देहरादून: राजधानी देहरादून के व्यापारी पिछले 6 महीनों से कोरोना का दंश झेल रहे हैं. अब प्रशासन ने भी उनकी चिताएं बढ़ा दी हैं. जल्द ही प्रशासन राजधानी में अतिक्रमण हटाने का काम शुरू करने वाला है. व्यापारियों का कहना है कि सरकार अतिक्रमण हटाने के नाम पर उनका मानसिक उत्पीड़न कर रही है.
बता दें शासन की तैयारियों के अनुसार जल्द ही एक बार फिर से देहरादून शहर में अतिक्रमण के नाम पर शासन का पीला पंजा कहर ढाएगा. ऐसे में पिछले 6 महीनों से कोरोना और लॉकडाउन की मार झेल रहे व्यापारियों की परेशानियां और बढ़ गई हैं. सरकार ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर व्यापारियों को एक और टेंशन दे दी है.
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व्यापारियों का कहना है कि पिछले 6 महीनों से वे मंदी, कोरोना और लॉकडाउन की मार झेल रहे हैं. अब अनलॉक के बाद आने वाला त्योहारी सीजन से उन्हें उम्मीदें थी. उससे पहले ही सरकार ने अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू करने की बात कही है. जिसका असर सीधे उनके काम पर पड़ेगा. व्यापारियों का कहना है कि वे पहले ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. ऐसे में सरकार को उनके साथ खड़ा होना चाहिए, मगर सरकार अब अतिक्रमण हटाने का काम शुरू करने जा रही है. जिससे एक बार फिर उन्हें परेशानियों से दो-चार होना पड़ेगा.
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उत्तराखंड प्रदेश उद्योग व्यपार मंडल के गढ़वाल मंडल प्रभारी राजेन्द्र प्रसाद गोयल ने सरकार से गुहार लगाई है कि सरकार व्यापारियों पर थोड़ा रहम करें. उन्होंने कहा अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया को त्योहारी सीजन के बाद शुरू किया जाये. व्यापारियों के अनुसार शहर में काफी हद तक अतिक्रमण को हटाया जा चुका है, लेकिन अभी भी अगर अतिक्रमण बाकी है तो उसको चिन्हित किया जा सकता है. त्योहारी सीजन के बाद उसे हटाया जा सकता है.
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वहीं, दून उद्योग व्यापार मंडल के महासचिव सुनील मैसन ने कहा कि यह सरकार को सोचना चाहिए कि आम जनता अभी किन हालातों में है. इस तरह के फैसले सरकार की संवेदनशीलता को दिखाते हैं. उन्होंने कहा त्योहारी सीजन में व्यापारियों का काम पटरी पर लौट सकता है, मगर सरकार के इस अभियान के बाद अब यह भी मुश्किल लग रहा है.