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महिलाओं को दिया गाय के गोबर से बनने वाले उत्पादों का प्रशिक्षण

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Published : Mar 4, 2021, 5:45 PM IST

Updated : Mar 4, 2021, 7:38 PM IST

वन प्रभाग के तत्वावधान में स्वानंद गौ विज्ञान संस्था नागपुर के सहयोग से बंगलों की कांडी में गाय के गोबर से उत्पाद बनाने हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. प्रशिक्षण शिविर में ग्रामीण महिलाओं को गाय के गोबर से बनाये जाने वाले उत्पादों का प्रशिक्षण दिया गया.

Training of cow dung products
Training of cow dung products

मसूरी: उत्तराखंड में पहली बार मसूरी वन प्रभाग के तत्वाधान में स्वानंद गौ विज्ञान संस्था नागपुर के सहयोग से बंगलों की कांडी में गाय के गोबर से निर्मित उत्पाद बनाने हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. इसमें ग्रामीण महिलाओं को गाय के गोबर से बनाये जाने वाले उत्पादों का प्रशिक्षण दिया गया. वहीं इस शिविर में महिलाओं ने बडे़ ही उत्साह के साथ प्रतिभाग किया.

महिलाओं को दिया गाय के गोबर से बनने वाले उत्पादों का प्रशिक्षण.

इस मौके पर मसूरी वन प्रभाग की डीएफओ कहकशां नसीम ने बताया कि वन विभाग के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की आर्थिकी को मजबूत करने व गोबर से बने उत्पादों को व्यावसायिक रूप देने के उद्देश्य से यह प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया है. इसमें महिलाओं ने बड़े उत्साह से प्रतिभाग किया है. इसके लिए मशीनें मंगवाई गईं व उससे गाय के गोबर से दीए, धूपबत्ती, लकड़ी आदि बनायी जा रही है. इसका अच्छा रिस्पांस मिल रहा है और इसकी मांग लगातार बढ़ रही है. साथ ही यह कार्यक्रम यमुना व अगलाड़ घाटी में पूरे क्षेत्र में किया जा रहा है.

साथ ही उन्होंने कहा कि वन विभाग इसमें इसलिए जुड़ा कि इससे वनों पर दबाव कम पडे़गा. वहीं, इसमें जड़ी-बूटियों का प्रयोग भी किया जायेगा, ताकि उत्पाद अच्छे बनें. यह आजीविका समर्थन कार्यक्रम के तहत किया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि इससे पलायन भी रुकेगा और गांव की आर्थिकी भी मजबूत होगी. साथ ही जंगल भी सुदृढ़ और समृद्ध होंगे और जंगलों पर दबाव कम पडे़गा.

ये भी पढ़ेंः रेल मंत्री ने वर्चुअली सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस का किया उद्घाटन

वहीं, इस मौके पर नागपुर स्वानंद गौ विज्ञान संस्था से आये जितेंद्र ने बताया कि इस योजना से महिलाओं को घर बैठे रोजगार मिलेगा. इसमें लागत भी कुछ नहीं है, केवल चार-पांच सौ रुपये से यह कार्य शुरू किया जा सकता है. हमारे देश की सबसे बड़ी श्रम शक्ति महिलाएं हैं, जो अपने घर के कार्य से बचे तीन-चार घंटों में इस काम को करके रोजगार प्राप्त कर सकती हैं.

वहीं, इस मौके पर प्रशिक्षण ले रहीं ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि यह प्रशिक्षण मसूरी वन प्रभाग के माध्यम से आयोजित किया गया है, जिसमें महिलाओं को घर बैठ कर गोबर से विभिन्न उत्पाद बनाये जाने का प्रशिक्षण दिया गया व महिलाओं ने बड़े ही रुचि से इस कार्य को सीखा और आने वाले समय में इन उत्पादों को बेच कर महिलायें आर्थिक स्वावलंबन की ओर आगे बढ़ेंगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकेगी.

मसूरी: उत्तराखंड में पहली बार मसूरी वन प्रभाग के तत्वाधान में स्वानंद गौ विज्ञान संस्था नागपुर के सहयोग से बंगलों की कांडी में गाय के गोबर से निर्मित उत्पाद बनाने हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. इसमें ग्रामीण महिलाओं को गाय के गोबर से बनाये जाने वाले उत्पादों का प्रशिक्षण दिया गया. वहीं इस शिविर में महिलाओं ने बडे़ ही उत्साह के साथ प्रतिभाग किया.

महिलाओं को दिया गाय के गोबर से बनने वाले उत्पादों का प्रशिक्षण.

इस मौके पर मसूरी वन प्रभाग की डीएफओ कहकशां नसीम ने बताया कि वन विभाग के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की आर्थिकी को मजबूत करने व गोबर से बने उत्पादों को व्यावसायिक रूप देने के उद्देश्य से यह प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया है. इसमें महिलाओं ने बड़े उत्साह से प्रतिभाग किया है. इसके लिए मशीनें मंगवाई गईं व उससे गाय के गोबर से दीए, धूपबत्ती, लकड़ी आदि बनायी जा रही है. इसका अच्छा रिस्पांस मिल रहा है और इसकी मांग लगातार बढ़ रही है. साथ ही यह कार्यक्रम यमुना व अगलाड़ घाटी में पूरे क्षेत्र में किया जा रहा है.

साथ ही उन्होंने कहा कि वन विभाग इसमें इसलिए जुड़ा कि इससे वनों पर दबाव कम पडे़गा. वहीं, इसमें जड़ी-बूटियों का प्रयोग भी किया जायेगा, ताकि उत्पाद अच्छे बनें. यह आजीविका समर्थन कार्यक्रम के तहत किया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि इससे पलायन भी रुकेगा और गांव की आर्थिकी भी मजबूत होगी. साथ ही जंगल भी सुदृढ़ और समृद्ध होंगे और जंगलों पर दबाव कम पडे़गा.

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वहीं, इस मौके पर नागपुर स्वानंद गौ विज्ञान संस्था से आये जितेंद्र ने बताया कि इस योजना से महिलाओं को घर बैठे रोजगार मिलेगा. इसमें लागत भी कुछ नहीं है, केवल चार-पांच सौ रुपये से यह कार्य शुरू किया जा सकता है. हमारे देश की सबसे बड़ी श्रम शक्ति महिलाएं हैं, जो अपने घर के कार्य से बचे तीन-चार घंटों में इस काम को करके रोजगार प्राप्त कर सकती हैं.

वहीं, इस मौके पर प्रशिक्षण ले रहीं ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि यह प्रशिक्षण मसूरी वन प्रभाग के माध्यम से आयोजित किया गया है, जिसमें महिलाओं को घर बैठ कर गोबर से विभिन्न उत्पाद बनाये जाने का प्रशिक्षण दिया गया व महिलाओं ने बड़े ही रुचि से इस कार्य को सीखा और आने वाले समय में इन उत्पादों को बेच कर महिलायें आर्थिक स्वावलंबन की ओर आगे बढ़ेंगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकेगी.

Last Updated : Mar 4, 2021, 7:38 PM IST
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