देहरादूनः राजधानी देहरादून के चिड़ियाघर में मौजूद विभिन्न प्रजाति की बर्ड्स की चहचहाहट बढ़ गई है. चिड़ियाघर में पर्यटकों की आवाजाही से एक बार फिर पक्षियों की चहचहाहट, कोयल की कूक, मोर की पीहू और हवा की सरसराहट तेज हो गई है. पिछले करीब डेढ़ महीने से बंद पड़े प्रदेश के तमाम चिड़ियाघर एक बार फिर पर्यटकों से गुलजार दिखने लगे हैं. चिड़ियाघर में आकर जितना अच्छा प्रकृति और वन्य जीव प्रेमियों को लग रहा है, उससे पर्यटन विभाग को भी राजस्व बढ़ने की उम्मीद बढ़ गई है.
कर्फ्यू के दौरान एनटीसीए (National Tiger Conservation Authority) के आदेशों के बाद बंद किए गए संरक्षित क्षेत्र और चिड़ियाघर पर्यटकों की आवाजाही के लिहाज से सन्नाटे में दिखाई देने लगे थे. इसका सीधा असर विभिन्न प्रजाति की चिड़ियाओं पर भी दिखाई देने लगा था.
स्वभाव में अंतर
देहरादून चिड़ियाघर के वन क्षेत्राधिकारी मोहन सिंह रावत कहते हैं कि जिस दौरान चिड़ियाघर बंद था, उस समय विभिन्न प्रजाति की चिड़िया के स्वभाव में इसका असर दिखाई दिया. यह पक्षी कुछ मायूस दिखाई देने के साथ इनके स्वभाव में भी अंतर नजर आने लगा था. लेकिन अब पर्यटकों की चहलकदमी से पक्षियों की चहचहाहट बढ़ गई है.
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आदी हो जाते हैं चिड़ियाघर के पक्षी
वन्यजीव विशेषज्ञों की मानें तो चिड़ियाघर में बंद वन्य जीव पर्यटकों की आवाजाही के कारण इसके आदी हो जाते हैं. लेकिन कोरोना कर्फ्यू के कारण पर्यटकों की आवाजाही बंद होने से पक्षियों की गतिविधियों में अंतर दिखाई देने लगा था. लेकिन एक बार फिर पर्यटकों के चिड़ियाघरों में पहुंचने से पक्षियों के संसार की फिजां रंगीन बन गई है.
देहरादून चिड़ियाघर में इन पक्षियों का करें दीदार
- संकनूर
- पल हाइड्रेट पैरेट
- कलिज
- कोकाटेल पक्षी
- लेडी एम्बरेस्ट
- रेजरिंग पैरेट
- एलफजेंड्रिन पैरेट
- बजरीगर
- लव बर्ड
- सिल्वर फिजेंट
- गोल्डन फिजेंट
- पीकॉक
- अफ्रीकन ग्रे
- मकाऊ