिति में वन्यजीवों के दुश्मनों की धरपकड़ भी करवाती है. रानी एक ट्रेंड डॉग(Trend Dog Rani at Rajaji Tiger Reserve) है. इसे वन्यजीवों को लेकर ही विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया गया है. सबसे खास बात यह है कि पूरे राजाजी टाइगर रिजर्व में खोजी डॉग(sniffer dog in rajaji tiger reserve) के रूप में रानी अकेले ही अपनी जिम्मेदारी को संभाल रही है. रानी की ट्रेनिंग मध्यप्रदेश में करवाई गई थी. इसे निर्देशित करने वाले काका कश्यप भी करीब 9 महीने की ट्रेनिंग मध्य प्रदेश से ही लेकर आए थे.

Trend Dog Rani at Rajaji Tiger Reserve
वन्यजीवों की सुरक्षा में सालों से तैनात है 'राजा'जी की रानी,

पढ़ें- जरा सी गलती से जा सकती है जान! ईटीवी भारत पर देखें शिकारियों के 'पंजों' पर लगाम लगाने वाली गश्त

9 साल की हुई रानी: रानी ने मध्य प्रदेश के भोपाल में करीब 9 महीने की ट्रेनिंग वन्यजीवों के खालों और उनके अंगों की खोजबीन को लेकर ली है. स्निफर डॉग के रूप में रानी पिछले कई सालों से राजाजी टाइगर रिजर्व में तैनात रही है. रानी फिलहाल 9 साल की हो चुकी है. टाइगर रिजर्व में उसकी गश्त रेगुलर और तस्करों को लेकर उसकी पहचान की सोच समझ बेहद सटीक है. रानी की असल परीक्षा राजाजी टाइगर रिजर्व या उसके आसपास के क्षेत्रों में वन्यजीवों के शिकार के बाद होती है, जिसे अबतक रानी अपने कुशल प्रशिक्षण की बदौलत पास करती आई है.
पढ़ें- राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क से 'पुष्पा' काट ले गया चंदन के पेड़, पार्क प्रशासन को भनक नहीं!

बेहद आसानी से वन्यजीव की हड्डी को ढूंढ लेती है: राजाजी टाइगर रिजर्व बेहद बड़ा क्षेत्र है. जिसमें 30 से ज्यादा बाघ और 200 से ज्यादा गुलदार हैं. यही नहीं यहां 500 से ज्यादा हाथी भी मौजूद हैं. इसी तरह तमाम वन्यजीव और कई तरह की पक्षी प्रजाति भी हैं. राज्य में पिछले 20 सालों के दौरान देशभर के जंगलों में 6 बाघों का शिकारी शिकार कर चुके हैं. इसी तरह 41 गुलदार और 9 हाथी शिकारियों का शिकार हो चुके हैं. ऐसे में वन विभाग के सामने मौजूद चुनौतियों को रानी कुछ हद तक आसान कर देती है.

Trend Dog Rani at Rajaji Tiger Reserve
वन्यजीवों की सुरक्षा में सालों से तैनात है 'राजा'जी की रानी,
पढ़ें- दक्षिण भारत में ही नहीं ऋषिकेश में भी है लाल चंदन का पेड़, सता रहा 'पुष्पा' का डर !

राजाजी टाइगर रिजर्व निदेशक साकेत बडोला(Rajaji Tiger Reserve Director Saket Badola) कहते हैं ट्रैफिक और WWF के माध्यम से ऐसे डॉग प्रशिक्षित किये जाते हैं. इन्हें 3 तरह की ट्रेनिंग दी जाती है. जिसमें पहला सामान्य साक्ष्य प्रशिक्षण, दूसरा किसी चीज को सूंघकर पहचानने की ट्रेनिंग और तीसरा ट्रेकिंग को लेकर ट्रेनिंग को लेकर दिया जाता है. इसी के जरिए तस्करों को पकड़ने में इनका उपयोग किया जाता है. सबसे खास बात यह है कि राजाजी टाइगर रिजर्व में रानी अपनी इस प्रशिक्षण के जरिए वन्यजीवों को सुरक्षित कर रही है बल्कि रानी की इसी खूबी के कारण उसकी उत्तराखंड के दूसरे जंगलों, संस्थानों और दूसरे राज्य में भी डिमांड रहती है.
पढ़ें- उत्तराखंड: नये साल से पहले राजाजी टाइगर रिजर्व में रेड अलर्ट घोषित, रेंजों में गश्त बढ़ाने के निर्देश

वन्यजीवों की सुरक्षा में सालों से तैनात है 'राजा'जी की रानी

देहरादून: यूं तो राजा के जिम्मे ही रानी समेत अपनी पूरी सल्तनत की सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है, लेकिन एक ऐसी रानी भी है जो न केवल दुश्मनों को अपने क्षेत्र से दूर रखने के लिए मुस्तैद रहती है, बल्कि घुसपैठियों की पहचान कर उनकी धर-पकड़ भी करती है. हम बात कर रहे हैं राजाजी टाइगर रिजर्व (Rajaji Tiger Reserve) में सालों से चप्पे-चप्पे पर नजर रखने वाली रानी की. राजाजी टाइगर रिजर्व में कौन है रानी (Who israni in Rajaji Tiger Reserve) और क्यों है इसकी अहम भूमिका?

