देहरादून: उत्तराखंड सरकार में सब कुछ ठीक चल रहा है या नहीं इसका अंदाजा अक्सर मंत्रियों की कदमताल से लगाया जाता है. धामी सरकार में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज उत्तराखंड के एक ऐसे मंत्री हैं जो अपनी ही सरकार में रूठे-रूठे नजर आते हैं. शायद यही कारण है कि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज प्रदेश में चल रही विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा के बाद भी नदारद से नजर आ रहे हैं. विपक्ष इसी बात को लेकर सवाल उठा रहा है. हालांकि, बीजेपी ने इसका बचाव किया है.
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा रिकॉर्ड तोड़ रही है. चारों धामों और हेमकुंड साहिब मिलाकर करीब 26 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. चारों धामों में आई भीड़ के लिए व्यवस्थाएं बनाने के लिए अधिकारी सड़कों पर हैं, लेकिन जिनके ऊपर सबसे बड़ी जिम्मेदारी है वो पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज चार धाम यात्रा से नदारद दिखाई दे रहे हैं. ना कोई बैठक, ना कोई दौरा, आखिर कहां हैं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, विपक्ष यही पूछ रहा है.
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राज्य के पर्यटन मंत्री को लेकर विपक्ष का आरोप है कि प्रदेश में यात्रा की खराब व्यवस्था से यात्री परेशान हैं. इस बार यात्रा की शुरुआत से अभी तक प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और पर्यटन मंत्री दोनों नजर नहीं आए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता शिवपाल बिष्ट ने कहा सतपाल महाराज की सरकार से क्या नाराजगी है ये तो भगवान ही जाने, लेकिन इतना जरूर है कि सतपाल महाराज के काम करने के स्टाइल से साफ पता चलता है कि उनको न तो मंत्रालय में रुचि और न ही उन्हें प्रदेश की जनता से कोई मतलब है. उनके विभागों के अधिकारियों के साथ उनके अक्सर विवाद देखने को मिलते हैं.
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दूसरी तरफ भाजपा का कहना है कि सतपाल महाराज का वर्किंग स्टाइल बेहद अच्छा है. चारधाम यात्रा बेहतरीन चल रही है. महाराज पूरे एक्टिव हैं, लेकिन चारधाम यात्रा से मंत्री नदारद क्यों हैं? इसके जवाब में भाजपा प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ने कहा कि प्रदेश में यात्रा व्यवस्थाएं बनाना और पर्यटन से जुड़ी तमाम जिम्मेदारियों के लिए केवल सतपाल महाराज जिम्मेदार नहीं है, बल्कि, यह पूरी सरकार की प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, पूरा शासन और सरकार इस वक्त चार धाम यात्रा को सुचारू संचालित करने में लगे हैं. उन्होंने कहा यह अकेले सतपाल महाराज की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि अधिकारी, कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं.