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चारधाम यात्रा से जुड़े व्यापारियों पर कोरोना का 'कहर', 100 करोड़ से अधिक का नुकसान - lost 100 crores due to Corona virus

उत्तराखंड में कोरोना वायरस के कारण चारधाम यात्रा से जुड़े व्यापारियों को 100 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है.

traders associated with Chardham Yatra have lost 100 crores
चारधाम यात्रा से जुड़े व्यापारियों पर कोरोना की 'मार
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Published : May 8, 2020, 6:57 PM IST

ऋषिकेश: उत्तराखंड की रीढ़ की हड्डी चारधाम यात्रा पर कोरोना वायरस के कारण संकट के बादल मंडरा रहे हैं. चारधाम यात्रा शुरू नहीं होने के चलते ट्रैवेल्स, होटल और अन्य व्यवसायों से व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है.

विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा का प्रवेश द्वार तीर्थनगरी ऋषिकेश को कहा जाता है. कई दशकों से चारधाम यात्रा के लिए गाड़ियों का इंतजाम संयुक्त रोटेशन समिति द्वारा किया जाता रहा है. इस समिति से 9 निजी परिवहन कंपनियां जुड़ी हैं.

जिनकी करीब 15 सौ बसें श्रद्धालुओं को धामों तक पहुंचाने और लाने का काम करती हैं. इस एजेंसी से जुड़े लोग पूरी तरह चारधाम यात्रा पर निर्भर हैं और यात्राकाल में हुई कमाई से ही घर चलाते हैं. लॉकडाउन के चलते ट्रैवेल और होटल के जुड़े लोग पिछले डेढ़ माह से खाली बैठे हुए हैं.

चारधाम यात्रा से जुड़े व्यापारियों पर कोरोना की 'मार

ये भी पढ़ें: सरकार से 'तेज' निकले शराब के शौकीन, टैक्स लगने से पहले ही फुल किया स्टॉक

चारधाम यात्रा के दौरान लाखों की संख्या में यात्री ऋषिकेश आते हैं. जिसकी वजह से शहर के होटल, ट्रैवेल्स और अन्य व्यापारियों को अच्छी आमदनी होती थी. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते चारधाम यात्रा शुरू नहीं हो पाई है. जिसकी वजह से छोटे व्यापारी परेशान हैं और सरकार की तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं.

कोरोना वायरस की मार होटल व्यापारियों पर भी पड़ी है. दरअसल यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु कई दिनों के लिए होटल बुक कराते थे. लेकिन कोरोना वायरस के चलते व्यापार पूरी तरह से ठप हो चुका है.

ऋषिकेश: उत्तराखंड की रीढ़ की हड्डी चारधाम यात्रा पर कोरोना वायरस के कारण संकट के बादल मंडरा रहे हैं. चारधाम यात्रा शुरू नहीं होने के चलते ट्रैवेल्स, होटल और अन्य व्यवसायों से व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है.

विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा का प्रवेश द्वार तीर्थनगरी ऋषिकेश को कहा जाता है. कई दशकों से चारधाम यात्रा के लिए गाड़ियों का इंतजाम संयुक्त रोटेशन समिति द्वारा किया जाता रहा है. इस समिति से 9 निजी परिवहन कंपनियां जुड़ी हैं.

जिनकी करीब 15 सौ बसें श्रद्धालुओं को धामों तक पहुंचाने और लाने का काम करती हैं. इस एजेंसी से जुड़े लोग पूरी तरह चारधाम यात्रा पर निर्भर हैं और यात्राकाल में हुई कमाई से ही घर चलाते हैं. लॉकडाउन के चलते ट्रैवेल और होटल के जुड़े लोग पिछले डेढ़ माह से खाली बैठे हुए हैं.

चारधाम यात्रा से जुड़े व्यापारियों पर कोरोना की 'मार

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चारधाम यात्रा के दौरान लाखों की संख्या में यात्री ऋषिकेश आते हैं. जिसकी वजह से शहर के होटल, ट्रैवेल्स और अन्य व्यापारियों को अच्छी आमदनी होती थी. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते चारधाम यात्रा शुरू नहीं हो पाई है. जिसकी वजह से छोटे व्यापारी परेशान हैं और सरकार की तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं.

कोरोना वायरस की मार होटल व्यापारियों पर भी पड़ी है. दरअसल यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु कई दिनों के लिए होटल बुक कराते थे. लेकिन कोरोना वायरस के चलते व्यापार पूरी तरह से ठप हो चुका है.

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