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प्रदेश के मंदिरों को पर्यटन के लिहाज से विकसित करने पर जोर, महाराज ने ली बैठक

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने प्रदेश के प्राचीन मंदिरों की जानकारी लेते हुए पर्यटन एवं तीर्थाटन की दृष्टि से इनके व्यापक प्रचार एवं प्रसार पर मंथन किया. मंदिरों को पर्यटन के लिहाज से विकसित करने के निर्देश दिए.

Tourism Minister Satpal Maharaj
सतपाल महाराज न्यूज
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Published : Nov 26, 2020, 11:05 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने को लेकर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई. बैठक में प्रदेश के सभी जिलों में मौजूद प्राचीन मंदिरों की जानकारी लेते हुए पर्यटन एवं तीर्थाटन की दृष्टि से इनके व्यापक प्रचार एवं प्रसार पर मंथन किया गया. इस मौके पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में आने वाले पर्यटकों व तीर्थ यात्रियों को सभी प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिरों की जानकारी देना आवश्यक है, जिससे राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.

Tourism Minister Satpal Maharaj
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में बैठक.

पर्यटन मंत्री ने बताया कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से आग्रह किया है कि वे फिल्म निर्माताओं को उत्तराखंड की चर्चित हस्तियों जैसे नैन सिंह रावत, अजीत डोभाल, थारू व बोक्सा जाति, राजा मालूसाई आदि के जीवन पर फिल्म का निर्माण करने के लिए भी प्रेरित करें. यही नहीं, पर्यटन की दृष्टि से अल्मोड़ा में स्थित शिव मंदिर कपिलेश्वर व जागेश्वर, पिथौरागढ़ में पाताल भुवनेश्वर, बागेश्वर में बैजनाथ व बागनाथ, चम्पावत में कान्तेश्वर मंदिर, नैनीताल में भीमेश्वर मंदिर, उधम सिंह नगर में मोटेश्वर महादेव, टिहरी में कोटेश्वर महादेव मंदिर, रुद्रप्रयाग में पंच केदार, उत्तरकाशी में विश्वनाथ मंदिर, हरिद्वार में दक्ष प्रजापति मंदिर, चमोली में रुद्रनाथ शिव मंदिर व कल्पेश्वर शिव मंदिर, पौड़ी में क्यूंकालेश्वर मंदिर, नीलकण्ड, एकेश्वर मंदिर और देहरादून में लाखामण्डल स्थित शिव मंदिर कुल 24 प्राचीन शिव मंदिरों को चिन्हित किया गया है.

वहीं, विष्णु भगवान के मंदिरों में बदरीनाथ मंदिर, छत्तरगुला द्वाराहाट अल्मोड़ा, राम मन्दिर नारायण काली, बदरीनाथ अल्मोड़ा, विष्णु मंदिर कोटली गंगोलीहाट पिथौरागढ़, मूल नारायण बागेश्वर, नारायण कोटि रुद्रप्रयाग, नारायण शिला हरिद्वार, पंच बदरी चमोली, सत्य नारायण मंदिर देहरादून, रघुनाथ मंदिर देवप्रयाग, उत्तरकाशी रघुनाथ गैलबनार, पौड़ी में वैष्णव मंदिर समूह देवलगढ़ कुल 16 विष्णु मंदिरों को चिन्हित किया गया है. इसके साथ ही प्राचीन नाग देवता मंदिरों में नागनाथ मंदिर चम्पावत, पिगली नाग मंदिर पाखू, बेड़ी नाग मंदिर बेरीनाग पिथौरागढ़, फेणी नाग देवता मंदिर, धौली नाग मंदिर बागेश्वर, कारकोटक नैनीताल, सेम मुखेम नाग मंदिर टिहरी, नागराज देवता मंदिर मसूरी देहरादून व डांडा नागराजा मंदिर पौड़ी को चिन्हित किया गया है.

पढ़ें- केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में श्रमिक संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल शुरू

नवगृह सर्किट में मानिला देवी और अल्मोड़ा के कटारमल स्थित सूर्य मंदिर, आदित्य सूर्य मंदिर रमक चम्पावत, नैनीताल में स्थित विश्व का एक मात्र प्राचीन मंदिर जहां गुरु बृहस्पति की पूजा की जाती है, उत्तरकाशी खर्साली में शनि देव महाराज का प्राचीन मंदिर व पौड़ी में स्थित राहु मंदिर को चिन्हित किया गया है. अल्मोड़ा के चितई गोलज्यू व गैराण मंदिर, चम्पावत स्थित गोलू देवता व नैनीताल के घोड़ाखाल में स्थित गोलू मंदिर को पर्यटन की दृष्टि से चिन्हित किया गया है. बैठक में उत्तराखंड राज्य में पर्यटकों की बढ़ोत्तरी के लिए सिखों के धार्मिक स्थलों, यहां के सिद्धपीठों, बुद्ध स्थलों व अल्मोड़ा के लखुडयार, पाताल रुद्रेश्वर आदि को चिन्हित करने के दिशा निर्देश दिये, जिससे राज्य में पर्यटन को चार चांद लग सकें.

