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Transport Department Mobile App: मोबाइल पर भी बनेंगे वाहनों के ग्रीन कार्ड व ट्रिप कार्ड, ये होगी खासियत - चारधाम यात्रा

उत्तराखंड चारधाम यात्रा में हर साल भीड़ बढ़ती जा रही है. यात्रा में देश के अन्य प्रांतों से लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. भीड़ बढ़ने से शासन-प्रशासन की चुनौतियां भी बढ़ जाती हैं. इसी को देखते हुए तमाम विभाग अभी से तैयारियों में जुट गए हैं, जिससे समस्याओं को समय रहते दूर किया जा सके.

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Published : Jan 24, 2023, 2:01 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड राज्य में अप्रैल महीने से चारधाम की यात्रा शुरू होने जा रही है. इसके लिए अभी से पर्यटन विभाग समेत अन्य विभाग व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने में जुट गए हैं. पिछले साल की खामियों से सबक लेते हुए इस साल वो खामियां सामने ना आएं, इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसी क्रम में चारधाम यात्रा में जाने वाले वाहनों के ग्रीन कार्ड व ट्रिप कार्ड अब मोबाइल पर भी बन सकेंगे. इसके लिए परिवहन विभाग ने मोबाइल एप तैयार कर लिया है. अब सचिव परिवहन के साथ इस एप व चारधाम यात्रा के संबंध में बैठक प्रस्तावित है. इस एप को नाम देने के साथ ही इसे लॉन्च करने के संबंध अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

गौर हो कि परिवहन विभाग में जो मोबाइल एप तैयार किया है, उसको यात्रियों के पंजीकरण के लिए पर्यटन विभाग की वेबसाइट से जोड़ने की तैयारी चल रही है. हालांकि, इस बात पर फोकस किया जा रहा है कि पंजीकरण के बाद दर्शन करने की तिथि और ट्रिप कार्ड की तिथि में अंतर न रहे. बता दें कि साल 2022 में हुई चारधाम यात्रा में इस तरह की कमियां देखने को मिली थी. क्योंकि उस दौरान दर्शन करने की तिथि और ट्रिप कार्ड की तिथि में काफी अंतर था. जिसके चलते श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. यही नहीं, इस एप में चारधाम के साथ ही हेमकुंड साहिब और अन्य धार्मिक स्थलों के भी विकल्प को शामिल किए जाने पर जोर दिया जा रहा है.
पढ़ें-Bhavishya Badri: सच हो रही भविष्‍य बदरी को लेकर की गई भविष्‍यवाणी? क्योंकि...पाताल में समा रहा जोशीमठ!

प्रदेश में हर साल चारधाम यात्रा पर जाने वाले वाहनों के ग्रीन कार्ड बनाए जाते हैं. ग्रीन कार्ड का अर्थ यह होता है कि वाहनों के कागजात दुरुस्त हैं और वाहन यात्रा मार्ग पर संचालन के लिए पूरी तरह ठीक हैं. बीते वर्ष से ग्रीन कार्ड के साथ ही ट्रिप कार्ड भी जारी किया जा रहा है. यह कार्ड 10 दिन के लिए जारी होता है. इससे वाहन की लोकेशन के बारे में जानकारी मिलती है. लेकिन पिछले साल प्रदेश सरकार ने यात्रियों का पंजीकरण शुरू किया था. यह पंजीकरण पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर किया जाता था. पंजीकरण के दौरान यात्रियों को अपने ग्रुप की कुल संख्या और धाम में दर्शन की प्रस्तावित तिथि के संबंध में जानकारी देने की व्यवस्था की गई. इसके साथ ही यात्रा में जाने वाले वाहनों के लिए ऑनलाइन ग्रीन कार्ड व ट्रिप कार्ड की व्यवस्था की गई.