राजाजी टाइगर रिजर्व(Rajaji Tiger Reserve) में 800 वर्ग मीटर से भी ज्यादा के क्षेत्र में नजर रखने वाली रानी यहां के चप्पे-चप्पे को करीब से जानती है.दरअसल, रानी पिछले कई सालों से लगातार राजाजी टाइगर रिजर्व में गश्त करती आई है. क्षेत्र बेहद बड़ा है लिहाजा अलग-अलग हिस्सों में अपनी तय दिनचर्या के हिसाब से रानी गश्त भी करती है. किसी अनहोनी की स्थिति में वन्यजीवों के दुश्मनों की धरपकड़ भी करवाती है. रानी एक ट्रेंड डॉग(Trend Dog Rani at Rajaji Tiger Reserve) है. इसे वन्यजीवों को लेकर ही विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया गया है. सबसे खास बात यह है कि पूरे राजाजी टाइगर रिजर्व में खोजी डॉग(sniffer dog in rajaji tiger reserve) के रूप में रानी अकेले ही अपनी जिम्मेदारी को संभाल रही है. रानी की ट्रेनिंग मध्यप्रदेश में करवाई गई थी. इसे निर्देशित करने वाले काका कश्यप भी करीब 9 महीने की ट्रेनिंग मध्य प्रदेश से ही लेकर आए थे.

Trend Dog Rani at Rajaji Tiger Reserve
वन्यजीवों की सुरक्षा में सालों से तैनात है 'राजा'जी की रानी,

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9 साल की हुई रानी: रानी ने मध्य प्रदेश के भोपाल में करीब 9 महीने की ट्रेनिंग वन्यजीवों के खालों और उनके अंगों की खोजबीन को लेकर ली है. स्निफर डॉग के रूप में रानी पिछले कई सालों से राजाजी टाइगर रिजर्व में तैनात रही है. रानी फिलहाल 9 साल की हो चुकी है. टाइगर रिजर्व में उसकी गश्त रेगुलर और तस्करों को लेकर उसकी पहचान की सोच समझ बेहद सटीक है. रानी की असल परीक्षा राजाजी टाइगर रिजर्व या उसके आसपास के क्षेत्रों में वन्यजीवों के शिकार के बाद होती है, जिसे अबतक रानी अपने कुशल प्रशिक्षण की बदौलत पास करती आई है.
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बेहद आसानी से वन्यजीव की हड्डी को ढूंढ लेती है: राजाजी टाइगर रिजर्व बेहद बड़ा क्षेत्र है. जिसमें 30 से ज्यादा बाघ और 200 से ज्यादा गुलदार हैं. यही नहीं यहां 500 से ज्यादा हाथी भी मौजूद हैं. इसी तरह तमाम वन्यजीव और कई तरह की पक्षी प्रजाति भी हैं. राज्य में पिछले 20 सालों के दौरान देशभर के जंगलों में 6 बाघों का शिकारी शिकार कर चुके हैं. इसी तरह 41 गुलदार और 9 हाथी शिकारियों का शिकार हो चुके हैं. ऐसे में वन विभाग के सामने मौजूद चुनौतियों को रानी कुछ हद तक आसान कर देती है.

Trend Dog Rani at Rajaji Tiger Reserve
वन्यजीवों की सुरक्षा में सालों से तैनात है 'राजा'जी की रानी,
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राजाजी टाइगर रिजर्व निदेशक साकेत बडोला(Rajaji Tiger Reserve Director Saket Badola) कहते हैं ट्रैफिक और WWF के माध्यम से ऐसे डॉग प्रशिक्षित किये जाते हैं. इन्हें 3 तरह की ट्रेनिंग दी जाती है. जिसमें पहला सामान्य साक्ष्य प्रशिक्षण, दूसरा किसी चीज को सूंघकर पहचानने की ट्रेनिंग और तीसरा ट्रेकिंग को लेकर ट्रेनिंग को लेकर दिया जाता है. इसी के जरिए तस्करों को पकड़ने में इनका उपयोग किया जाता है. सबसे खास बात यह है कि राजाजी टाइगर रिजर्व में रानी अपनी इस प्रशिक्षण के जरिए वन्यजीवों को सुरक्षित कर रही है बल्कि रानी की इसी खूबी के कारण उसकी उत्तराखंड के दूसरे जंगलों, संस्थानों और दूसरे राज्य में भी डिमांड रहती है.
पढ़ें- उत्तराखंड: नये साल से पहले राजाजी टाइगर रिजर्व में रेड अलर्ट घोषित, रेंजों में गश्त बढ़ाने के निर्देश

Last Updated : Dec 23, 2022, 8:05 PM IST
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