मसूरी: नगर में नये साल का जश्न फीका नजर आ रहा है. कोविड को लेकर सरकार द्वारा लगाए गए नाइट कर्फ्यू (uttarakhand night curfew) का पर्यटन पर असर दिखाई दे रहा है. मसूरी में बाजारों से रौनक गायब है. पर्यटक अपनी बुकिंग कैंसिल कर रहे हैं. यही नहीं कई लोग वापस अपने घरों को लौट रहे हैं. इसका सीधा असर मसूरी के पर्यटन कारोबार पर पड़ रहा है. इस कारण स्थानीय व्यापारियों के चेहरे मुरझा गए हैं.
बुकिंग कैंसिल: गौर हो कि उत्तराखंड में कोरोना के नए वेरिएंट (corona new variant) को लेकर सरकार द्वारा नई गाइडलाइन जारी की गई है. गाइडलाइन के अनुसार रात्रि 11 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया गया है. वहीं कोविड नियमों का पालन न करने पर कार्रवाई भी की जा रही है. नाइट कर्फ्यू लगने के बाद मसूरी के बाजारों से रौनक गायब है. बड़ी संख्या में पर्यटकों ने अपनी बुकिंग कैंसिल कर दी है. यही नहीं कई लोग वापस अपने घरों को लौट रहे हैं.
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मसूरी में पसरा सन्नाटा: कोरोना की नई गाइडलाइन के तहत नए साल के जश्न को लेकर रात 11 बजे के बाद किसी प्रकार का कार्यक्रम आयोजित ना करने के भी निर्देश जारी किए गए हैं. इसका असर मसूरी और अन्य पर्यटन स्थलों पर साफ तौर पर देखा जा रहा है. नए साल से एक दिन पूर्व मसूरी में काफी भीड़ हो जाती थी. परंतु इस बार कोविड के नये वेरिएंट ओमीक्रोन को लेकर सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का असर देखा जा रहा है.
व्यवसायियों की चिंता: मसूरी के मुख्य बाजार माल रोड पर भी पर्यटक काफी कम संख्या में नजर आ रहे आए हैं. पर्यटकों का कहना है कि सरकार ने रात्रि 11 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगा दिया है, जबकि नए साल का जश्न 12 बजे के बाद मनाया जाता है. सरकार के इस फरमान से उन्हें मायूसी है. वहीं मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के महामंत्री जगजीत कुकरेजा और स्थानीय दुकानदार धर्मपाल पंवार ने कहा कि सरकार द्वारा कोविड को लेकर जारी नियमों के कारण मसूरी का व्यापार पूरी तरीके से प्रभावित हो गया है.
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पर्यटन पर असर: वहीं पर्यटकों को मसूरी आने के लिए 72 घंटे पहले की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य कर दिया गया है. जिन लोगों को कोविड वैक्सीन की दो डोज लगी हैं, उनको भी प्रमाण पत्र लाने पर ही प्रवेश देने की बात कही गई है. इस कारण पर्यटक बड़ी संख्या में अपनी बुकिंग कैंसिल कर रहे हैं. जगजीत कुकरेजा ने कहा कि सरकार के इस फैसले से मसूरी और अन्य पर्यटक स्थलों का व्यवसाय बुरी तरीके से प्रभावित हो गया है और खामियाजा स्थानीय लोगों के साथ ही दुकानदारों को भुगतना पड़ रहा है.