परिवहन विभाग की वेबसाइट को पर्यटन विभाग की वेबसाइट से जोड़ा गया, ताकि यात्रियों के दर्शन करने की तिथि के अनुसार ही ग्रीन कार्ड व ट्रिप कार्ड जारी किए जा सकें. शुरुआत में यह व्यवस्था ठीक चली, लेकिन जब चारधाम में यात्रियों को नियंत्रित किया जाना शुरू किया गया तो इस व्यवस्था में दिक्कत देखी गई. इसे अब आगामी चारधाम यात्रा में दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. इस कड़ी में परिवहन विभाग ने मोबाइल एप बनाया है.

देहरादून: उत्तराखंड राज्य में अप्रैल महीने से चारधाम की यात्रा शुरू होने जा रही है. इसके लिए अभी से पर्यटन विभाग समेत अन्य विभाग व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने में जुट गए हैं. पिछले साल की खामियों से सबक लेते हुए इस साल वो खामियां सामने ना आएं, इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसी क्रम में चारधाम यात्रा में जाने वाले वाहनों के ग्रीन कार्ड व ट्रिप कार्ड अब मोबाइल पर भी बन सकेंगे. इसके लिए परिवहन विभाग ने मोबाइल एप तैयार कर लिया है. अब सचिव परिवहन के साथ इस एप व चारधाम यात्रा के संबंध में बैठक प्रस्तावित है. इस एप को नाम देने के साथ ही इसे लॉन्च करने के संबंध अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

गौर हो कि परिवहन विभाग में जो मोबाइल एप तैयार किया है, उसको यात्रियों के पंजीकरण के लिए पर्यटन विभाग की वेबसाइट से जोड़ने की तैयारी चल रही है. हालांकि, इस बात पर फोकस किया जा रहा है कि पंजीकरण के बाद दर्शन करने की तिथि और ट्रिप कार्ड की तिथि में अंतर न रहे. बता दें कि साल 2022 में हुई चारधाम यात्रा में इस तरह की कमियां देखने को मिली थी. क्योंकि उस दौरान दर्शन करने की तिथि और ट्रिप कार्ड की तिथि में काफी अंतर था. जिसके चलते श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. यही नहीं, इस एप में चारधाम के साथ ही हेमकुंड साहिब और अन्य धार्मिक स्थलों के भी विकल्प को शामिल किए जाने पर जोर दिया जा रहा है.
पढ़ें-Bhavishya Badri: सच हो रही भविष्‍य बदरी को लेकर की गई भविष्‍यवाणी? क्योंकि...पाताल में समा रहा जोशीमठ!

प्रदेश में हर साल चारधाम यात्रा पर जाने वाले वाहनों के ग्रीन कार्ड बनाए जाते हैं. ग्रीन कार्ड का अर्थ यह होता है कि वाहनों के कागजात दुरुस्त हैं और वाहन यात्रा मार्ग पर संचालन के लिए पूरी तरह ठीक हैं. बीते वर्ष से ग्रीन कार्ड के साथ ही ट्रिप कार्ड भी जारी किया जा रहा है. यह कार्ड 10 दिन के लिए जारी होता है. इससे वाहन की लोकेशन के बारे में जानकारी मिलती है. लेकिन पिछले साल प्रदेश सरकार ने यात्रियों का पंजीकरण शुरू किया था. यह पंजीकरण पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर किया जाता था. पंजीकरण के दौरान यात्रियों को अपने ग्रुप की कुल संख्या और धाम में दर्शन की प्रस्तावित तिथि के संबंध में जानकारी देने की व्यवस्था की गई. इसके साथ ही यात्रा में जाने वाले वाहनों के लिए ऑनलाइन ग्रीन कार्ड व ट्रिप कार्ड की व्यवस्था की गई.

परिवहन विभाग की वेबसाइट को पर्यटन विभाग की वेबसाइट से जोड़ा गया, ताकि यात्रियों के दर्शन करने की तिथि के अनुसार ही ग्रीन कार्ड व ट्रिप कार्ड जारी किए जा सकें. शुरुआत में यह व्यवस्था ठीक चली, लेकिन जब चारधाम में यात्रियों को नियंत्रित किया जाना शुरू किया गया तो इस व्यवस्था में दिक्कत देखी गई. इसे अब आगामी चारधाम यात्रा में दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. इस कड़ी में परिवहन विभाग ने मोबाइल एप बनाया है.

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