ऋषिकेश: आईडीपीएल कंपनी की जगह अब टूरिस्ट वैलनेस सेंटर योजना के निर्माण की कवायद को तेज कर दिया गया है. राज्य के पर्यटन विभाग से जुड़ी इस योजना को केंद्रीय नीति आयोग से सैद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है. लिहाजा अब आईडीपीएल कैंपस में अवैध रूप से काबिज लोगों को हटाने की तैयारी की जा रही है. जिसके लिए डीएम ने राजस्व समेत चार विभागों की संयुक्त टीम को सर्वे कर कार्रवाई के मौखिक निर्देश जारी कर दिए हैं.
दरअसल, केंद्र सरकार के रसायन मंत्रालय के अधीन आईडीपीएल कंपनी को पहले ही बंद किए जाने का निर्णय केंद्रीय कैबिनेट ले चुकी है, जिसके तहत अब आईडीपीएल की जमीन पर टूरिस्ट वेलनेस सेंटर निर्माण की योजना को मंजूर किया गया है. मौजूदा वक्त में आईडीपीएल के पास वन विभाग की कुल 833 एकड़ भूमि लीज पर है, जिसकी लीज इसी साल नवंबर माह में समाप्त हो रही है. लीज समाप्ति के बाद इस भूमि को पर्यटन विभाग को ट्रांसफर किया जाना है. इसकी जानकारी खुद वन विभाग के देहरादून डीएफओ राजीव धीमान ने ऋषिकेश में आयोजित तहसील दिवस में दी.
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डीएफओ का यह भी दावा है कि आईडीपीएल क्षेत्र में करीब 63 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण है. उधर, ट्रांसफर प्रक्रिया से पहले आईडीपीएल क्षेत्र में काबिज लोगों की सही स्थिति का डाटा तैयार करने के निर्देश डीएम डॉ आर राजेश कुमार ने जारी किए हैं. उन्होंने यह जिम्मेदारी राजस्व, फॉरेस्ट, पर्यटन और पुलिस को सौंपी है.
जिला पर्यटन अधिकारी जसपाल चौहान के मुताबिक आईडीपीएल में काबिज कृष्णानगर कॉलोनी अवैध है, जिसमें वर्तमान समय में करीब 800 लोग बसे हैं. इन लोगों की संख्या का पुख्ता डाटा तैयार कर शासन के समक्ष पेश किया जाना है. इन लोगों का हटाने या फिर अन्य किसी भी तरह के इंतजाम को लेकर शासन को ही निर्णय लेना है. बता दें कि इस पूरी कवायद से कहीं न कहीं कृष्णानगर कॉलोनी में काबिज लोगों की मुश्किलें बढ़नी तय हैं.