देहरादून: उत्तराखंड में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने को लेकर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई. बैठक में प्रदेश के सभी जिलों में मौजूद प्राचीन मंदिरों की जानकारी लेते हुए पर्यटन एवं तीर्थाटन की दृष्टि से इनके व्यापक प्रचार एवं प्रसार पर मंथन किया गया. इस मौके पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में आने वाले पर्यटकों व तीर्थ यात्रियों को सभी प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिरों की जानकारी देना आवश्यक है, जिससे राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.

Tourism Minister Satpal Maharaj
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में बैठक.

पर्यटन मंत्री ने बताया कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से आग्रह किया है कि वे फिल्म निर्माताओं को उत्तराखंड की चर्चित हस्तियों जैसे नैन सिंह रावत, अजीत डोभाल, थारू व बोक्सा जाति, राजा मालूसाई आदि के जीवन पर फिल्म का निर्माण करने के लिए भी प्रेरित करें. यही नहीं, पर्यटन की दृष्टि से अल्मोड़ा में स्थित शिव मंदिर कपिलेश्वर व जागेश्वर, पिथौरागढ़ में पाताल भुवनेश्वर, बागेश्वर में बैजनाथ व बागनाथ, चम्पावत में कान्तेश्वर मंदिर, नैनीताल में भीमेश्वर मंदिर, उधम सिंह नगर में मोटेश्वर महादेव, टिहरी में कोटेश्वर महादेव मंदिर, रुद्रप्रयाग में पंच केदार, उत्तरकाशी में विश्वनाथ मंदिर, हरिद्वार में दक्ष प्रजापति मंदिर, चमोली में रुद्रनाथ शिव मंदिर व कल्पेश्वर शिव मंदिर, पौड़ी में क्यूंकालेश्वर मंदिर, नीलकण्ड, एकेश्वर मंदिर और देहरादून में लाखामण्डल स्थित शिव मंदिर कुल 24 प्राचीन शिव मंदिरों को चिन्हित किया गया है.

वहीं, विष्णु भगवान के मंदिरों में बदरीनाथ मंदिर, छत्तरगुला द्वाराहाट अल्मोड़ा, राम मन्दिर नारायण काली, बदरीनाथ अल्मोड़ा, विष्णु मंदिर कोटली गंगोलीहाट पिथौरागढ़, मूल नारायण बागेश्वर, नारायण कोटि रुद्रप्रयाग, नारायण शिला हरिद्वार, पंच बदरी चमोली, सत्य नारायण मंदिर देहरादून, रघुनाथ मंदिर देवप्रयाग, उत्तरकाशी रघुनाथ गैलबनार, पौड़ी में वैष्णव मंदिर समूह देवलगढ़ कुल 16 विष्णु मंदिरों को चिन्हित किया गया है. इसके साथ ही प्राचीन नाग देवता मंदिरों में नागनाथ मंदिर चम्पावत, पिगली नाग मंदिर पाखू, बेड़ी नाग मंदिर बेरीनाग पिथौरागढ़, फेणी नाग देवता मंदिर, धौली नाग मंदिर बागेश्वर, कारकोटक नैनीताल, सेम मुखेम नाग मंदिर टिहरी, नागराज देवता मंदिर मसूरी देहरादून व डांडा नागराजा मंदिर पौड़ी को चिन्हित किया गया है.

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नवगृह सर्किट में मानिला देवी और अल्मोड़ा के कटारमल स्थित सूर्य मंदिर, आदित्य सूर्य मंदिर रमक चम्पावत, नैनीताल में स्थित विश्व का एक मात्र प्राचीन मंदिर जहां गुरु बृहस्पति की पूजा की जाती है, उत्तरकाशी खर्साली में शनि देव महाराज का प्राचीन मंदिर व पौड़ी में स्थित राहु मंदिर को चिन्हित किया गया है. अल्मोड़ा के चितई गोलज्यू व गैराण मंदिर, चम्पावत स्थित गोलू देवता व नैनीताल के घोड़ाखाल में स्थित गोलू मंदिर को पर्यटन की दृष्टि से चिन्हित किया गया है. बैठक में उत्तराखंड राज्य में पर्यटकों की बढ़ोत्तरी के लिए सिखों के धार्मिक स्थलों, यहां के सिद्धपीठों, बुद्ध स्थलों व अल्मोड़ा के लखुडयार, पाताल रुद्रेश्वर आदि को चिन्हित करने के दिशा निर्देश दिये, जिससे राज्य में पर्यटन को चार चांद लग सकें.

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