ऋषिकेश: उत्तराखंड में किस तरह मासूम स्कूली बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इसका एक उदाहरण ऋषिकेश में सोमवार को देखने को मिला था. बीते रोज ईटीवी भारत ने शहर के नामी स्कूल की लापरवाही को प्रमुखता के प्रकाशित किया था कि कैसे बस में बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. ईटीवी भारत की खबर के बाद परिहवन विभाग नींद से जागा और मंगलवार को डीएसबी स्कूल पहुंचकर मामले की जांच की.
इतना ही नहीं ईटीवी भारत की खबर को बाल संरक्षण आयोग ने भी गंभीरता से लिया है. जिसके बाद आयोग ने इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून व परिवहन आयुक्त को नोटिस जारी किया है.
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दरअसल, ऋषिकेश के नामी डीएसबी इंटनेशनल स्कूल की बस में बच्चों की जिंदगी से किस तरह खिलवाड़ किया जा रहा है. इसका एक उदाहरण सोमवार को उस समय देखने को मिला था जब स्कूल बस में बैठे 36 बच्चों की जान करीब 2 घंटे तक सांसत में फंसी रही. बच्चे डर के मारे बस में दुबके बैठे रहे. बस ड्राइवर की लापरवाही के कारण कई बार स्कूल बस दुर्घटनाग्रस्त होते-होते बची.
बस चालक ने सबसे पहले तपोवन की एक दुकान को टक्कर मारी थी. जिससे दुकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई. जब लोगों ने बस रोकने की कोशिश की तो चालक ने उनके ऊपर ही गाड़ी चढ़ाने की बात कही थी. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बच्चों की सुरक्षा में कितनी पड़ी लापरवाही बतरी गई थी. गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ था. ये खबर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी.
जिसके बाद परिवहन निगम और पुलिस हरकत में आई. इसके बाद सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी ऋषिकेश ने इस मामले मे एक जांच टीम गठित की. मगंलवार को जांच टीम डीएसबी इंटनेशनल पब्लिक स्कूल गई, जहां टीम ने बस का निरीक्षण किया. परिवहन विभाग ने बस चालक और मालिक से भी पूछताछ की है.
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी अनीता चमोला ने बताया कि बस चालक और मालिक को ऑफिस बुलाया गया था. बस अभी नई है और बस में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं पाई गई है. चालक का भी लाइसेंस वैध है, चालक का अनुभव भी काफी पुराना है.
हालांकि इस मामले में लापरवाही बरती गई है. इसलिए चालक का लाइसेंस जब्त कर लिया गया है. अब चालक को एक बार फिर से नए तरीके से लाइसेंस की परिक्रिया को पास करना होगा, तभी यह लाइसेंस दोबारा उसको दिया जाएगा. बुधवार से अगले तीन दिन तक बसों की चेकिंग के लिए अभियान चलाया जाएगा.